दारोगा और हेड कांस्टेबल गिरफ्तार, कपड़ा कारोबारी को अगवा करके मांगी थी फिरौती

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दारोगा और हेड कांस्टेबल गिरफ्तार, कपड़ा कारोबारी को अगवा करके मांगी थी फिरौती
सांकेतिक तस्वीर
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UP Crime: उत्तर प्रदेश के बिजनौर से एक ऐसी खबर आई है जिसने पुलिस की वर्दी को लेकर लोगों के दिलों में शक और गहरा कर दिया है। असल में यहां व्यापारी को अगवा करके लूटने और फिर फिरौती मांगने का एक किस्सा सामने आया। हालांकि इस मामले को जल्दी ही सुलझा लिया गया और रविवार को उस दारोगा और हेडकांस्टेबल को गिरफ्तार भी कर लिया गया जिसने ये हरकत करके फर्ज के साथ गद्दारी की थी। वर्दी के गद्दार दोनों पुलिस वालों को जेल भेज दिया गया है। 

बंधक बनाकर की मारपीट

बताया जा रहा है कि बिजनौर के रहने वाले इश्तियाक आजमगढ़ में कपड़े का कारोबार करते हैं और इसी सिलसिले में अक्सर आजमगढ़ जाते रहते हैं। 29 नवंबर को इश्तियाक को बोलेरो सवार कुछ लोगों ने उन्हें अगवा कर लिया और निराला नगर के चरन गेस्ट हाउस में उन्हें बंधक बनाकर रखा। उनके साथ उन बदमाशों ने जमकर मारपीट भी की। इतना ही नहीं इश्तियाक के पास मौजूद तमाम नकदी और कपड़े तो लूट ही लिये। उनके परिवार के लोगों को फोन करके सवा लाख रुपये की फिरौती मांगी । इश्तियाक किसी तरह उन बदमाशों के चंगुल से छूटकर बाहर निकले और सीधा पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करवाई। 

दारोगा के साथी फरार

इश्तियाक ने जब पुलिस में शिकायत लिखवाई तब ये खुलासा हुआ है कि उन्हें अगवा करने वालों में हसनगंज थाना में तैनात अनुराग द्विवेदी, हैडकांस्टेबल युसुफ हुसैन के साथ हिस्ट्रीशीटर दिनेश गुप्ता और नसीम शामिल थे। बाद में ये भी पता चला कि बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव और शेखर के साथ साथ एक और अज्ञात शख्स ने उनकी मदद की। लिहाजा एफआईआर में इन सभी के नाम दर्जकरवा दिए गए। 

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मुल्जिमों की तलाश 

डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत कौशिक के मुताबिक रविवार को ही दारोगा और हेडकांस्टेबल युसुफ की गिरफ्तारी कर ली गई। इसके अलावा बाकी फरार मुल्जिमों की तलाश के लिए टीमों को अलग अलग दिशाओं में रवाना कर दिया गया है। पुलिस का दावा है कि जल्दी ही उन सभी फरार मुल्जिमों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी।

घर पर जाकर लिया बयान

वारदात के बाद इश्तियाक अपने घर बिजनौर चले गए थे। चूंकि इश्तियाक ने अपना कोई संपर्क नंबर नहीं दिया था लिहाजा पुलिस ने बिजनौर पुलिस की मदद से उनके घर जाकर उनका बयान दर्ज किया है। 

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