बुजुर्ग दादा ने गुस्से में तोड़ा मोबाइल, 16 साल की पोती ने 'प्लानिंग' से खिलाया हलवा, संदूक में मिली लाश

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सांकेतिक तस्वीर
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Gwalior Murder: ग्वालियर में एक बुजुर्ग दादा ने नाबालिग पोती की हरकतों से गुस्सा होकर उसका मोबाइल तोड़ दिया तो पोती ने भी पूरी प्लानिंग करके अपने दादा जी से बदला लिया। बाद में संदूक में मिला दादा का शव। 

बक्से में मिली दादा की लाश

ये सनसनीखेज वारदात मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले से सामने आई। 16 साल की बच्ची पर ही अपने दादा की हत्या का संगीन इल्जाम लगा। लेकिन इसके पीछे की पूरी सच्चाई जिसको भी पता चली वो हैरत में पड़ गया। असल में ग्वालियर के माधवगंज थाना इलाके में पुलिस को खबर मिली की इलाके में रहने वाले 64 साल के रिटायर्ड होमगार्ड राम स्वरुप राठौर की लाश कृष्णा नगर कॉलोनी में उनके घर के एक बक्से में मिली। और पुलिस को इत्तेला राम स्वरुप राठौर के बेटे महेश राठौर ने दी। पुलिस जब मौके पर तफ्तीश के लिए पहुँची तो घर में बाकी सभी तो मिले लेकिन महेश की बेटी 16 साल की लड़की छत पर छुपी हुई थी। पहले पहल तो पुलिस ने यही सोचा कि हो न हो पुलिस को देखकर बच्ची डर गई इस वजह से छत पर जाकर छुप गई। 

बक्शे में बंद बुजुर्ग दादा की लाश को निकाला गया

पुलिस की बच्ची से पूछताछ

लेकिन जब तफ्तीश के दौरान पुलिस को घरवालों की बातों से घर के हालात का पता चला तो पुलिस ने उस बच्ची से पूछताछ की। डरी हुई बच्ची कई बार अनाप शनाप बोलने लगी तो पुलिस को कुछ शक हुआ, लिहाजा पुलिस ने जब उसके सामने अपने तेवर सख्त किए तो बच्ची ने सब कुछ सच सच उगल दिया। 

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गुस्से में दादा ने तोड़ा मोबाइल

जो सच सामने आया वो हैरतअंगेज भी था और सच कहें तो डरावना भी। असल में वो 16 साल की लड़की अपना मोबाइल बहुत इस्तेमाल करती थी। बीती 24 मार्च को भी ऐसा ही हुआ। लड़की को मना करने के बावजूद लगातार मोबाइल इस्तेमाल करता देख दादा राम स्वरुप ने गुस्से में आकर उसका मोबाइल पटक दिया जिससे मोबाइल टूट गया। अपने मोबाइल को इस तरह टूटा देख लड़की गुस्से से उबल गई। लेकिन उस वक़्त तो वहां से चली गई मगर उसने पूरी प्लानिंग करके दादा से बदला लेने का ख्याल किया। 

नींद की गोली मिलाकर खिलाया हलवा

बकौल पुलिस पोती ने पहले तो हलवा बनाया और हलवे में ढेर सारी नींद की गोलियां मिला दीं। और वो हलवा अपने दादा को खाने को दिया। हलवा खाने के बाद जब राम स्वरुप को नींद आनें लगी। रामस्वरूप कुर्सी पर बैठे थे, इस बीच उन्हें वॉशरूम जाना था।तब पोती ने सहारा देने के बहाने रामस्वरूप राठौर को धक्का देकर बक्से में पटक दिया और फिर उनकी छाती पर बैठकर गला दबा दिया। इसके बाद नाबालिग पोती ने बक्से में ताला लगा दिया और खाना खाकर सो गई। तीन दिन तक पोती घर में रही। वह बराबर बाहर भी निकलती रही। यहां तक कि उसने इस दौरान अपने प्रेमी को भी घर में मिलने बुलाया। लेकिन उसके दादा के बारे में घर में भी किसी ने कोई खोज खबर नहीं की। 

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सड़न से पता चला लाश का पता

लेकिन जब बक्से से शव के सड़ने से बदबू पैदा हुई तो घर में राम स्वरुप के बेटे ने सारा घर खंगाला तब जाकर उन्हें अपने पिता का शव उस बक्से में मिला जिस पर ताला पड़ा हुआ था। पुलिस की ही पूछताछ में ये बात भी खुली कि उस पोती ने अपने प्रेमी के साथ घर से भागने का भी प्लान बनाया था और इसके लिए एक टैक्सी ड्राइवर से बात भी कर ली थी। 

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पुलिस को गुमराह करने की कोशिश

लेकिन उससे पहले ही उसका भेद खुल गया। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो पहले वो लगातार अपने बयान बदलती रही। बदहवासी में जब पुलिस ने उससे सख्ती दिखाई तो उसने पुलिस को ही गुमराह करने की कोशिश की। पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने हत्या के इस मामले में अपने प्रेमी और उस टैक्सी ड्राइवर को भी फंसाने की कोशिश की। लेकिन आखिरकार पुलिस ने गुत्थी को सुलझा ली। ASP के मुताबिक मरने वाले दादा के गले पर पोती के नाखूनों के निशान भी पाए गए हैं। 

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