Leopard Attack in Ghaziabad: गाज़ियाबाद में एक बार फिर तेंदुए की 'पेशी', कचहरी से भाग खड़े हुए वकील, दहशत में बंद हुआ कोर्ट

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Leopard Attack in Ghaziabad: गाज़ियाबाद में एक बार फिर तेंदुए की 'पेशी', कचहरी से भाग खड़े हुए वकील...
गाजियाबाद कोर्ट में एक बार फिर तेंदुआ दिखने की खबर ने दहशत फैला दी।
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Leopard Attack in Ghaziabad: तेंदुआ, जिसे देखते ही अच्छे अच्छों के होश गुम हो जाते हैं। जंगल की इस शिकारी बड़ी बिल्ली की चाल और ढाल सूरमा से सूरमा को दिन में तारे दिखा सकती है। ऐसा ही कुछ मंजर एक बार फिर गाज़ियाबाद की कचहरी में देखने को मिला जब बुधवार को दिन दहाड़े तेंदुए के होने की खबर ने पूरी कचहरी में हड़कंप मचा दिया। 

गाजियाबाद की ये कचहरी एक हफ्ते पहले ही ऐसे ही तेंदुए के हमले की साक्षात गवाह बनी थी जिसमें कई लोगों को तेंदुए ने जख़्मी कर दिया था। मगर बुधवार के एक बार फिर कचहरी में तेंदुआ दिखने की अफवाह ने पूरी कचहरी को कोर्ट रूम से बाहर निकालकर खुले में ला खड़ा किया। 

गाजियाबाद में सीसीटीवी में एक बार फिर तेंदुए के दिखने के बाद वकीलों में हड़कंप मच गया

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद कोर्ट परिसर में बनी पुलिस चौकी में एक सीसीटीवी कैमरे में तेंदुआ जैसी आकृति के दिखने के बाद हड़कंप मचा। जिसकी वजह से गुरुवार को एहतियात के तौर पर कोर्ट को बंद रखा गया और पूरे परिसर की दोबारा तलाशी ली गई। 

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इसी गाजियाबाद कोर्ट में बीती 8 फरवरी को एक तेंदुआ घुस आया था। और उसके बाद उसके हमले में करीब आधा दर्जन से ज़्यादा लोग जख्मी हो गए थे। तेंदुए की वजह से पूरे कोर्ट में उस रोज दिन भर अफरा तफरी का आलम बना रहा। बाद में वन विभाग की मदद से उस घातक होते जा रहे तेंदुए को पकड़ा जा सका और फिर वहां से दूर ले जाकर सहारनपुर के जंगलों में छोड़ दिया गया। 

लेकिन बुधवार की शाम को एक बार फिर सीसीटीवी में तेंदुए जैसे जानवर के देखे जाने की खबर तेजी से कोर्ट में ऐसे फैली जैसे जंगल में आग। गाजियाबाद कोर्ट में उस वक़्त अजीबो गरीब हालात पैदा हो गए जब अचानक कोर्ट में छुट्टी घोषित कर दी गई...लेकिन मुकदमों की पैरवी के लिए आए लोगों को इस मुश्किल का सामना करना पड़ा। हालांकि दोपहर तक गाजियाबाद कोर्ट के परिसर की तलाशी के दौरान ऐसा कुछ नज़र नहीं आया जिसको लेकर डरा जाए मगर तेंदुए के हमले की पिछले हफ्ते की दहशत ने अभी भी लोगों को बुरी तरह से जकड़ रखा है। 

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8 फरवरी को कोर्ट में तेंदुए के हमले के दौरान सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रमोद तंवर, अधिवक्ता मोदीनगर के रहने वाले जितेंद्र कुमार और अचिन, कोर्ट में ड्यूटी पर तैनात हेड कांस्टेबल विकास कुमार, कुशलिया के रहने वाले अशरफ खान, जहरी खान और तनवीर खान के अलावा राम पार्क एक्स्टेशन के रहने वाली रामावती के साथ कोर्ट के बाहर बैठकर बूट पॉलिश करने वाला सलीम और रेड एपल ग्रुप के मालिक नमन जैन घायल हो गए थे। इन सभी घायलों को कविनगर के सर्वोदय अस्पताल और संजय नगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 

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8 फरवरी को कोर्ट में तेंदुए को शटर के भीतर बंद कर दिया गया था। बावजूद इसके पुलिस और वन विभाग की टीम उसे काबू में पाने के लिए तीन घंटे तक मशक्कत करती रही। और जब वो लोग उसे पकड़ने में नाकामयाब रहे तो मेरठ से वन विभाग की टीम के आने का इंतजार किया गया। उस दौरान कोर्ट में मौजूद भीड़ शटर में बंद तेंदुए का वीडियो बनाने को उतारू थी जिसको लेकर काफी हंगामा हुआ। 

शाम को जब तेंदुए को शटर से बाहर निकालकर उसे पिंजरे में कैद किया गया उससे पहले वन विभाग की टीम ने बाकायदा माइक पर उद्घोषणा की गई ताकि वहां मौजूद भीड़ को परिसर से बाहर निकाला जा सके। 

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