ये कोटा में क्या हो रहा है? अब तक 22 बच्चों ने की खुदकुशी!
Kota: राजस्थान के कोटा में छात्रों का सुसाइड का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
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Kota Suicide Cases: राजस्थान के कोटा में छात्रों का सुसाइड का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को NEET की तैयारी कर रहे दो छात्रों ने सुसाइड कर लिया। अब तक 22 छात्रों ने खुदकुशी कर ली है। ऐसे में अब सरकार पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर सरकार ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं बना पा रही है कि कोई भी छात्र ये कदम न उठाए।
रूटीन टेस्ट पर रोक
हालांकि राज्य सरकार ने कोटा के कोचिंग सेंटरों में रूटीन टेस्ट कराने पर रोक लगा दी है। सरकार ने कहा है कि अगले दो महीने तक बच्चों को मेंटल सपोर्ट और सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। दो महीने तक रूटीन टेस्ट नहीं होंगे, लेकिन सरकार का ये कदम भी नाकाफी साबित हो रहा है। ऐसे में ठोस रणनीति बनाने की जरूरत है।
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24 घंटे में 2 छात्रों ने की खुदकुशी
जिन छात्रों ने खुदकुशी की, उनके नाम आविष्कार शंबाजी कासले और आदर्श राज ने है। आविष्कार 17 साल का था, जब कि आदर्श 18 साल का। पहले बात आविष्कार की कर लेते हैं। आविष्कार ने जवाहर नगर में कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग की छठी मंजिल से दोपहर करीब 3.15 बजे छलांग लगा दी। उसका रविवार को टेस्ट था। टेस्ट देने के बाद उसने ये कदम उठाया। आविष्कार कालसे महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला था और तीन साल से कोटा में NEET UG की तैयारी कर रहा था। वो अपने नाना-नानी के साथ तलवंडी इलाके में रह रहा था। कालसे के माता-पिता महाराष्ट्र के सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं।
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इसके बाद आदर्श राज ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। आदर्श प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। उसने रविवार शाम करीब 7 बजे कुन्हाड़ी पुलिस थाना क्षेत्र में अपने किराए के फ्लैट में फांसी लगा ली। आदर्श राज बिहार के रोहतास का रहने वाला था। वो भी NEET UG की तैयारी कर रहा था। आदर्श अपनी बहन और चचेरे भाई के साथ किराए के एक मकान में रह रहा था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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