Letter To PMO Against IPS Officer: नोएडा के पुलिस अफसर के खिलाफ वायरल हो गई एक दर्द से लिपटी चिट्ठी
Letter To PMO : प्रधानमंत्री को लिखी गई एक बुजुर्ग की चिट्ठी ने समूचे प्रधानमंत्री कार्यालय को झकझोरकर रख दिया है। वो चिट्ठी प्रधानमंत्री के दफ्तर से होती हुई अब गृहमंत्रालय की मेज तक पहुँच चुकी है। दर्द से भरी वो चिट्ठी एक बुजुर्ग ने लिखी है जिस
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Letter Against IPS Officer: कहते हैं किसी बुजुर्ग की हाय कभी ज़ाया नहीं होती…ऐसा ही कुछ उस आईपीएस अफसर के खिलाफ एक चिट्ठी का असर होता हुआ दिख रहा है जिसके एक एक अल्फाज में उस पुलिस अफसर की उन करतूतों को बेपर्दा कर दिया है, जिसकी आड़ में उसकी काली करतूतों का वो जखीरा कैद है जिसने न जाने कितनों लोगों की जिंदगी तबाह कर डाली।
एक चिट्ठी उजागर हुई है। जिसने उस काली करतूत वाले आईपीएस अफसर को सरेआम बेनकाब किया है, जिसने एक बुजुर्ग को खून के आंसू रुलाया। चंद सिक्कों के लालच में उस आईपीएस अफसर ने एक परिवार को तिनका तिनका करके बिखेर दिया…और इस कदर मजबूर कर दिया कि वो अपना सब कुछ छोड़कर शहर बदर हो गए।
उस आईपीएस अफसर का नाम है राम बदन सिंह। जो 1991 से 2003 तक नोएडा में बतौर CO तैनात रहा। 70 साल के एक बुजुर्ग ने प्रधानमंत्री को भेजी अपनी चिट्ठी में तमाम शब्दों को जैसे खून में डुबो कर लिखा हो। जिसे पढ़कर सिर से लेकर पांव तक सिहरन दौड़ जाती है। इस चिट्ठी में उन बुजुर्ग ने अपना वो दर्द साझा किया है जिसे वो इतने सालों तक अपने सीने में दबाए तमाम तकलीफों को बर्दाश्त करते गए। मगर जब उनके बर्दाश्त की हद खत्म हो गई तो उन्होंने अपनी तकलीफ देश के सबसे बड़े रहनुमा यानी प्रधानमंत्री के साथ साझा किया।
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25 फरवरी को लिखी गई इस चिट्ठी में बुजुर्ग वार ने अपना नाम नहीं लिखा…शायद इसलिए क्योंकि उन्हें पता है कि वो जिसके खिलाफ अपनी शिकायत लेकर देश के प्रधानमंत्री के पास पहुँच रहे हैं वो अपनी ताकत से उनका मुंह भी बंद कर सकता है। क्योंकि उस पुलिस अफसर राम वदन सिंह का माफियाओं और गुंडों को साथ गहरा कनेक्शन है। जो पहनता तो खाकी है लेकिन उसकी करतूतों ने उस खाकी को दागदार कर दिया। वो फर्ज के नाम पर सिर्फ बेरहमी और बेहायाई ही करता रहता है। चिट्ठी का खुलासा है कि इसी पुलिस अफसर की वजह से उन बुजुर्गवार के कांधे पर दुनिया का सबसे भारी बोझ आ पड़ा…यानी उन्हें अपने बेटे का जनाजा उठाना पड़ा।
टाइप की गई उस एक पन्ने की चिट्ठी में 70 साल के उन बुजुर्ग ने गुहार लगाई है कि राम वदन सिंह जैसे अफसरों को उनके किए की सज़ा जरूर दिलाई जानी चाहिए..वर्ना न जाने कितने लोग उनकी ही तरह खून के आंसू रोने को मजबूर हो रहे होंगे…। ये उसी चिट्ठी में लिखा है कि उन बुजुर्ग के लड़के को किस तरह नोएडा और ग्रेटर नोएडा के भू माफियाओं के साथ मिलकर राम बदन सिंह ने अपने बेटे को पहले तो फर्जी मुकदमों में फंसाने की चालें चलीं और कई दिनों तक जेल की सलाखों के पीछे धकेलकर उसे और उनके हौसलों को तोड़ने की कोशिश की, ताकि वो उनके दबाव में आकर अपना सब कुछ उसके कदमों में कुर्बान कर दें।
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इसी चिट्ठी में एक और पुलिस अफसर अरविंद का भी नाम दर्ज है, जो उसी का साथी था और ये लोग किसी गुंडे बदमाशों के गैंग की तरह नोएडा में वसूली का कारोबार चला रहे थे। और जो कोई उनकी बात नहीं मानता था उसे ये लोग साम दाम दंड भेद तमाम तरीकों से बुरी तरह कुचल दिया करते थे। बुजुर्ग ने अपनी चिट्ठी में प्रधानमंत्री से गुजारिश की है कि किसी भी सूरत में उनकी चिट्ठी राम वदन सिंह और उसके साथियों को नहीं मिलनी चाहिए नहीं तो वो लोग इतने ताकतवर हैं कि उनकी हत्या तक करवा देंगे…और किसी को पता भी नहीं चलेगा।
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अपने खिलाफ लिखी गई चिट्ठी को सोशल मीडिया पर वायरल होता देख आईपीएस अफसर राम बदन सिंह ने फौरन एक्शन लिया…और अपनी सफाई के साथ मीडिया के सामने आ गए। शिकायत पत्र पर डीसीपी राम बदन सिंह ने अपना पक्ष रखा है रामबदन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर कोई शिकायत हुई है तो उसकी सच्चाई से जांच कराई जाए तो स्व साफ हो जाएगा और कुछ नही कह सकता।
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