कर्नाटक में हिंदू कार्यकर्ता श्रीकांत पुजारी को राम मंदिर आंदोलन मामले में जमानत मिली, 31 साल पुराना केस

ADVERTISEMENT

कर्नाटक में हिंदू कार्यकर्ता श्रीकांत पुजारी को राम मंदिर आंदोलन मामले में जमानत मिली, 31 साल पुरान...
अदालत का फैसला
social share
google news

Karnataka: तीन दशक पहले राम मंदिर आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए गिरफ्तार किए गए हिंदू कार्यकर्ता श्रीकांत पुजारी को शनिवार को यहां जमानत पर रिहा कर दिया गया। पुजारी ने जेल से बाहर आने के बाद कहा कि उसने अयोध्या में राम मंदिर के लिए लड़ाई लड़ी है और फिर वहां जाएगा। पुलिस ने कहा कि उसने पुजारी को लंबित मामलों के निपटारे के सिलसिले में दिसंबर, 2023 में पकड़ा था। पुलिस ने कहा कि पता चला कि आरोपी ने 1992 में राम मंदिर आंदोलन में हिस्सा लिया था। 

जमानत पर रिहा कर दिया गया

हालांकि, पुलिस ने कहा कि उसके खिलाफ अवैध शराब बिक्री सहित 16 मामले लंबित थे और उसे दो पुलिस थानों में 'उपद्रवी' निर्दिष्ट किया गया था। जेल से रिहा होने के तुरंत बाद, पुजारी ने हिंदू संगठनों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उसकी रिहायी के लिए लड़ाई लड़ी। पुजारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इकतीस साल पहले मैंने अयोध्या में राम मंदिर के लिए लड़ाई लड़ी थी। मैं फिर वहां जाऊंगा।’’ पुजारी ने कहा कि उसे गिरफ्तार करने आए पुलिसकर्मियों ने कहा कि वे उसे बाजार ले जाना चाहते हैं।

ADVERTISEMENT

अयोध्या में राम मंदिर के लिए लड़ाई लड़ी 

पुजारी ने कहा, ‘‘पुलिसकर्मियों ने मुझे कोई वारंट या समन नहीं दिया। उन्होंने बस मुझे पकड़ा और हवालात में डाल दिया।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या उसे 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले कांग्रेस सरकार द्वारा जानबूझकर गिरफ्तार किया गया था, पुजारी ने कहा, ‘‘मुझे यह सब नहीं पता। उन्होंने (पुलिस ने) मुझे बस बाजार में बुलाया और गिरफ्तार कर लिया।’’ पुजारी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उसके खिलाफ कई मामले लंबित हैं। पुजारी ने कहा, ‘‘मेरे खिलाफ कोई मामला नहीं था। एक-एक करके सभी का निस्तारण हो गया था। इसलिए मैं बेलगावी से लौट आया।’’ एक सवाल के जवाब में हिंदू कार्यकर्ता पुजारी ने कहा कि वह 1992 में आठ महीने के लिए जेल में था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनकी गिरफ्तारी को मुद्दा बनाया था और पूरे राज्य में प्रदर्शन किया था। 

ADVERTISEMENT

जानबूझकर गिरफ्तार किया गया 

ADVERTISEMENT

'मैं एक कार सेवक हूं, मुझे भी गिरफ्तार करो’ नाम से एक अभियान भी चलाया था। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दल के नेताओं को यह समझने की जरूरत है कि अपराधियों को जाति और धार्मिक ठप्पा लगाना बेहद खतरनाक है। सिद्धरमैया ने सवाल किया, ‘‘भाजपा के किसी नेता में यदि थोड़ा भी विवेक है, तो उन्हें हुबली के इस व्यक्ति के खिलाफ आरोपों की सूची पढ़नी चाहिए और फिर तय करना चाहिए कि उसके लिए लड़ना है या नहीं। चूंकि आबादी में हिंदू बहुसंख्यक हैं, इसलिए जेलों में भी वे बहुसंख्यक हैं। क्या इसका मतलब यह है कि भाजपा को उन सभी के लिए लड़ना चाहिए क्योंकि वे हिंदू धर्म से हैं।’’

(PTI)

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜