मौत से पहले जूनियर डॉक्टर ने डायरी में क्या-क्या लिखा? जिसने पढ़ा वो रो दिया..

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मौत से पहले जूनियर डॉक्टर ने डायरी में क्या-क्या लिखा? जिसने पढ़ा वो रो दिया..
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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जूनियर डॉक्टर की पर्सनल डायरी मिली

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मौत से पहले डॉक्टर के लिखे आखिरी पन्ने

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सीबीआई के पास है डॉक्टर की डायरी

Kolkata News Update: कोलकाता रेप-मर्डर केस में अहम खुलासा हुआ है। मौके से कोलकाता पुलिस को मृतका की एक डायरी मिली थी। इसके साथ पुलिस को डायरी का एक पन्ना भी मिला है। दोनों को पुलिस ने पहले ही दिन जब्त कर लिया था। अब इसे सीबीआई को सौंप दिया गया है। इस डायरी में जूनियर डॉक्टर की जिंदगी के कई राज छिपे हैं।

डॉक्टर रोज लिखती थी डायरी

दरअसल डॉक्टर को पर्सनल डायरी लिखने की आदत थी। सूत्रों का कहना है कि महिला डॉक्टर रोजाना अपनी डायरी में कुछ न कुछ लिखती थी। इसमें  आमतौर पर रोजाना वो जो कुछ भी करती थी उसे जरूर लिखती थी। साथ-साथ वो अपने सपनों को भी डायरी के पन्नों पर अक्सर उकेरती थी। अपनी मौत से पहले महिला डॉक्टर ने पन्ने पर एक Wish List बनाई थी जिसमें वो सब कुछ लिखा था जो वो करना चाहती थी? वह कई प्राइवेट क्लीनिकों और मशहूर अस्पतालों में प्रैक्टिस करना चाहती थी। इस लिस्ट में उन अस्पतालों के नाम भी शामिल थे, जिनमें वो काम करना चाहती थी। सूत्रों का कहना है कि उसने घटना से पहले भी डायरी में लिखा था। हालांकि उसकी इस डायरी का एक पेज अलग मिला है, इसमें क्या लिखा गया है, इसको लेकर अब तक खुलासा नहीं हो पाया है। 

गोल्ड मेडल जीतना चाहती थी डॉक्टर

मृतका ने लिखा था कि वह आने वाले वक्त में मेडिकल फील्ड में गोल्ड मेडल जीतना चाहती है। वह गोल्ड मेडल हासिल करने के लिए अभी और पढ़ाई करना चाहती थी। डॉक्टर की ये डायरी भी अब जांच का हिस्सा है। पुलिस ने इस डायरी के बारे में मृतका के परिजनों से पूछताछ भी की है। उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की थी कि वो डायरी लिखती थी। उसकी हैंड राइटिंग का मिलान भी किया गया है, जो उसकी पुरानी नोट बुक्स से मैच कर गई है। ऐसे में सीबीआई मान कर चल रही है कि ये डायरी मृतका ने ही लिखी है।

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अब तक केस में क्या-क्या हुआ?

उधर, इस मामले की जांच अब सीबीआई (CBI) कर रही है। आरोपी संजय पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। पहले दिन इस मामले में लीपापोती की कोशिश हुई। दूसरे दिन संजय की गिरफ्तारी हुई। तीसरे दिन अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट का तबादला हुआ। चौथे दिन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने  चारों ओर से बढ़ रहे दबाव के बाद आखिरकार इस्तीफा दे दिया। फिर हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई की जांच शुरू हुई। छठे दिन ही अस्पताल (RG Kar Hospital) में डॉक्टरों पर फिर से हमला हो गया। 

जांच के दायरे में मुख्य आरोपी संजय रॉय से लेकर उसके करीबी पुलिसकर्मी तक और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल से लेकर अस्पताल के कर्मचारी तक शामिल हैं। 12 दिन से मुख्य आरोपी गिरफ्तार है। उससे पूछताछ हो रही है। 6 दिन से पूर्व प्रिंसिपल से पूछताछ हो रही है। मृतका के घरवालों से पूछताछ हो चुकी है। अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ हो चुकी है। आरोपी के करीबियों से पूछताछ हो चुकी है।

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अब नारको पॉलीग्राफ के जरिये सीबीआई जानना चाहती है आरोपी ने जो बयान दिया है, वो झूठ तो नहीं है या वो कुछ छिपा तो नहीं रहा है। 

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लेकिन कई सवाल अभी भी बरकरार है - 

डेड बॉडी देर से क्यों सौंपी?

परिवार को इंतजार क्यों करवाया?

हत्या को सुसाइड क्यों बताया?

क्राइम सीन से क्यों छेड़छाड़ हुई?

मुकदमा दर्ज करने में देरी क्यों हुई?

अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को देर से क्यों बताया?

सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को संज्ञान में लिया था। एक-एक बारीकी पर गौर किया था। केस से और ड़ॉक्टरों की पूर्ण सुरक्षा से जुड़े हुए तमाम पहलुओं पर लंबी चर्चा की थी। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा सीआईएसएफ के हवाले कर दी गई थी। अब तक इसकी जांच दो किरदारों के इर्द-गिर्द दिख रही है। एक तो आरोपी संजय रॉय और दूसरा पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, जिनकी भूमिका पर सुप्रीम कोर्ट भी उंगलियां उठा चुकी है। ऐसे में देखना होगा कि आने वाले वक्त में क्या सीबीआई संदीप घोष को भी गिरफ्तार करेगी या नहीं?

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