RG Kar अस्पताल में तोड़फोड़ के ये हैं असली गुनाहगार, TMC वर्कर, जिम ट्रेनर, सेल्समैन, छात्रा और फूड डिलीवरी बॉय गिरफ्तार, कुछ आरोपियों का संबंध TMC से
Kolkata Doctor Case: 14 अगस्त की रात को अस्पताल के अंदर हुई तोड़फोड़ को लेकर जांच तेजी से चल रही है। पुलिस ने जो आरोपी गिरफ्तार किए हैं, उनमें जिम ट्रेनर, ई-रिक्शा चालक और डिलवरी बॉय से लेकर छात्र तक शामिल हैं। ज्यादातर आरोपियों को वीडियो के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।
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न्यूज़ हाइलाइट्स
अस्पताल में तोड़फोड़ के गुनाहगार
कुछ आरोपियों का संबंध टीएमसी से
पुलिस ने किए 30 से ज्यादा गिरफ्तार
Kolkata Updates: एक तरफ कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर Doctor के साथ हुई हैवानियत की जांच चल ही रही है, तो दूसरी तरफ 14 अगस्त की रात को अस्पताल के अंदर हुई तोड़फोड़ को लेकर भी जांच तेजी पकड़ रही है। जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पता चला है कि कुछ आरोपियों का कनेक्शन TMC पार्टी से था। ये भी पता चला है कि मौके पर BJP और DYFI यानी डेमोक्रेटिक यूथ फ्रंट ऑफ इंडिया, दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे। उधर, टीएमसी का आरोप है कि इस हिंसा की मास्टरमांइट बीजेपी और दूसरी पार्टियां हैं। पुलिस ने जो आरोपी गिरफ्तार किए हैं, उनमें कोई तो जिम ट्रेनर हैं, कोई ई-रिक्शा चालक, कोई डिलवरी बॉय तो कोई छात्र है। ज्यादातर आरोपियों को वीडियो के आधार पर अरेस्ट किया गया है। इसके अलावा कुछ आरोपियों को दूसरे आरोपियों के बयान के बाद अरेस्ट किया गया।
TMC कार्यकर्ता गिरफ्तार: अब आपको बताते हैं कि वो आरोपी कौन हैं, जिनका संबंध टीएमसी से है। पुलिस ने इस सिलसिले में सौमिक दास को अरेस्ट किया है। वो कोलकाता के नागेरबाजार के मैदान पल्ली में रहता है। 24 साल का सौमिक पेशे से जिम इंस्ट्रक्टर है और TMC का लोकल कार्यकर्ता भी हैं। अपनी गिरफ्तारी से ठीक पहले दास ने एक बंगाली न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कुबूला था कि 14 अगस्त की रात वो हिंसा की जगह पर मौजूद था।
रेहड़ी-पटरी लगाने वाला आरोपी: आरोपी जब्बार अंसारी (उम्र 40 साल) रेहड़ी-पटरी पर कपड़े बेचता है। उसे आरोपी बनाया गया है। वो कोलकाता के बेलगुरिया का रहने वाला है। बेलगुरिया एरिया मेडिकल कॉलेज के सामने ही है। पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान की एक फोटो जारी की है, जिसमें जब्बार इमरजेंसी बिल्डिंग के अंदर उपद्रवियों को गाइड करता दिख रहा है। 17 अगस्त को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जब्बार की 20 साल की एक बेटी है जो विक्टोरिया कॉलेज से BA की पढ़ाई कर रही है।
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छात्रा भी बनी आरोपी: एक और आरोपी है, जिसका नाम रूमा दास है। रूमा बीके मैत्रा रोड, बड़ानगर, कोलकाता की रहने वाली है। आजकल रूमा बेरोजगार है। उसके पिता नहीं है। रूमा प्रदर्शन में हिस्सा लेने गई थी। वो रात में ही मोहल्ले के क्लब गई थी जिस दौरान कुछ और स्टूडेंट्स वहां इकट्ठा हुए थे। बाद में उसे पुलिस ने अरेस्ट कर लिया।
सेल्समैन है आरोपी: नवीन सिंह लाल (21 साल) को भी पुलिस ने पकड़ा है। वो बेलगछिया रोड, कोलकाता का रहने वाला है। वो कपड़े की दुकान में सेल्समैन है। प्रोटेस्ट में दूर-दूर से लोग आए हुए थे। नवीन के पड़ोसी के मुताबिक, उसकी गली के बाहर क्लब है जहां वो सब इकट्ठा हुए थे। इनमें 15 से 20 साल के लड़के-लड़कियां थे। जो हिंसा के दौरान मची भगदड़ में एक-दूसरे से अलग हो गए।
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ई-रिक्शा चलाता है आरोपी: आरोपी रोहित बारुई (24 साल) को भी अरेस्ट किया गया है। वो दम दम रोड, कोलकाता का रहने वाला है। वो झुग्गी में रहता है और ई-रिक्शा चलाता है।
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पुलिस ने एक और स्टूडेंट को गिरफ्तार किया है। 25 साल की उम्र के इस छात्र का नाम शांतनु सरकार है। आरोप है कि वो शांतनु भी प्रोटेस्ट में शामिल था। वो आरएन टैगोर रोड, कोलकाता का रहने वाला है।
आरोपी तुशी हलदार उमाकांत लेन, कोलकाता की रहने वाली है। 19 साल की तुशी हलदार भी अस्पताल में तोड़फोड़ और हंगामे की आरोपी है। उसकी मां के मुताबिक- मेरी बेटी का जो भी वीडियो सामने आया है, उसमें वो सिर्फ यही बोल रही है कि हमें आंदोलन चाहिए।
तीनों दोस्त क्लब पर इकट्ठा हुए, फिर प्रदर्शन में शामिल हुए
पुलिस ने इस मामले में तीन दोस्तों को भी आरोपी बनाया है। इनके नाम सौरव, सौम्यदीप और शुभदीप हैं। सभी रेगुलर क्लब में मिला करते थे। शुभदीप कुंडू कोलकाता के मुरारीपुकुर में रहता है।
पुलिस ने घटना का जो वीडियो जारी किया है, उसमें 23 साल के सौरव डे को देखा जा सकता है। वो बैरिकेड पर चढ़ा हुआ है और अपने मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड कर रहा है। सौरव उन्हीं लोगों के साथ खड़ा है, जिन्हें तोड़फोड़ करते देखा गया।
सौम्यदीप का घर सौरव के घर के सामने ही है। वो फूड डिलीवरी का काम करता था। सौम्यदीप की मां के मुताबिक, 'तीनों दोस्त रात को साथ प्रोटेस्ट देखने के लिए आरजी कर हॉस्पिटल गए थे। वो पहले क्लब पर मिले, फिर वहीं से अस्पताल पहुंचे थे।’
अभी तक पुलिस ने इस सिलसिले में 70 से ज्यादा संदिग्धों की तस्वीरें जारी की हैं। 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तारियां हुई हैं। ऐसे में सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या ये प्रदर्शन प्री-प्लांड था?
कुछ आरोपी क्लब में मिले, इसके बाद झुंड बना कर अस्पताल पहुंचे
जांच में पता चला कि इनमें से कुछ आरोपी एक क्लब में मिले और इसके बाद मौके पर यानी अस्पताल के बाहर पहुंचे। कुछ सीधे अस्पताल पहुंचे। मेडिकल कॉलेज के बाहर पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए थे। मौके पर करीब 40-50 पुलिसवाले मौजूद थे।
कई ग्रुप्स मौजूद थे अस्पताल के बाहर
मेडिकल कॉलेज का फीमेल स्टाफ भी रात 11 बजे अस्पताल से रैली निकालने वाला था। स्टाफ इकट्ठा भी हो गया, लेकिन अस्पताल के बाहर खड़ी भीड़ रास्ता नहीं दे रही थी। इस बीच भीड़ उग्र हुई और हजारों की संख्या में लोग अस्पताल के भीतर घुस गए। अस्पताल में तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी। मौके पर BJP और DYFI यानी डेमोक्रेटिक यूथ फ्रंट ऑफ इंडिया दोनों के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि ये मामला अभी कोलकाता पुलिस के पास है। पर ये भी संभव है कि ये केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया जाए। जांच में पता चला है कि ज्यादातर गिरफ्तार आरोपी बुरतला, बेलगुरिया, उल्टाडांगा, मनिकतला और दम दम इलाके से हैं।
लेकिन अब भी कई सवाल जस के तस बने हुए हैं-
मसलन क्या ये प्रदर्शन प्री-प्लांड था?
प्रदर्शन में शामिल लोग कौन-कौन सी पार्टी से थे?
हॉस्पिटल में तोड़फोड़ करने के पीछे मकसद क्या था?
कैसे एकाएक सभी लोग अंदर घुस गए?
इस घटना से संबंधित कई तस्वीरें और वीडियो सामने आई है। इन्हीं की बदौलत आरोपियों की पहचान हुई और बाद में एक-एक करके 30 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारियां हुई।
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