Election Results 2024: खालिस्तानी अमृतपाल सिंह को लोग कर रहे हैं पसंद, करीब एक लाख 30 हजार वोटों से आगे
Election Results 2024: खालिस्तान समर्थक अमृत पाल सिंह (Khalistani Amritpal Singh) आगे चल रहे हैं। वो पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदार थे। इस वक्त अमृतपाल सिंह असम की जेल में बंद है।
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Khalistani Amritpal Singh: खालिस्तानी समर्थक अमृत पाल सिंह आगे चल रहे हैं। वो पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदार थे। इस वक्त अमृतपाल सिंह असम की जेल में बंद है। चुनाव नतीजों के मुताबिक अमृत पाल करीब एक लाख 30 हजार वोटों से बढ़त बनाए हुए हैं। इसको लेकर अब कई बातें हो रही हैं। तो क्या ये माना जाए कि लोग उनकी विचारधारा से प्रभावित हो रहे हैं? उनका मुकाबला कांग्रेस के कुलदीप सिंह और आप के लालजीत सिंह से हो रहा है।
क्या आरोप है अमृत पाल सिंह पर?
विकिपीडिया के मुताबिक फरवरी 2023 में एक व्यक्ति ने अजनाला पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी कि उसे अमृतपाल के साथियों ने अगवा कर लिया और पीटा। इसको लेकर पुलिस ने अमृतपाल और उसके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने उसके एक करीबी साथी लवप्रीत सिंह "तूफान" को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल ने पंजाब पुलिस को मामला वापस लेने के लिए "अल्टीमेटम" जारी किया और जब पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया तो उसके समर्थकों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए और स्वचालित बंदूकों और धारदार हथियारों से लैस होकर पुलिस परिसर में घुस गए। इस दौरान कई पुलिस कर्मी घायल हो गए और पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। बाद में पंजाब पुलिस ने पुलिस रिपोर्ट के आधार पर अदालत द्वारा उसकी रिहाई के आदेश के बाद लवप्रीत सिंह को रिहा कर दिया। अमृतपाल द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने की विद्वानों और सिख पादरियों ने समान रूप से निंदा की थी। इसके बाद पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह के पीछे पड़ गई थी। उसके खिलाए एनएसए लगाया गया था। पिछले साल 23 अप्रैल को काफी दिनों तक फरार रहने के बाद अमृतपाल को सरेंडर करना पड़ा। वो पंजाब के मोगा में गुरुद्वारे में छिपा हुआ था। उसके बाद उसे एनएसए के तहत असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया। तब से वो उसी जेल में बंद है।
कौन है अमृत पाल सिंह ?
भिंडरावाले के नक्शे कदम पर चलने वाला अमृतपाल सिंह 'वारिस पंजाब दे' संगठन का मुखिया है। अमृतसर ज़िले के जल्लूखेड़ा गांव में जन्मे अमृतपाल सिंह की उम्र तीस साल की है। तरसेम सिंह का बेटा अमृतपाल 19 बरस की उम्र में ही भारत से दुबई चला गया था और पूरे दस साल दुबई में ही रहा। भारत आते ही उसका रंग रुप और रुआब सब बदल गया और दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे का प्रमुख बन गया।
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