"Lady डॉक्टर से रेप के सबूतों से हुई छेड़छाड़"- Supreme Court में CBI का दावा, पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और 4 ट्रेनी डॉक्टर्स का होगा पॉलीग्राफी टेस्ट
Kolkata Doctor Rape Case Supreme Court CBI Status Report: ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में CBI ने सुप्रीम कोर्ट में इस केस की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई। इस दौरान सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ की गई है। सीबीआई ने ये भी कहा कि ये मामला गैंग रेप नहीं बल्कि रेप से जुड़ा हुआ है।
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न्यूज़ हाइलाइट्स
CBI ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की स्टेटस रिपोर्ट
मौका-ए-वारदात पर सबूतों से हुई छेड़छाड़
शक के घेरे में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष
Kolkata News: कोलकाता के RG Kar अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले पर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इस केस की स्टेटस रिपोर्ट (Status Report) दाखिल कर दी। इसको लेकर सीबीआई के वकील ने कोर्ट को बताया कि मौका-ए-वारदात पर सबूतों से छेड़छाड़ हुई है। सीबीआई की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने ये खुलासा किया। उन्होंने कहा कि शुरुआत में परिवार को कत्ल के इस मामले को सुसाइड बताया गया था। उधर, पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और 4 ट्रेनी डॉक्टर्स पॉलीग्राफी टेस्ट होगा। इसको लेकर कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है।
गैंग रेप नहीं, रेप का केस है ये
सीबीआई ने शुरुआती स्टेटस रिपोर्ट में अस्पताल प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। सीबीआई ने कहा कि फॉरेंसिक रिपोर्ट और सीसीटीवी के सबूतों के मुताबिक अब तक सिर्फ आरोपी संजय रॉय की संलिप्तता की पुष्टि हुई है। सीसीटीवी फुटेज से भी साफ हो रहा है कि आरोपी एक ही था। जांच टीम ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी अध्ययन किया है, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि अभी तक ये मामला रेप का है। बाकी जांच जारी है।
संदीप घोष पर शक गहराया
सीबीआई को इस बात के सबूत मिले हैं कि अपराध स्थल पर छेड़छानी की गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि ये छेड़छाड़ किसने और क्यों की? इसमें संदीप घोष की भूमिका की जांच जारी है। पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष मौका ए वारदात को पूरी तरह से सुरक्षित रखने में विफल रहे। रेनोवेशन का काम भी सीबीआई की जांच के घेरे में है और इसी सिलसिले में संदीप घोष से कई बार पूछताछ हुई है। उसके पॉलीग्राफ टेस्ट को लेकर कोर्ट में अर्जी दी गई है।
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कोलकाता पुलिस को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को फिर फटकार लगाई है। यहां तक जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा - 30 साल के करियर में ऐसी लापरवाही वाला केस नहीं देखा गया। एफआईआर में 14 घंटे की देरी हुई। SG ने कहा कि FIR अस्पताल ने नहीं, बल्कि पीड़िता के पिता ने दर्ज कराई। सीबीआई ने यह भी बताया कि घटना की सूचना भी परिजनों को देरी से दी गई थी। अगले हफ्ते फिर इस मामले की सुनवाई होगी। कोर्ट ने हड़ताल पर गए डॉक्टर्स से फिर काम पर लौट आने की अपील की।
संजय था संदीप घोष का बाउंसर?
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संदीप घोष की मुश्किलें RG कर हॉस्पिटल के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली के दावों के बाद और भी बढ़ गई है। अख्तर अली ने दावा किया कि रेप और मर्डर केस में गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय मे़डिकल कॉलेज में संदीप घोष का बाउंसर बनकर घूमता था। अगर संजय रॉय ही संदीप घोष का अंगररक्षक बनकर चलता था तो क्या 8-9 अगस्त की रात हुए कांड के बाद खुद संदीप घोष संजय को बचाने में लगे थे? मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से जुड़े कई विवाद सामने आने के बाद अब ये सभी सवाल उठाए जा रहे हैं। संदीप पर आरोप है कि न सिर्फ उन्होंने FIR कराने में देरी की बल्कि परिजनों को बेटी का शव दिखाने में देरी कराई।
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अस्पताल के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने लगाए संगीन आरोप
आर जी कर हॉस्पिटल के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली का आरोप है कि संदीप घोष (Sandip Ghosh) ने मेडिकल कॉलेज को करप्शन का अड्डा बना लिया था। शराब पार्टी और बाहर से लड़कियां लाना यहां आम बात हो गई थी। सीबीआई पिछले छह दिनों में 77 घंटे से ज्यादा संदीप घोष से पूछताछ कर चुकी है।
कई दौर की पूछताछ कर चुकी है CBI
उधर, आरोपी संजय पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। जब सरकार पर सवाल खड़े हुए तो मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई की जांच शुरू हो गई। छठे दिन ही अस्पताल में डॉक्टरों पर फिर से हमला हो गया। जांच के दायरे में मुख्य आरोपी संजय रॉय से लेकर उसके करीबी पुलिसकर्मी और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल से लेकर अस्पताल के कई और कर्मचारी शामिल हैं। 13 दिनों से मुख्य आरोपी गिरफ्तार है। उससे पूछताछ की जा रही है। पूर्व प्रिंसिपल से 6 बार पूछताछ हो चुकी है। मृतका के घरवालों से भी पूछताछ हो चुकी है। अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ हो चुकी है। दूसरी ओर आरोपी के करीबियों से भी पूछताछ की जा चुकी है।
उधर, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने नेशनल टास्क फोर्स (National Task Force) की सिफारिशों के लागू होने तक डॉक्टरों के लिये अंतरिम सुरक्षा की मांग की है और सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर एक अर्जी दाखिल की है। आरोप है कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के आगे पश्चिम बंगाल सरकार झुक गई है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में नए प्राचार्य को छात्रों की मांग पर हटा दिया गया है। अस्पताल के अधीक्षक और चेस्ट विभाग के एचओडी को भी हटा दिया गया है।
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