Khalistan Terrorist : खालिस्तानी आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश पर अब ये क्या बोल गया अमेरिका!

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खालिस्तानी आतंकी पन्नू
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Khalistan Terrorist USA Statement : अमेरिका ने दोहराया कि खालिस्तानी आतंकी की हत्या की साजिश को लेकर उनके पास पुख्ता सबूत है। व्हाइट हाउस के सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, 'भारत सरकार के एक अधिकारी पर अमेरिकी धरती पर सिख अलगाववादी की हत्या की नाकाम साजिश के आरोपों को बहुत गंभीरता से ले रहा है।'

बुधवार को अमेरिकी न्याय विभाग ने पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में एक शख्स पर आरोप तय किए थे। उसी दिन भारत ने कहा था कि वह वॉशिंगटन द्वारा जताई गई चिंताओं की औपचारिक जांच करेगा और उचित कदम उठाएगा।

मैनहट्टन में फेडरल प्रॉसिक्यूटर्स ने कहा कि निखिल गुप्ता (51) ने न्यूयॉर्क के एक निवासी की हत्या की साजिश रचने के लिए भारत सरकार के एक कर्मचारी के साथ काम किया।

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अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट का कहना है कि पन्नू के मामले में सनसनीखेज खुलासा ये है कि भारत में बैठे CC-1 अफसर के कहने पर ही निखिल गुप्ता ने हत्या के लिए एक किलर की तलाश शुरू की है। इसी तलाश में निखिल का संपर्क एक ऐसे शख्स से हुआ जो अपराधियों के बीच ही उठता बैठता था। असल में वो शख्स अमेरिकी खुफिया एजेंसी का अंडरकवर अफसर था। उसी ने निखिल गुप्ता को एक ‘हिटमैन’ यानी सुपारी किलर से मिलवाया था। अमेरिकी एजेंसी का दावा है कि जो हिटमैन यानी सुपारी किलर निखिल गुप्ता से मिला था। असल में वो भी खुफिया एजेंसी का अंडरकवर अफसर है।

खुलासा यही है कि उस हिटमैन को निखिल गुप्ता ने हत्या के लिए एक लाख डॉलर की पेशकश की थी। ये रकम जल्दी ही देने की बात पर दोनों में रजामंदी हुई थी। निखिल गुप्ता ने उस नकली हिटमैन से कहा था कि पन्नू की हत्या जल्द से जल्द कर दे। मगर ये हिदायत भी थी कि हत्या उस वक़्त बिल्कुल भी न हो जब भारत और अमेरिका के बीच उच्च स्तरीय कार्यक्रम होने वाले हैं। हालांकि उस प्रेस रिलीज में ये संकेत साफ नहीं हैं कि हत्या न करने की हिदायत किसी भी सूरत में प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के आस पास का जिक्र किया जा रहा है या नहीं। अलबत्ता प्रेस रिलीज में High Level US and Indian Govt Officials शब्द का इस्तेमाल किया गया है।

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एक भारतीय अफसर गिरफ्तार

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अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के मुताबिक जिस निखिल गुप्ता का जिक्र अमेरिका का रिपोर्ट में है उसे चेक रिपब्लिक ने 30 जून 2023 को ही गिरफ्तार कर लिया था। ये बात गौरतलब है कि चेक गणराज्य और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि भी है। यानी दोनों ही देशों में एक दूसरे के अपराधी को गिरफ्तार भी किया जा सकता है और उस देश के हवाले किया जा सकता है जहां गुनाह हुआ या होने वाला है। 

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