जानिए सुखदेव सिंह गोगामेड़ी मर्डर केस की Inside Story, मर्डर के पीछे की कई वजहें
श्री राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह से लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा की क्या दुश्मनी थी?
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शरत कुमार/जयकिशन शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
पंजाब पुलिस ने दिया था इनपुट!
Shri Rajput Karni Sena Chief Sukhdev Singh Gogamedi : राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की साजिश करीब दस महीने पहले पंजाब की बठिंडा सेंट्रल जेल में रची गई थी। पंजाब पुलिस ने उनकी हत्या की आशंका जताते हुए मार्च में राजस्थान पुलिस को इनपुट भेजकर अलर्ट किया था। पंजाब पुलिस ने मार्च में राजस्थान पुलिस को एक औपचारिक पत्र लिखा था। पत्र में बताया गया कि बठिंडा जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई गैंग का गैंगस्टर संपत नेहरा सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की साजिश रच रहा है। उसने वारदात के लिए एके-47 का इंतजाम किया था। लेकिन सवाल ये है कि इससे संबंधित जानकारिया पंजाब पुलिस को कहां से मिली थी और पुलिस ने समय रहते आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की?
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पता चला है कि सुखदेव प्रापर्टी का भी काम करता था और वो राजपूतों को सपोर्ट किया था। इसी को लेकर रोहित गोदारा उससे नाराज था। करीब डेढ़ साल पहले पहली बार रोहित गोदारा ने दुबई और पाकिस्तान के नंबरों से कॉल कर सुखदेव को धमकी दी थी, लेकिन सुखदेव ने तब इसे गंभीरता से नहीं लिया था। बाद में उन्होंने पहली बार राजस्थान पुलिस को इस धमकी की जानकारी दी और सुरक्षा की मांग की थी। हार कर सुखदेव ने खुद ही सुरक्षा कर्मी रख लिए थे।
Shri Rajput Karni Sena Chief Sukhdev Singh Gogamedi : मामले की जांच से जुड़े एक शीर्ष पुलिस सूत्र ने बताया कि राजू ठेहट हत्याकांड के बाद लॉरेंस गैंग ने शेखावाटी में दहशत फैलाने के लिए रोहित गोदारा के जरिए व्यापारियों और प्रॉपर्टी कारोबारियों से फिरौती वसूलना शुरू कर दिया था। इनमें से कई कारोबारी सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के करीबी थे। लॉरेंस गैंग की धमकियों के बाद गोगामेड़ी और आनंदपाल के छोटे भाई मंजीत पाल सिंह उन पीड़ित व्यापारियों और प्रॉपर्टी कारोबारियों के पक्ष में खुलकर सामने आ गए थे।
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एक साल पहले रतनगढ़ के निवासी को मिली थी धमकी
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करीब एक साल पहले रतनगढ़ निवासी प्रॉपर्टी कारोबारी महिपाल सिंह को गैंगस्टर रोहित गोदारा के नाम पर धमकी दी गई थी। फिरौती का यह मामला राजू ठेहट हत्याकांड के ठीक पांच दिन बाद सामने आया था। 8 दिसंबर 2022 को महिपाल सिंह के फोन पर व्हाट्सएप से वॉयस मैसेज आया, 'मैं रोहित गोदारा हूं, 15 दिसंबर तक 50 लाख रुपये का इंतजाम कर लेना। वरना सीकर का नतीजा तो आप देख ही चुके हैं। अगर आगे भी काम करना है तो पैसे देने होंगे।' इसके बाद 15 दिसंबर 2022 को दोपहर 2:50 बजे उनके पास वॉट्सऐप कॉल और मैसेज आया। यह कहा, 'मैं रोहित गोदारा बोल रहा हूं। जवाब हाँ या नहीं। हम दोबारा कॉल नहीं करेंगे।'
जांच में ये बात सामने आई है कि इस मामले में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी और आनंदपाल गैंग ने महिपाल सिंह का साथ दिया था और लॉरेंस गैंग को फिरौती देने से इनकार कर दिया था। इसके अलावा सुखदेव सिंह गोगामेड़ी कई अन्य मामलों में भी लॉरेंस गैंग के खिलाफ खुलकर सामने आए थे। इसके बाद लॉरेंस गैंग और गोगामेड़ी के बीच दुश्मनी शुरू हो गई थी।
पंजाब की भटिंडा जेल में बैठकर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गैंगस्टर संपत नेहरा ने गोगामेड़ी की हत्या की साजिश रचनी शुरू कर दी। वह इस हत्या के लिए एके-47 और अन्य हथियारों का इंतजाम कर रहा था। उधर, रोहित गोदारा ने दोनों हमलावरों की पहचान कर ली थी। इसके बाद इस घटना को अंजाम दिया गया।
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