जीवा की हत्या में पुलिस की थ्योरी में इतने झोल क्यों, बद्दो से विजय को सुपारी दिलाने वाला वो कौन?

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जीवा की हत्या में पुलिस की थ्योरी में इतने झोल क्यों, बद्दो से विजय को सुपारी दिलाने वाला वो कौन?
पश्चिम उत्तर प्रदेश का माफिया सरगना बदन सिंह बद्दो जिस पर जीवा की सुपारी देने का आरोप है
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Sanjeev Jeeva Murder Case: 7 जून 2023 को भरी दोपहर में लखनऊ के कोर्ट में संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में सनसनी फैल गई थी। हर तरफ सवाल ही सवाल थे। हर किसी को ये बात समझ में नहीं आ रही थी कि आखिर यूपी के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के राइट हैंड कहे जाने वाले संजीव जीवा की हत्या किसके इशारे पर हुई और क्यों। कयासों का सिलसिला तेज हो गया। हर कोई अपनी अपनी समझ के मुताबिक अंदाजा लगा रहा था कि संजीव जीवा की हत्या के लिए कातिल को किसने इशारा किया था। लेकिन इस वारदात के करीब तीन महीने के बाद जैसे ही ये बात निकलकर सामने आई की संजीव जीवा की हत्या की सुपारी असल में पश्चिम उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन और फरार गैंग्स्टर पांच लाख के इनामी बदन सिंह बद्दो ने दी थी और विजय के हाथों संजीव जीवा को मौत के घाट उतार दिया, तो हर कोई हैरान रह गया। 

संजीव जीवा की हत्या के सिलसिले में उठे सवाल

बद्दो को लेकर उठे सवाल

उत्तर प्रदेश पुलिस का दावा है कि बदन सिंह बद्दो ही हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता है। उसने ही विजय यादव को संजीव जीवा को मारने के लिए 50 लाख रुपये की सुपारी दी थी। लेकिन पुलिस के इस दावे पर अचानक कई सवाल उठ खड़े हुए। क्योंकि जो सवाल हैं वो असल में वो बिखरी हुई कड़ियां हैं जिसके जुड़े बगैर कत्ल की पूरी साजिश का ताना बाना नहीं मिल सकता। 

कौन है असलम जिसने रिवॉल्वर दी थी

असल में लखनऊ कोर्ट के भीतर शूटर विजय यादव ने भरी अदालत में संजीव जीवा को गोलियों से छलनी कर दिया था। कोर्ट में शूटर विजय यादव के खिलाफ दाखिल चार्जशीट से मुख्य साजिश कर्ता के नाम का खुलासा एसआईटी ने किया है। मगर इस सिलसिले में सबसे अहम सवाल अभी तक अपने जवाब की तलाश में भटक रहा है। आखिर जिस विजय यादव को बदन सिंह बद्दो से असलम ने मुलाकात करवाई वो असल में कौन है? असलम आखिर कहां का रहने वाला है और वो नेपाल में विजय यादव के संपर्क में कब और कैसे आया?

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शूटर को बद्दो से किसने मिलवाया

इतना ही नहीं शूटर विजय ने पुलिस की गिरफ्त में बताया था कि असलम ने विजय को ये कहकर भड़काया था कि जेल में उसका भाई बंद है और जीवा ने उसको बेइज्जत किया लिहाजा वो जीवा से बदला लेना चाहता है। और जीवा का जीवन खत्म करना है। लेकिन यहीं से दूसरा सवाल खड़ा हुआ। आखिर जब विजय बद्दो से मिल चुका था तो फिर उसने पुलिस की पूछताछ में उसका नाम क्यों नहीं लिया। क्या ये पूरी साजिश का हिस्सा था या फिर उसकी मुलाकात बद्दो से जब हुई तो बदन सिंह ने अपना हुलिया और पहचान दोनों ही छुपा ली थी। अभी तक इन सवालों के जवाब सामने आने बाकी हैं। 

संजीव जीवा को कोर्ट के भीतर गोली से छलनी करने वाला शूटर विजय यादव

लखनऊ में कौन है बदन सिंह का गुर्गा

पुलिस अफसरों का कहना है कि अभी इस सिलसिले में तफ्तीश की जा रही है। जैसे जैसे इस सिलसिले में साजिशकर्ताओं तक शिकंजा कसेगा तो बिखरी हुई कड़ियां जुड़ती जाएंगी और सारे अनसुलझे सवालों के जवाब भी मिलने शुरू हो जाएंगे। अब यहां एक सवाल और खड़ा हो जाता है कि आखिर लखनऊ में वो कौन शख्स है जो बदन सिंह उर्फ बद्दो का गुर्गा है, जिसने विजय यादव को वो आला ए कत्ल यानी रिवॉल्वर मुहैया करवाया था जिससे संजीव जीवा का सीना छलनी किया गया। 

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7 जून को लखनऊ पहुँचा था शूटर

पुलिस की जांच के मुताबिक 7 जून को विजय यादव रोडवेज की बस से लखनऊ पहुँचा था। और फिर उसकी मुलाकात उस बद्दो के गुर्गे से हुई जिसने उसे रिवॉल्वर मुहैया करवाई थी। साथ ही साथ कोर्ट तक पहुँचाने में भी मदद की थी। पुलिस ने अपनी तमाम तफ्तीश में इस बात का कहीं कोई जिक्र नहीं है कि एसआईटी उस गुर्गे के नाम का पता नहीं लगा सकी जिसने विजय यादव की मदद की। ऐसे में सवाल तो यही है कि आखिर वो गुर्गा कौन है...कहां रहता है और आखिर करता क्या है?

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सवालों से जूझती जांच

एक सवाल और सभी को चुभता है कि जब विजय यादव न तो पुराना मशहूर शूटर था और न ही नामी अपराधी, तो फिर बदन सिंह उर्फ बद्दो जैसे शातिर और घिसे हुए अपराधी ने उसे संजीव जीवा की हत्या के लिए सुपारी क्यों दी। विजय यादव का आपराधिक अतीत भी बहुत ज़्यादा बड़ा या खतरनाक नहीं है। वो पहले लॉकडाउन को तोड़ने और एक नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर ले जाने के मामलों में पकड़ा गया था। जाहिर है ये उसको खतरनाक अपराधियों की श्रेणी में नहीं ले जा पाता, तो फिर बद्दो ने उसे इतना बड़ा काम क्यों सौंपा, बस ये बात किसी के भी गले नहीं उतर रही। 

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