'पुलिस मामले को दबा रही थी, रिश्वत देने की भी हुई कोशिश...', कोलकाता कांड में पीड़िता के पिता का बड़ा खुलासा!
RG Kar Hospital Victim Father Statement: आरजी कर अस्पताल में रेप और मर्डर का शिकार हुई ट्रेनी डॉक्टर के पिता का कहना है कि पुलिस शुरुआत से ही इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही थी। उन्होंने पुलिस पर रिश्वत मांगने का आरोप तक लगा दिया।
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न्यूज़ हाइलाइट्स
कोलकाता कांड की पीड़िता के पिता का बड़ा खुलासा
रिश्वत देने की हुई कोशिश - पीड़िता के पिता
सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई
Kolkata News: कोलकाता में रेप और मर्डर की शिकार हुई ट्रेनी डॉक्टर के पिता ने सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने कहा - कोलकाता पुलिस ने जल्दबाजी में शव का अंतिम संस्कार कराकर मामले को दबाने की कोशिश की थी। कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस मामले के सामने आने के बाद हमें रिश्वत देने की कोशिश की थी। हमें बेटी का शव तक देखने नहीं दिया गया और तो और घंटों पुलिस स्टेशन में इंतजार कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद हमें शव सौंपा गया। इसी बीच एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हमें रिश्वत देने की कोशिश की लेकिन हमने इससे इनकार कर दिया। उधर, सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को इस मामले की सुनवाई होगी।
सवाल दर सवाल
इस खुलासे के बाद साफ है कि कोलकाता पुलिस क्यों कटघरे में है? क्यों सुप्रीम कोर्ट तक ने इस मामले में कोलकाता पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए है? क्यों कोलकाता पुलिस जल्दबाजी में शव का अंतिम संस्कार करने के मूड में थी? क्यों रिश्वत की पेशकश की जा रही थी? वो कौन पुलिस अधिकारी था जिसने रिश्वत मांगी थी? ये ऐसे तमाम सवाल हैं, जिनका जवाब अभी तक नहीं मिला है। उधर, करप्शन केस में गिरफ्तार आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से भी पूछताछ लगातार की जा रही है। वो सीबीआई की रिमांड पर है। सीबीआई ने घोष को गिरफ्तार किया था।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई
संदीप घोष पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद पर रहते हुए गंभीर अनियमितताएं की। करीब 15 दिन की पूछताछ के बाद सीबीआई ने संदीप घोष को गिरफ्तार किया था। संदीप घोष की गिरफ्तारी रेप और मर्डर केस में नहीं बल्कि करप्शन के मामले में हुई थी। संदीप घोष के साथ उनके सिक्योरिटी गार्ड और अस्पताल के वेंडर को भी गिरफ्तार किया गया था। जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लेडी ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर हुआ तो संदीप घोष वहां के प्रिंसिपल थे। उन पर वारदात को छिपाने और पूरे मामले पर लीपापोती का आरोप लगा था। 14 अगस्त को जांच संभालने के बाद से सीबीआई ने लगातार उनसे पूछताछ की थी। जांच के दौरान संदीप घोष के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के पुराने आरोप सामने आए हैं।
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23 अगस्त को कोलकाता हाईकोर्ट ने घपले की जांच राज्य की एसआईटी से छीनकर सीबीआई को सौंप दी थी। रेप और मर्डर केस में सबूत छिपाने के आरोपों में तो सीबीआई उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई लेकिन वित्तीय अनियमितता के मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
उधर, पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। 10 अगस्त से ही पूरे बंगाल में प्रदर्शन हो रहे हैं। अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोग पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
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