फर्जी CBI, NIA अधिकारी बनकर 39 लोगों से ठगे 1 करोड़ 68 लाख रुपए
DIGITAL ARREST: डिजिटल अरेस्ट के मामले में यूपी पुलिस ने लखनऊ से नकली CBI और NIA के अफसरों को गिरफ्तार किया है। लखनऊ में 30 लाख की साइबर ठगी करने वाले आरोपियों को पुलिस की साइबर विंग ने गिरफ्तार कर लिया है। साइबर ठगी के इस मामले में 77 साल की पीड़ित ने लखनऊ के गाजीपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
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![फर्जी CBI, NIA अधिकारी बनकर 39 लोगों से ठगे 1 करोड़ 68 लाख रुपए CrimeTak](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/crtak/images/story/202405/66506e9b7787d-fake-cbi-officer-244026660-16x9.png?size=948:533)
LUCKNOW: ये पूरा मामला साइबर ठगी और डिजिटल अरेस्ट से जुड़ा है। डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगों का लोगों को ठगने का ऐसा तरीका है जिसमें ठग लोगों को ड्रग स्मगलिंग, नकली पासपोर्ट, मनी लॉन्ड्रिंग या फिर ऐसे ही किसी कानूनी पचड़े में फंस जाने की झूठी जानकारी देते हैं और उन पर गिरफ्तारी का डर दिखा कर दबाव बनाते हैं। इसके बाद घबराए हुए लोगों को बैंक एकाउंट नंबर देकर उसमें रुपया जमा करने को कहते हैं। ऐसा ही एक मामला कुछ दिन पहले लखनऊ में दर्ज हुआ था। इसमें इस गैंग के सदस्यों ने खुद को CBI और NIA का अधिकारी बताकर एक रिटायर्ड पीडब्लूडी अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर लिया।
कस्टम अधिकारी बनकर भी ठगा रुपया
जांच में सामने आया कि आरोपी खुद को कस्टम अधिकारी बताकर लगातार लोगों से रुपया ऐंठ रहे थे। ये गैंग अब तक कई लोगों को शिकार बना कर भारी रकम वसूल चुका था। लखनऊ साइबर पुलिस ने मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने देशभर से करीब चालीस लोगों से कुल 1 करोड़ 68 लाख रुपए की ठगी की है। मालूम हुआ कि ठगों ने फोन कर रिटायर्ड अधिकारी को धमकाते हुए बताया कि उसके नाम से दिल्ली से कंबोडिया भेजे गये एक पार्सल में पासपोर्ट और ATM कार्ड मिले हैं और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का शक है। अधिकारी को आरोपियों ने इतना डरा दिया कि उसने बताए हुए खाते में 30 लाख रुपए जमा करा दिए। अधिकारी को इन लोगें पर तब शक हुआ जब इन्होंने और रुपयों की डिमांड की। पीड़ित ने इसके बाद थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई। साइबर पुलिस तफ्तीश में जुट गई और फिर इन आरोपियों को आगरा से गिरफ्तार कर लिया गया।गिरफ्तारी के बाद ये बात सामने आई कि ये गैंग अब तक 39 लोगों से 1 करोड़ 68 लाख रुपया वसूला चुका है।
डिजिटल अरेस्ट होने की यूं मिली सूचना
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि रिटायर्ड अधिकारी को पहले तो इन ठगों ने कस्टम अधिकारी बनकर कॉल किया। फिर उन्हें कंबोडिया जाने वाले पार्सल में फर्जी पासपोर्ट आदि मिलने का डर दिखाया और बताया कि उनके खिलाफ उत्तरी दिल्ली के एक थाने में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज हुआ है। ठगों ने ये भी कहा कि पीड़ित को गिरफ्तार करने पुलिस की टीम दिल्ली से लखनऊ रवाना होने वाली है। इसके बाद पकड़े गए ठगों में से एक ने रिटायर अधिकारी को WHATS APP कॉल करके बताया कि वो डिजिटल अरेस्ट हो चुके हैं। और ये कि अब उन्हें NIA के अधिकारी कॉल करेंगें और उनके बताए खाते में उन्हें बताई गई रकम ट्रांस्फर करनी होगी। इसी के बाद पता चलेगा कि उन पर मनी लांड्रिंग के आरोप सही हैं या नहीं। बुरी तरह से डरे हुए रिटायर्ड पीडब्लूडी अधिकारी ने उनके कहने पर साईं टेंट हाउस नाम से खुले बैंक खाते में 30 लाख रुपए जमा करा दिए। इसी तरह डरा धमका कर इन ठगों ने लोगों से करोड़ों रुपया वसूल लिया। फिलहाल पुलिस ने ठगों को अरेस्ट कर लिया है और इनसे पूछताछ कर आगे की जांच जारी है।
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