Killing in Kashmir: अकेले मई के महीने में हुई सात टारगेट किलिंग, CJI से लगाई गई गुहार

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Killing in Kashmir: अकेले मई के महीने में हुई सात टारगेट किलिंग, CJI से लगाई गई गुहार
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Target Killing in Kashmir: जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) में हिंदुओं की टारगेट किलिंग (Target Killing) का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। घाटी (Wally) में हो रही हत्याओं पर संज्ञान (Cognizance) लेने की मांग को लेकर वकील विनीत जिंदल ने एक पत्र याचिका (Petition) देश के मुख्य न्यायाधीश यानी CJI को भेजी है।

वकील ने अपनी याचिका में कहा है कि अकेले मई (May) महीने में कश्मीर के अलग अलग हिस्सों में सात हिंदुओं की हत्या हो चुकी है। एक के बाद एक हो रही इन हत्याओं के चलते हिंदू वहां डर और असुरक्षा में जी रहे है।

Kashmir News: ये बात काबिले गौर है कि पिछले एक महीने में कई कश्मीरी पंडितों को उनके घरों में घुसकर गोली से उड़ा दिया। सबसे ताज़ा मामला कश्मीर के कुलगाम का है, जहां एक कश्मीरी पंडित टीचर को आतंकियों ने गोली से उड़ा दिया था।

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वकील विनीत जिंदल ने अपने पत्र याचिका में मांग की है कि देश की सबसे बड़ी अदालत कश्मीर में रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का सरकार को आदेश दे। साथ ही जम्मू और कश्मीर में आतंकियों का सफ़ाया करने के लिए एक स्पेशल यूनिट बनाई जाए। इसके साथ ही साथ पत्र याचिका में ये भी मांग की गई है कि कश्मीर में टारगेट किलिंग का शिकार हुए लोगों के परिजनों को कम से कम एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए साथ ही परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिले।

Kashmir News in Hindi: चीफ जस्टिस के नाम प्रेषित पत्र याचिका में सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेने की गुहार लगाई गई है। वकील विनीत जिंदल ने सुप्रीम कोर्ट में पत्र याचिका में कश्मीर में हिन्दू अल्पसंख्यकों को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश देने की मांग की है। हिंदुओं की टारगेट किलिंग की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी से जांच कराने की मांग भी की गई है।

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पत्र याचिका में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में हो रही इस तरह की हत्याओं से माहौल में दहशत फैल गई है और लोग अब अपने घरों में भी डर डरकर रह रहे हैं।

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मई के महीने में कश्मीर में सात हिंदुओं की टारगेट किलिंग हुई। कश्मीर घाटी में बीते एक महीने के दौरान मारे गए लोगों में से चार नागरिक है जबकि टारगेट किलिंग का शिकार होने वालों में तीन पुलिस कर्मी भी शामिल हैं जो फिलहाल ड्यूटी पर नहीं थे। 31 मई को कुलगाम में स्कूल में हिन्दू अध्यापिका की हत्या की गई। वकील ने अपने आग्रह में कहा है कि मौजूदा वक़्त में जो हालात हैं और जिस तरह से टारगेट किलिंग हो रही है वो 1989-90 के आशांत कश्मीर की याद दिलाती है।

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