गैंग्स ऑफ पंजाब में Gangwar की इनसाइड स्टोरी, इसलिए एक दूसरे के खून के प्यासे हैं लॉरेंस और बंबीहा गैंग

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गैंग्स ऑफ पंजाब में Gangwar की इनसाइड स्टोरी, इसलिए एक दूसरे के खून के प्यासे हैं लॉरेंस और बंबीहा ...
सांकेतिक तस्वीर
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Gang Of Punjab : क्या पंजाब में कुछ बड़ा होने वाला है? क्या पंजाब के गैंग्स्टर अब सूबे की सड़कों को खून से लाल करने वाले हैं? क्या पंजाब से लेकर दिल्ली तक गैंगवॉर होने वाली है? ये और ऐसे सवाल अब फिर से इसलिए सिर उठाने लगे हैं क्योंकि हरियाणा में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों को मौत के घाट उतारकर जिस तरह से सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट साझा करके अपने जानी दुश्मन गैंग को चेतावनी दी है, उसको देखकर यही कहा जा रहा है कि हो न हो आज नहीं तो कल ये गैंग और गैंग के गुर्गे अपना वर्चस्व बढ़ाने की जंग को छेड़ने वाले हैं। और अब यही कहा जा रहा है कि बंबीहा और लॉरेंस गैंग के बीच बड़ी गैंगवॉर होने वाली है। 

खून से लाल होने वाली है जमीन

पंजाब से लेकर दिल्ली तक ये बात अब साफ हो चुकी है कि लॉरेंस और बंबीहा गैंग की लड़ाई में अब तक कई लोग मौत के घाट उतर चुके हैं। और जब जब इन दोनों गैंग के लोग आमने सामने आते हैं तो सड़क या जमीन खून से लाल हो जाती है। और इसी की सबसे ताजा मिसाल है लॉरेंस गैंग के बंबीहा गैंग की तरफ से दी गई गहरी चोट जो उसके शूटर राजन को मौत के घाट उतारकर दी गई। 

 पंजाब से लेकर दिल्ली तक की पुलिस अलर्ट मोड पर 

हालांकि राजन का मारा जाना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। वो पहले से ही घोषित अपराधी है और उसका कई मामलों में नाम सामने आ चुका है। इसके बावजूद बंबीहा गैंग की तरफ से अरसे बाद पहली बार लॉरेंस गैंग के किसी गुर्गो को मारा गया है। जिसकी जिम्मेदारी उसने खुलकर सोशल मीडिया पोस्ट में ली है। ऐसे में अब ये माना जा रहा है कि लॉरेंस अपने शूटर की मौत का बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है और जेल से लेकर दिल्ली तक वो कहीं भी बंबीहा गैंग या उसका साथ देने वाले गैंग्स्टरों के खिलाफ निशाना साध सकता है। लिहाजा इसी पलटवार की वजह से गैंगवॉर की आशंका के मद्देनजर पंजाब से लेकर दिल्ली तक की पुलिस अलर्ट मोड पर आ चुकी है। 

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लॉरेंस बिश्नोई और लकी पटियाल दोनों एक दूसरे के जानी दुश्मन हैं

आतंकी अर्श डल्ला का भी हाथ

लॉरेंस गैंग के शूटर राजन की हत्या की जिम्मेदार जब बंबीहा गैंग ने सोशल मीडिया पर ली तो ये बात भी निकलकर सामने आ गई कि राजन के मर्डर में कनाडा में बैठे आतंकी अर्श डल्ला का भी हाथ हो सकता है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि अर्श डल्ला के अलावा इस हत्या का इशारा गौरव उर्फ लकी पटियाल की तरफ से आया है। गौरव या लकी पटियाल विदेश में रहता है और वहीं से बंबिहा गैंग को ऑपरेट कर रहा है। 

ये दुश्मनी बहुत पुरानी है

हालांकि पंजाब से लेकर दिल्ली तक की पुलिस जानती है कि लॉरेंग गैंग और बंबीहा गैंग के बीच की ये दुश्मनी बहुत पुरानी है। असल में इसकी शुरूआत करीब 14 साल पहले हुई थी जब बंबीहा गैंग के सरगना दविंदर बंबीहा था और वो महज एक कबड्डी खिलाड़ी हुआ करता था। उसका जुर्म की दुनिया से कोई लेना देना नहीं था। लेकिन सार 2010 में एक कत्ल के केस में उसका नाम पहली बार सामने आया। उस समय दविंदर बंबीहा ग्रेजुएशन कर रहा था। 

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बंबीहा गैंग की पूरी कहानी

असल में गांव के दो गुटों में हुए एक झगड़े के दौरान एक शख्स की मौत हो गई थी और उसके कत्ल का इल्जाम दविंदर बंबीहा पर लगाकर उसे जेल भेज दिया गया था। जेल में ही दविंदर बंबीहा कई गैंग्स्टरों के संपर्क में आया और उसके बाद दविंदर बंबीहा ने अपना गैंग बना लिया था। लेकिन 2016 में बठिंडा के पास एक पुलिस मुठभेड़ में दविंदर बंबीहा मार गिराया गया। मगर उसका गैंग खत्म नहीं हुआ। 

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दविंदर बंबीहा जेल जाने के बाद ही गैंग्स्टर बना। 

दो लोग संभाले हैं गैंग की कमान

गैंग का काम वैसे ही चलता रहा और उस गैंग की कमान संभाल ली गौरव पटियाल उर्फ लकी पटियाल और दविंदर का सबसे खास सुखप्रीत सिंह ने मिलकर गैंग को चलाना शुरू कर दिया। और देखते ही देखते ये गैंग बहुत बड़ा हो गया। यूं तो लकी पटियाल चंडीगढ़ का रहने वाला था लेकिन उसने अपना ठिकाना अर्मेनिया में बना लिया है और वहीं से गैंग चला रहा है। हालांकि पटियाल पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है बावजूद इसके वो जेल से बाहर आते ही हिन्दुस्तान से भागकर अर्मेनिया चला गया। जबकि इस गैंग का दूसरा सरगना सुखप्रीत पंजाब के मोगा जिले का रहने वाला है मगर फिलहाल संगरूर जेल में बंद हैं। बंबीहा गैंग के हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मिलाकर करीब 300 से ज्यादा गैंगस्टर हैं। इस गैंग ने दिल्ली हरियाणा के गैंगस्टर और लॉरेन्स के धुर विरोधी सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया और नीरज बवाना गिरोह से हाथ मिलाकर दिल्ली-एनसीआर में भी अपना नेटवर्क मजबूत कर लिया। 

आपसी दुश्मनी ने ली सिद्धू मूसेवाला की जान

बंबीहा गैंग का सबसे बड़ा दुश्मन लॉरेंस बिश्नोई गैंग है। दोनों गैंग की आपसी लड़ाई में कई हत्याएं हो चुकी हैं और इन्हीं गैंग की आपसी दुश्मनी ने सिंगर सिद्धू मूसेवाला की जान ले ली। 

गैंग्स ऑफ पंजाब के बीच की आपसी दुश्मनी ने ले ली सिद्धू मूसेवाला की जान

लॉरेंस बिश्नोई का गैंग 

गैंग्स्टर लॉरेंस बिश्नोई भी जेल में रहकर अपना गैंग चलाता है। बिश्नोई पर सलमान खान पर 2 बार हमले की साजिश रचने, विदेशों से हथियार मंगाने और सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल होने का आरोप है। इसके गुर्गे पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, और राजस्थान में एक्टिव हैं...जबकि इस गैंग का सबसे बड़ा नाम गोल्डी बराड़  कनाडा से ऑपरेट करता है। 

ऐसे हुई दोनों गैंग के बीच दुश्मनी

असल में बंबीहा गैंग ने अक्टूबर 2020 में चंडीगढ़ में गुरलाल बराड़ की हत्या कर दी थी। गुरलाल गोल्डी बराड़ का छोटा भाई था। गोल्डी बिश्नोई गैंग का ही सदस्य है और लॉरेंस का पक्का दोस्त। वह कनाडा में है और वहीं से गैंग को ऑपरेट करता है। गुरलाल भी लॉरेंस का करीबी था। जब लॉरेंस को ये पता चला कि गुरलाल की हत्या की साजिश बंबीहा गैंग ने रची। तो उसके बाद से ही बिश्नोई गैंग और बंबीहा गैंग के बीच दुश्मनी बढ़ती गई। असल में बंबीहा गैंग ने अक्टूबर 2020 में चंडीगढ़ में गुरलाल बराड़ की हत्या कर दी थी। गुरलाल गोल्डी बराड़ का छोटा भाई था। गोल्डी बिश्नोई गैंग का ही सदस्य है और लॉरेंस का पक्का दोस्त। वह कनाडा में है और वहीं से गैंग को ऑपरेट करता है। गुरलाल भी लॉरेंस का करीबी था। जब लॉरेंस को ये पता चला कि गुरलाल की हत्या की साजिश बंबीहा गैंग ने रची। तो उसके बाद से ही बिश्नोई गैंग और बंबीहा गैंग के बीच दुश्मनी बढ़ती गई। 

विक्की मिद्दूखेड़ा के मर्डर से आया टर्निंग प्वाइंट

बात उस वक्त बहुत ज़्यादा बिगड़ गई जब अगस्त 2021 में मोहाली में विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या हुई। विकी मिद्दुखेड़ा की हत्या के बाद बंबीहा गैंग ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। क्योंकि मिद्दूखेड़ा युवा अकाली दल का एक नेता था और 2009 में मिद्दूखेड़ा लॉरेंस बिश्नोई के संगठन स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी का अध्यक्ष बना था। कहा जाता है कि विक्की लॉरेंस बिश्नोई का खास आदमी था। विक्की मिद्दूखेड़ा हत्याकांड में सिद्धू मूसेवाला के मैनेजर शगुनप्रीत सिंह का भी नाम सामने आया था। शगुनप्रीत पर आरोप है कि उसने हत्या को अंजाम देने वाले शूटरों को सुपारी दी थी। सुपारी देने के बाद शगुनप्रीत ऑस्ट्रेलिया भाग गया था। 

सारा चक्कर म्यूजिक इंडस्ट्री को लेकर

कहते हैं कि इस हत्या के पीछे पंजाब की म्यूजिक इंडस्ट्री में अपना दबदबा बढ़ाने की जंग छुपी हुई है। खुलासा हुआ है कि विक्की एक ऐसा शख़्स था, जिसका पंजाब के संगीत जगत में ज़बर्दस्त दबदबा था। इसीलिए बड़े-बड़े सिंगर उनके संपर्क में रहते थे। बस यही बात पंजाब के कुछ दूसरे सिंगर्स और उनसे जुड़े गैंगस्टर्स को पसंद नहीं थी। विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या की दूसरी सबसे बड़ी वजह थी उसकी नज़दीकियां लॉरेंस बिश्नोई गैंग से बढ़ती जा रही थीं। इस वजह से वह दूसरे गैंगस्टर्स की आंखों की किरकिरी बना हुआ था। 

लॉरेंस गैंग ने लिया बदला

मिद्दूखेड़ा की हत्या के बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने 29 मई 2022 को सिद्धू मूसेवाला की हत्या करके गुरलाल और मिद्दूखेड़ा की मौत का बदला लिया। सिद्धू पर कार से आए शूटरों ने अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं। उस वक्त सिद्धू अपनी थार कार से कहीं  रहे थे। सिद्धू मूसेवाला को 19 गोलियां लगीं थी। सिद्धू की हत्या की जिम्मेदारी बिश्नोई गैंग ने ली थी। गोल्डी बराड़ ने कनाडा में बैठकर इसे पूरे हत्याकांड की साजिश रची थी। गोल्डी बराड़ ने मूसेवाला की हत्या के बाद फेसबुक पोस्ट में लिखा था, हम मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेते हैं. मूसेवाला ने हमारे भाई विक्की की हत्या में मदद की थी. इसका बदला लिया गया।

पंजाब में हो चुकी हैं कई हत्यायें

इसके बाद बंबीहा गैंग ने लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ से सिद्धू मूसेवाला की मौत का बदला लेने की बात कही थी। और तभी से दिल्ली से लेकर पंजाब तक कई हत्याएं हो चुकी हैं जो इन दोनों ही गैंग की आपसी रंजिश का नतीजा बताया जा रहा है। 

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