मणिपुर में गोलीबारी में मारे गए पांच लोगों का अंतिम संस्कार किया गया
मणिपुर के थाउबल जिले के लिलोंग चिंगजाओ में प्रतिबंधित रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) के सदस्यों की गोलीबारी में मारे गए पांच लोगों का बृहस्पतिवार को अंतिम संस्कार किया गया।
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Manipur Latest News: मणिपुर के थाउबल जिले के लिलोंग चिंगजाओ में प्रतिबंधित रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) के सदस्यों की गोलीबारी में मारे गए पांच लोगों का बृहस्पतिवार का अंतिम संस्कार किया गया।
अंतिम संस्कार में भाग लेने वाले धार्मिक नेताओं व नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने लोगों से सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान न देने की अपील की।
पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों के अनुसार राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख, गंभीर रूप से घायलों को पांच-पांच लाख और मामूली रूप से घायलों को एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने पर सहमति जताई, जिसके बाद हत्याओं के संबंध में गठित संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने शवों को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने का फैसला किया।
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जेएसी के संयोजक मोहम्मद हबीबुल्लाह ने पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार ने उन्हें मृतकों के परिजनों को नौकरी देने का आश्वासन दिया है।
एक आधिकारिक अधिसूचना में, राज्य सरकार ने हत्याओं की जांच के लिए येरीपोक के एसडीपीओ मोहम्मद रियाजुद्दीन शाह की अध्यक्षता में छह सदस्यीय विशेष जांच दल के गठन की भी घोषणा की।
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थाउबल जिले के लिलोंग चिंगजाओ में सोमवार को आरपीएफ सदस्यों द्वारा कुछ स्थानीय लोगों पर की गई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी और 10 घायल हो गए। मंगलवार को एक और व्यक्ति की मौत हो गई।
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एक अधिकारी ने कहा कि आरपीएफ के सदस्य इलाके के एक व्यक्ति से 'रंगदारी वसूलने' आए थे, जिसके कारण विवाद हुआ और फिर गोलीबारी हुई।
हिंसा के बाद, थाउबल, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया।
एक वीडियो संदेश में, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने हिंसा की निंदा की और लोगों, विशेषकर लिलोंग के निवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की।
पिछले साल मई में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 180 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
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