Gurugram Kidney Racket: गेस्टहाउस में चल रहा था किडनी रैकेट, फेसबुक से ऐसे फंसाते थे शिकार
Kidney Racket Busted: गुरुग्राम के एक गेस्टहाउस में छापा मारा गया तो वहां किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का सनसनीखेज पर्दाफाश हुआ। मजे की बात ये है कि इस रैकेट का खुलासा मुख्यमंत्री के उड़नदस्ते ने किया।
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Gurugram Kidney Racket: फेसबुक। सोशल मीडिया का ये प्लेटफार्म अब गंदा धंधा करने वालों का सबसे फेवरेट प्लेटफार्म बन गया है। सबसे ताजा मामला सामने आया है किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट (Kidney Transplant Racket) का। जो खुलासा हुआ है उसके हिसाब से किडनी रैकेट चलाने वालों ने फेसबुक के जरिए शिकार को फंसाने के लिए चारा डाला जाता था। मरीज को पहले गुरुग्राम के नामी अस्पताल का हवाला देकर बरगलाया जाता था। बाद में उसी अस्पताल की जयपुर ब्रांच में किडनी ट्रांसप्लांट कराया जाता था।
मुख्यमंत्री के उड़नदस्ते ने किया पर्दाफाश
हैरानी की बात ये है कि इस किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का पर्दाफाश मुख्यमंत्री के उड़नदस्ते ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर किया। किडनी ट्रांसप्लांट के इस रैकेट के खुलासे के बाद से ही मेडिकल इंड्रस्ट्री में हड़कंप मचा हुआ है। मुख्यमंत्री उड़नदस्ते के एक अधिकारी के मुताबिक किडनी ट्रांसप्लांट कराने वालों से 10 से 20 लाख रुपये की रकम वसूली जाती थी। दलाल के जरिए ही किडनी देने वालों का सलेक्शन होता था। डोनर को जिन्हें मामूली रकम देकर तैयार किया जाता था। उनका ब्लड ग्रुप और दूसरी मेडिकल जांच के बाद उन्हें मेडिकल वीजा के रास्ते बांग्लादेश से हिन्दुस्तान लाया जाता था। जो बात सामने आई है उसके मुताबिक जिन लोगों ने अपनी किडनी दी है यानी जो डोनर हैं उसे कोलकाता के मेडिकल वीजा पर भारत लाया जाता था।
Facebook से चलता था धंधा
मजे की बात ये है कि गुरुग्राम सिटी का नाम लेकर फेसबुक के जरिए बांग्लादेश के मरीजों को इस जाल में फंसाया जाता था। और शिकार को गुरुग्राम के सेक्टर-39 के आलीशान गेस्ट हाउस में ठहराया जाता था। उन्हें वहां सारी मेडिकल सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाती थी। उसके बाद जयपुर के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल में ऑपरेशन कराया जाता। डीसीपी ईस्ट डॉ. मयंक गुप्ता के मुताबिक इस रैकेट के फैले तारों के सिरे को पकड़ने के लिए और मामले की जांच के लिए एक टीम जयपुर के फोर्टिस अस्पताल भेजी गई है।
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Guest House से चल रहा था रैकेट
गुरुग्राम के सेक्टर 39 के एक गेस्ट हाउस से किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट चलाए जाने की इत्तेला जैसे ही पुलिस को मिली, पुलिस ने गुरुवार को गेस्ट हाउस पर छापा मारा। दरअसल बांग्लादेश के ही रहने वाले एक किडनी डोनर शमीम नाम के शख्स ने किया है। शमीम ने बताया कि बांग्लादेश के ढाका में उसकी मोबाइल की दुकान है। एक रोज फेसबुक पर पैसे कमाने का आसान जरिया का एक विज्ञापन देखा। इस विज्ञापन में किडनी ट्रांसप्लांट के जरिए कमाई करने का जिक्र था। तब विज्ञापन में दिये नंबर पर रांची के रहने वाले एजेंट मोहम्मद मुर्तजा अंसारी से संपर्क किया। बांग्लादेश के रहने वाले मेहंदी मजूमदार ने उड़नदस्ता के अधिकारियों को बताया कि उसके कई जानकार मो. मुर्तजा अंसारी के जरिए हिन्दुस्तान में किडनी ट्रांसप्लांट करा चुके हैं।
किडनी डोनर को 2 लाख रुपये
पुलिस की अब तक की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिन लोगों ने अपनी किडनी बेची है, उसमें सभी 24 से 32 साल के नौजवान हैं। किडनी देने के बदले उन्हें महज दो लाख रुपये ही दिए गए। जबकि किडनी ट्रांसप्लांट कराने वालों की उम्र 66 साल तक की बताई जा रही है। मजे की बात ये है कि जिन लोगों ने किडनी डोनेट की उनका ऑपरेशन कराने वालों के साथ आपस में खून का रिश्ता भी नहीं है।
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जयपुर के अस्पताल में ट्रांसप्लांट
पुलिस के छापे के दौरान गेस्ट हाउस में मिले मरीजों से पूछताछ से पता चला है कि मो. मुर्तजा अंसारी नामक दलाल इन सभी को यहां लेकर आया था। जिन मरीजों का अभी ट्रांसप्लांट नहीं हुआ था, उन्हें जयपुर के फोर्टिस अस्पताल ले जाने की तैयारी चल रही थी। जबकि दो ऐसे मरीज भी मिले जिनका ट्रांसप्लांट फोर्टिस से कराकर यहां लाया गया था। पता चला है कि इस गोरखधंधे में जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में कुछ कर्मचारियों की भी मिलीभगत हो सकती है।
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गुरुग्राम में पहले भी पकड़ा गया था रैकेट
गुरुग्राम में किडनी रैकेट का यह कोई पहला मामला नहीं है। साल 2008 में भी इसी तरह का एक मामला पालम विहार इलाके में सामने आया था। जहां उत्तर प्रदेश से लोगों को लाकर उनकी किडनी निकाली जाती थी। यह किडनी अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब और ग्रीस के ग्राहकों को ट्रांसप्लांट की जाती थी। इस किडनी रैकेट चलाने के आरोप में डॉ अमित कुमार को 7 फरवरी 2008 को नेपाल से गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त पुलिस को इस रैकेट के गुरुग्राम में चलाए जाने की इत्तेला उत्तर प्रदेश के एक गेस्ट हाउस से मिली थी। और पुलिस ने छापा मारकर करीब दो दर्जन लोगों को छुड़ाया था।
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