संसद की सुरक्षा में चूक : आरोपियों के थे दो प्लान, प्लान ए और प्लान बी

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संसद की सुरक्षा में चूक : आरोपियों के थे दो प्लान, प्लान ए और प्लान बी
Loksabha Security Lapse
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हिमांशु मिश्रा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Loksabha Security Lapse : संसद की सुरक्षा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। ललित झा ने इस संबंध में पुलिस को कई अहम जानकारियां दी है। आरोपी ललित झा ने 13 दिसंबर के लिए दो प्लान बनाए थे। प्लान ए और प्लान बी।

क्या था प्लान A?

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इस प्लान के तहत, संसद के अंदर मनोरंजन और सागर शर्मा को जाना था। संसद के बाहर अमोल और नीलम ट्रांसपोर्ट भवन की ओर से संसद के करीब जाएंगे और वहां कलर बम जलाएंगे, ये तय हुआ था।

क्या था प्लान B?

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अगर किसी कारण से नीलम और अमोल संसद के करीब नहीं पहुंच पाते तो उनकी जगह महेश और कैलाश दूसरी तरफ से संसद के करीब जाते और मीडिया के कैमरों के आगे कलर बम जलाते और नारेबाजी करते।

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पुलिस के मुताबिक, 12 दिसम्बर की रात जब महेश और कैलाश गुरुग्राम विक्की के घर नहीं पहुंचे तो अमोल और नीलम को हर हाल में ये काम करने का जिम्मा सौंपा गया। इसके बाद ललित ने छिपने का प्लान बनाया। इस प्लान में महेश को जिम्मेदारी दी गयी कि जब वो पुलिस से बच कर दिल्ली से निकलेगा तो राजस्थान में छिपने में मदद करेगा। पता चला है कि महेश लेबर का काम करता है। कैलाश और महेश मौसेरे भाई है।

उधर, पुलिस को आरोपी के घर से बड़ा सबूत मिला है। पुलिस ने आरोपी सागर शर्मा के घर से एक डायरी बरामद की है। डायरी में लिखी बातों को समझने के लिए एजेंसियां जुट गई है। ये डायरी सागर के लखनऊ स्थित घर से मिली डायरी है। डायरी में लिखा है कि घर से विदा होने का समय आ गया है, एक तरफ डर है, दूसरी तरफ कुछ भी कर गुजरने की आग।

उधर, पुलिस गुरुग्राम में रहने वाले विक्की उर्फ विशाल को पुलिस सरकारी गवाह बना सकती है। जांच में पता चला है कि विक्की ही वो शख्स था, जिसके घर पर 10 दिसंबर को, ये पांचों आरोपी पहुँचे थे। वहां 2 दिन रुककर इन्होंने प्लानिंग की थी। विक्की इस मामले में पुलिस के लिए अहम गवाह हो सकता है।

उधर, संसद की सुरक्षा चूक मामले में आरोपी ललित झा ने दिल्ली के कर्तव्य पथ थाने में बीती रात सरेंडर कर दिया। अब इस मामले की जांच तेज हो गई है। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने कुछ टीमें बनाई है, जो आरोपियों को अलग-अलग जगह लेकर जाएंगी। एक टीम मनोरंजन को लेकर मैसूर जाएगी। एक टीम नीलम को लेकर हिसार जाएगी। एक टीम लखनऊ जाकर जांच करेगी, जहां से स्पेशल जूते बनवाये गए थे जिसमें कैविटी यानी सामान छिपाने की जगह बनवाई गई थी। एक टीम कोलकाता जाएगी, जबकि सेल के कुछ लोग राजस्थान में सबूत खंगलने में जुटेगी, जहां ललित ने घटना के बाद भागकर फ़ोन नष्ट कर दिए थे। उधर, ललित से पुलिस ने बीती रात कई घंटे तक पूछताछ की है। 2 डीसीपी और एडिशनल सीपी समेत स्पेशल सेल के कई इंस्पेक्टर्स ने पूछताछ की है। 

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