Lady Don Anuradha Story: पुलिस की सताई हुई थी अनुराधा, इस वजह से बनी लेडी डॉन

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Lady Don Anuradha Story: पुलिस की सताई हुई थी अनुराधा, इस वजह से बनी लेडी डॉन
Lady Don Anuradha Story
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Lady Don Anuradha Story: कहते है कोई पेट से अपराधी नहीं होता है। हालात कई बार उसे ऐसा करने को मजबूर कर देते हैं। ये बात भी सही है कि कई लोग हालातों से हार नहीं मानते। अनुराधा भी दूसरी महिलाओं की तरह साधारण महिला थी, लेकिन उसके जीवन में कुछ ऐसे हालात बन गए, जिससे वो क्राइम की दुनिया की रिवाल्वर रानी बन गई। क्या थे वो हालात, आईये आपको बताते हैं -

 

राजस्थान के सीकर की रहने वाली थी अनुराधा

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अनुराधा चौधरी का जन्म साल 1987 में राजस्थान के सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ में हुआ था। उसके घर का मिंटू था। अनुराधा जब छोटी थीं तभी उनकी मां बिमला देवी का निधन हो गया। पिता रामदेव सिंह महला ने अनुराधा का पालन-पोषण किया। वो सरकारी कर्मी थे। अनुराधा की बचपन से ही पढ़ाई में रूचि थी। उसने फ़तेहपुर और अजमेर से पढ़ाई की। आखिरकार उसने एमबीए की डिग्री हासिल की। वो फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती थी।

दीपक मिंज से टूटा रिश्ता, बिजनेस में मिला अनुराधा को धोखा, पुलिस ने नहीं की मदद

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कहते हैं कालेज के दिनों में उसकी मुलाकात दीपक मिंज से हुई थी। दोनों के बीच नजदीकियां हुई और देखते ही देखते ही दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे। उसने दीपक मिंज से घरवालों के खिलाफ जाकर शादी कर ली। ये बात घरवालों को नागवार गुजरी। दोनों अब अलग रह रहे थे, लेकिन घर चलाने के लिए पैसों की जरूरत थी। उसने स्टॉक ट्रेडिंग में हाथ आजमाया। कहते हैं उसके पार्टनर ने उसे धोखा दिया। उसे नुकसान झेलना पड़ा। वो कर्ज में डूब गई। इसके बाद वो अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंची, लेकिन पुलिस ने उसकी मदद नहीं की।

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...ऐसे हुई आनंदपाल से मुलाकात

अनुराधा को कही से भी मदद नहीं मिल रही थी। इस दौरान बलबीर बालूड़ा ने आनंदपाल से अनुराधा का संपर्क करवाया। एक जमीन को लेकर विवाद था। आनंदपाल ये चाहता था कि अनुराधा उसे कानूनी परामर्श दे। अनुराधा का कहना था कि कोई उसकी मदद नहीं कर रहा था तो उसने सोचा कि क्यों न वो आनंदपाल की मदद करे ताकि उसने शांति मिले।  

... जब पुलिस ने नहीं की मदद, इस वजह से आई क्राइम की दुनिया में

अनुराधा का कहना था कि उसके बिजनेस पार्टनर ने उसके साथ धोखा किया था। पुलिस मदद नहीं कर रही थी। एक जमाना था कि बच्चे को जान से मारने की धमकी दी जा रही थी। वो बेहद परेशान थी। उसे लगा कि ईमानदारी से कुछ भी हासिल नहीं होगा। लिहाजा, उसे क्राइम की दुनिया ही ठीक लगी। इस वजह से अनुराधा ने आनंदपाल से हाथ मिलाया। अनुराधा ने कहा, 'जब मैं पहली बार अरेस्ट हुई तो इतनी प्रोटेक्शन थी मेरे साथ कि तब वकील को मुझसे बात करने के लिए परमिशन लेनी पड़ी थी।'

'मेरे साथ गलत हुआ' - अनुराधा

अनुराधा ने कहा, 'मैं और संदीप अलग-अलग पकड़े गए थे। जेल के अंदर मेरा किसी से कोई संबंध नहीं रहा। मूसेवाला के मर्डर में भी मेरा नाम उछाला गया था। राजू ठेहट के मर्डर में मेरा नाम उछाला गया, लेकिन आरोप गलत थे। मैं जांच एजेंसियों के संपर्क में हूं। ठेहट ने बलबीर के साले को मारा था। बलबीर आनंदपाल से कनेक्टिड थे। पुलिस ने 2017 में आनंदपाल का एनकाउंटर कर दिया था। इसमें राजू का नाम सामने आ रहा था। राजू को मार कर आनंदपाल सिंह की हत्या का बदला लिया गया था, ऐसा कहा जाता है।'

संदीप उर्फ काला जठेड़ी से ऐसे हुई मुलाकात

अनुराधा के मुताबिक, काला का एक बिजनेस पार्टनर था। दोनों में विवाद हो गया था। काला ने बिजनेस पार्टनर को मार दिया था। ये हत्या एक्सिडेंटल थी। काला ने शौक के लिए मर्डर नहीं किया। मर्डर किया तो न्याय दिलवाने के लिए किया। मेरी और काला जठेड़ी की कहानियां मिलती-जुलती है। दोनों सताए हुए हैं।

अनुराधा पर 14 मुकदमें, जब कि संदीप पर 35 मुकदमें!

अनुराधा पर 14 मुकदमें चल रहे हैं, जब कि संदीप पर 35 मुकदमें चल रहे हैं।

 

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