कानपुर छात्र मर्डर केस : प्रेम संबंधों में हत्या या फिरौती के लिए मार डाला, कई सवाल अभी भी अनसुलझे
Kanpur Murder News Updates : कानपुर में कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया के 16 साल के बेटे कुशाग्र की हत्या क्यों की गई?
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Kanpur Murder News Updates : कानपुर में कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया के 16 साल के बेटे कुशाग्र की हत्या क्यों की गई? क्या फिरौती के लिए उसकी हत्या की गई या फिर प्रेम संबंधों की वजह से उसे मारा गया? ये सवाल अभी भी बना हुआ है। सवाल ये भी है कि रचिता जिसे प्यार करती थी, उसे मारने के लिए कैसे राजी हो गई? क्या पैसों की खातिर दोनों उसे मारने के लिए हो गए? क्या दोनों का मकसद कुशाग्र को मारने का नहीं था? क्या ऐसे हालत बनी, जिस वजह से दोनों ये करने के लिए तैयार हो गए? पुलिस गहराई से सारी बातों की तफ्तीश कर रही है।
रचिता ने कुशाग्र को 7 सालों तक ट्यूशन पढ़ाया था। लिहाजा दोनों में नजदीकियां थी। रचिता की प्रभात से भी नजदीकियां थी। उसने जो स्कूटी खरीदी थी, वो प्रभात के नाम से खरीदी थी।
जांच में ये बात सामने आई है कि हत्यारोपी प्रभात और रचिता ने दिवाली से पहले हिमाचल प्रदेश जाने की तैयारी कर रखी थी। रचिता मूल रूप से हिमाचल की है। उसके माता-पिता नहीं हैं। वो अकेली कानपुर में रहती थी। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि फिरौती की रकम वसूलने के बाद रचिता और प्रभात यहां से फरार होने की तैयारी में थे।
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प्रभात ने कुशाग्र के घर फिरौती वाला लेटर फेंकने के बदले दोस्त को भी मोटी रकम देने का वादा किया था। रचिता ने प्रभात के साथ साझे में किस्तों पर स्कूटी ली थी। उस स्कूटी की किस्त का समय हो चुका था। जहां से पुलिस को कुशाग्र का शव बरामद हुआ है, वहां नशीला पदार्थ, रस्सी और रजाई-गद्दे पड़े थे।
रचिता कुशाग्र को ट्यूशन पढ़ाती थी, पर अब नहीं
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हत्या का आरोप लगा है ट्यूशन टीचर रचिता पर। आरोपी ट्यूशन टीचर रचिता हिमाचल प्रदेश की रहने वाली है। उसके माता-पिता नहीं हैं। वह कानपुर में अकेले रहकर घरों में जाकर ट्यूशन पढ़ाती थी। रचिता कानपुर में फजलगंज में कमरा लेकर अकेले रहती थी। रचिता के घर के पास ही आरोपी प्रभात का भी घर है।
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रचिता पहले कुशाग्र को कोचिंग पढ़ाने उसके घर जाती थी। इसके बाद कुशाग्र के परिजनों ने उसे हटा दिया था।
सवाल ये उठता है कि क्या परिवार को कुशाग्र और रचिता के बारे में कुछ पता चला था?
क्या इसी वजह से उसके परिजनों ने कुशाग्र की ट्यूशन हटवा दी थी?
सवाल ये भी है कि ऐसी परिस्थिति के बावजूद उसका भाई रचिता से ट्यूशन क्यों पढ़ रहा था? एक साल से वह कुशाग्र के भाई को कोचिंग पढ़ाने लगी थी। कुशाग्र रचिता से मिलने उसके घर पर जाता था।
क्या ये बात कुशाग्र के घरवालों को पता नहीं थी कि वो रचिता से मिलने जाता था?
रचिता का एक Boy Friend था। उसका नाम प्रभात शुक्ला था। उसे ये बात नागवार गुजरती थी। इसी को लेकर प्रभात ने अपने दोस्त शिवा के साथ मिलकर कुशाग्र की हत्या की प्लानिंग रच डाली। इस प्लान में रचिता भी शामिल हो गई, लेकिन सवाल ये है कि रचिता इस प्लानिंग में क्यों शामिल हुई? क्या पैसों के लिए वो शामिल हुई?
प्रभात ने किया रचिता के घर पर मर्डर
शिवा क्यों शामिल हुआ हत्या के लिए?
पुलिस के मुताबिक, सोमवार को कुशाग्र शाम को 4 बजे घर से कोचिंग के लिए निकला। रास्ते में उसे रचिता का बॉयफ्रेंड प्रभात मिल गया। पुलिस के मुताबिक, प्रभात ने कुशाग्र को रोक लिया और कहा कि मुझे रामबाग तक छोड़ दो। कुशाग्र जब रामबाग पहुंचा तो प्रभात घर के पास उसे कोल्ड ड्रिंक पिलाने के बहाने घर में ले गया। इसके बाद प्रभात ने रचिता और शिवा के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद शव घर में ही छिपा दिया।
पहले हत्या की, फिर फिरौती मांगी , लेकिन क्यों ?
आरोपियों का प्लान था कि वो पैसे लेकर भाग जाएंगे और शव को ठिकाने लगा देंगे। यानी वो पैसा भी ले लेंगे और बच्चा भी नहीं देंगे। इसके बाद पुलिस को भटकाने के लिए फिरौती के लिए प्रभात ने लेटर लिखा और कुशाग्र के घर भेजा, ताकि जांच की दिशा ही घूम जाए।
तो क्या रचिता दो लड़कों के साथ डेट कर रही थी? तो गलती रचिता की नहीं है!
रचिता का प्लान था कि फिरौती की रकम मिलते ही वह प्रभात के साथ हिमाचल प्रदेश चली जाएगी। मृतक छात्र कुशाग्र रचिता से मिलने उसके घर पर जाता था। प्रभात का घर भी रचिता के पास फजलगंज के ओम नगर में ही था।
डॉक्टर का मानना है कि हत्या के बाद उसकी बॉडी घसीटी गई, उसी से खरोंच लगी है।
रचिता ने रचा ढोंग!
हत्या के बाद उसने कुशाग्र के मामा को फोन किया था और कुशाग्र को लेकर चिंता जाहिर की थी।
दरअसल, कुशाग्र जिस बिल्डिंग में रहता है उसका गार्ड राजेंद्र सोमवार की रात में ड्यूटी पर था। इसी बीच कुशाग्र की हत्या करने के बाद प्रभात और उसका साथी उसके घर के बाहर दो पहिया गाड़ी से पहुंचते हैं। दोनों 30 लाख की फिरौती वाला लेटर फेंकने पहुंचे थे। मगर तभी उनकी नजर गार्ड राजेंद्र पर पड़ी। इस पर दोनों ने गार्ड से लेटर को कुशाग्र के घर पहुंचाने को कहा। गार्ड को तभी शक हुआ। गार्ड ने जाते-जाते प्रभात की गाड़ी का नंबर भी नोट कर लिया। आगे चलकर पुलिस के लिए यही नंबर बड़े सुराग का काम कर गया।
जांच में पता चला कि उक्त दो पहिया गाड़ी प्रभात शुक्ला के नाम रजिस्टर्ड है। इसके बाद प्रभात को पकड़ा गया। फिर दूसरे आरोपी भी पकड़े गए।
पुलिस ने बताया कि प्रभात को पकड़ने के बाद हम महिला टीचर के घर तक पहुंच गए। वहां बगल वाले कमरे में हमें कुशाग्र की बॉडी मिल गई।
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