कोलकाता कांड का आरोपी संजय रॉय ऐसे उगलेगा पूरा सच, इस तरह होता है सच और झूठ का फैसला, कोर्ट ने दी Polygraph Test की इजाजत
Kolkata Doctors Rape Murder: कोलकाता के आर जी कार मेडिकल कॉलेज में रेप और हत्या की वारदात के आरोपी संजय रॉय के सीने में कौन कौन से राज छुपे हुए हैं अब ये सब कुछ सामने आ जाएगा क्योंकि अदालत ने सीबीआई को आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की इजाजत दे दी है।
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न्यूज़ हाइलाइट्स
Polygraph Test से होगा सच और झूठ का फैसला
सीबीआई को लग रहा आरोपी संजय रॉय कुछ छुपा रहा
सेमिनार हॉल पर आकर ठिठकी सीबीआई की जांच
Kolkata Rape and Murder Case: देश गुस्से में हैं। डॉक्टर गुस्से में हैं। हर वो बेटी गुस्से में है जो घर से बाहर निकलने के नाम पर डरने लगी है। शायद यही वजह है कि कोलकोता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (RG Kar Medical College Hospital) में रेप और मर्डर केस (Rape and Murder Case) के खिलाफ दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहर ही नहीं छोटे-छोटे शहरों की सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं।
Polygraph Test को मंजूरी
इस बीच सीबीआई की उस अर्जी को कोर्ट ने मंजूरी दे दी है जिसमें रेप-मर्डर केस के आरोपी संजय रॉय के पॉलीग्राफ टेस्ट (Polygraph Test) की इजाजत मांगी गई थी। सूत्रों के मुताबिक संजय रॉय के बयानों में विधाभास है। सीबीआई का कहना है कि अबतक की पूछताछ में ऐसा लग रह है कि संजय कुछ छिपा रहा है। यह एक ऐसा टेस्ट है जिसके जरिए सच और झूठ का पता लगाने की कोशिश की जाती है।
ऐसे होता है सच और झूठ का फैसला
पॉलीग्राफ टेस्ट को लाई डिटेक्टर टेस्ट के रूप में भी जाना जाता है। यह इस तरह का टेस्ट है जिसमें प्रश्नों के उत्तर देते वक्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शारीरिक प्रतिक्रियाओं की रीडिंग करते हैं । यह परीक्षण यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि क्या व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ बोल रहा है।
पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान, व्यक्ति को एक मशीन से जोड़ दिया जाता है। ये मशीन उस इंसान की शारीरिक प्रतिक्रियाओं पर नज़र रखी है। जैसे -
दिल की धड़कन
ब्लड प्रेशर
सांस लेने की रफ्तार
बॉडी में बिजली के झटके बर्दाश्त करने की क्षमता
मांसपेशियों की हरकतें
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साइकोलॉजिकल टेस्ट हो चुका
सीबीआई (CBI) आरोपी संजय राय का साइकोलॉजिकल टेस्ट भी कराया जा चुका है। इसके अलावा सीबीआई उसे मौका -ए- वारदात पर लेकर घटना को रिक्रिएट करा चुकी है।
जांच से मां बाप फिलहाल संतुष्ट नहीं
आरोपी की मां से सीबीआई के अधिकारी ने मुलाकात की तो पीड़िता के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि हत्या में कॉलेज और विभाग का कोई शख्स भी शामिल हो सकता है, फिलहाल जिस रफ्तार से जांच हो रही है उससे पीड़ित लड़की के माता पिता संतुष्ट नहीं हैं।
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आज से होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
कोलकाता में हुई वारदात की आंच अब दिल्ली तक पहुंच गयी है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के मामले में आज सुप्रीम सुनवाई होने वाली है। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच इस केस की सुनवाई करेगी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की 3 जजों की बेंच इस केस की सुनवाई करेगी।
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सेमिनार हॉल में ठिठकी जांच
सोमवार को सीबीआई की टीम एक बार फिर आरजी कर मेडिकल कॉलेज पहुंची..सीबीआई हर कोने में वारदात के सबूत तलाश रही है लेकिन उसकी जांच सेमिनार हॉल पर आकर ठिठक जाती है। 10 से ज्यादा बार सीबीआई की अलग अलग टीम सेमिनार हॉल का निरीक्षण कर चुकी हैं। रेप-मर्डर केस में सीबीआई चार एंगल से जांच कर रही है। आज तक के हांथ लगी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता के शरीर पर 14 से ज्यादा जख्मों के निशान हैं, पीड़िता के साथ बुरी तरह मारपीट की पुष्टि हुई है।
कई राज अब भी दफ्न
जाहिर है वो चीखी चिल्लाई होगी..लेकिन ये कैसे हो सकता है कि किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी। कोलकाता की ट्रेनी डॉक्टर की चीख किसी ने कैसे नहीं सुनी। इसके अलावा क्राइम सीन पर गड़बड़ी, सुसाइड की थ्योरी, पीड़िता की डायरी के पन्ने अभी खुलने बाकी हैं। और माना जा रहा है कि इस पूरी वारदात का राज इसी में छुपा है या फिर कोई ऐसा राज भी जहां के पन्ने अभी दफ्न हैं।
दर्जनों लोगों से पूछताछ
बता दें कि 9 अगस्त को RG Kar की प्रोस्टग्रेजुएशन ट्रेनी डॉक्टर की रेप कर हत्या का मामला सामने आया था। शुरु में अस्पताल मैनेजमेंट की ओर से इसे हत्या करार दिया गया था, लेकिन बाद में कोलकाता पुलिस ने रेप और हत्या के आरोप में कोलकाता पुलिस के सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में पीड़िता का परिवार हाईकोर्ट में फरियाद लगाई और हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है।जांच के दौरान सीबीआई आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष सहित दर्जनों लोगों से पूछताछ कर चुकी है।
पीड़ित के परिवार को अंदेशा
इंसाफ के इन नारों के बीच एक आवाज पीड़ित परिवार की भी है जिसे इस बात का अंदेशा है कि कहीं इस केस की जांच सियासत की भेंट ना चढ़ जाए । कोलकाता मर्डर और रेप का मामला जांच एजेंसी और सिस्टम के साथ साथ एक समाज के तौर पर हुक्मरानों का भी इम्तिहान है जिनके कंधों पर लोकतंत्र की जिम्मेदारी है।
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