सेल्फी वाले हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ होने वाला था STF का एक्शन तभी आ गई फोन कॉल, 'ऑपरेशन अबॉर्ट'
History Sheeter with Selfie: कानपुर के एक हिस्ट्रीशीटर की जान बच गई। ये ऐसा अपराधी है जिसकी खाकी और खादी दोनों से दोस्ती थी। उम्र से भी ज़्यादा उस पर आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं।
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Kanpur History Sheeter: यूपी पुलिस की एसटीएफ एक 'ऑपरेशन' की तैयारी कर रही थी। उसने टीम भी बना ली थी और वो टीम बस रवाना होने ही वाली थी, मगर तभी एक मोबाइल की घंटी की बजी और ऑपरेशन 'एबॉर्ट' कर दिया गया। आखिर ये ऑपरेशन क्या था, क्यों था और किसके खिलाफ होने वाला था, इन सवालों के जवाब से भी ज़्यादा बड़ा सवाल यही बनता है कि आखिर ये ऑपरेशन अबॉर्ट क्यों किया गया। उस मोबाइल की घंटी में ऐसा कौन सा जादू था कि जिसकी वजह से इतना जरूरी ऑपरेशन कैंसल करना पड़ा।
STF के ऑपरेशन की तैयारी
असल में यूपी पुलिस की एसटीएफ जिस ऑपरेशन के लिए निकलने वाली थी, उस नामी बदमाश को 500 किमी दूर देश की राजधानी में दबोच लिया गया था। जिससे एक ही झटके में पुलिस की मुश्किल आसान हो गई थी। एक तो इनामी बदमाश पकड़ा गया और किसी एनकाउंटर की जरूरत भी नहीं पड़ी।
कौन है सेल्फी वाला हिस्ट्रीशीटर
यहां से एक नई जिज्ञासा पैदा होती है कि यूपी में वो कौन सा बदमाश था, जिसकी वजह से यूपी पुलिस की नींद और रिकॉर्ड दोनों ही खराब हो रहे थे। और इसकी सबसे बड़ी वजह थी उस बदमाश के खाकी और खादी दोनों के साथ इतने नजदीकी रिश्ते थे जिसने उसके भीतर से पुलिस नाम की चिड़िया का डर ही खत्म कर दिया था। पुलिस के आला अफसरों के साथ साथ बड़े बड़े नेताओं के साथ उसकी सेल्फी ने अलग कोहराम मचा रखा था। और पुलिस के रिकॉर्ड में भी उसके नाम के आगे सेल्फी वाला हिस्ट्रीशीटर लिखा जाने लगा। पुलिस ने जब इस बदमाश के गुनाहों की कुंडली खंगाली तो उसकी जितनी उम्र नहीं थी उससे ज़्यादा उस पर मुकदमें दर्ज थे।
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मकान के किराए से खड़ा किया गैंग
उस सेल्फी वाले हिस्ट्रीशीटर का नाम है अजय ठाकुर। 30 साल का अजय ठाकुर कानपुर का रहने वाला है और किराए का धंधा करता है जबकि साउथ कानपुर के इलाके में अपने नाम का सिक्का चलाता है। असल में उसके कब्जे में दो से तीन मकान हैं जिन्हें उसने किराए पर उठा रखा है। और जो किराया उसे मिलता है, उस किराए के पैसे से उसने अपने साथ घूमने वाले गुंडे पाल रखे हैं। इन्हीं गुंडों के दम पर अजय ठाकुर मारपीट, अपहरण और फिरौती का भी धंधा करने लगा। 30 साल के इस चॉकलेटी चेहरे वाले बदमाश की साउथ कानपुर में अच्छी खासी दहशत है।
खाकी और खादी से दोस्ती की सेल्फी
इस बदमाश की मॉडस ऑपरेंडी ने ही पुलिस का सिरदर्द बढ़ा दिया था। दरअसल खाकी और खादी की नजदीकी की वजह से वो अक्सर शहर की बड़े लोगों की पार्टियों में भी नज़र आता था और वहां आने वाले मेहमानों में कोई बड़ा नेता या पुलिस का आला अफसर होता तो अजय ठाकुर फौरन उसके साथ एक सेल्फी खींच लेता। और फिर उसी सेल्फी के दम पर वो निकलता था वसूली के लिए। सेल्फी दिखाकर रौब वो गांठता था और अपना उल्लू सीधा करता था। जो जानकारी सामने आई उसके मुताबिक बदमाश अजय ठाकुर ने कई रसूखदार लोगों के साथ खींची गई सेल्फी सोशल मीडिया पर पोस्ट की है इनमें कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी, बिठूर से भाजपा के विधायक अभिजीत सिंह सांगा जैसे नाम भी शामिल हैं। इसके अलावा कई पुलिस अफसरों के साथ अपनी तस्वीरों को अजय ठाकुर ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। एक तस्वीर में तो वो विधायक सांगा के साथ जन्मदिन मनाते भी नजर आ रहा है। अजय ठाकुर की वो फोटो काफी वायरल हुई थी।
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बड़े लोगों के साथ सेल्फी से भरी प्रोफाइल
अजय ठाकुर के रसूख का अंदाजा उसकी सोशल मीडिया प्रोफाइल को देखकर भी लगाया जा सकता है। विधायकों, मंत्रियों और सत्तारूढ़ दल से जुड़े कई नेताओं के साथ उसकी फोटो से उसका फेसबुक प्रोफाइल पटा पड़ा है। कहा जाता है कि इन्हीं फोटो के जरिये वह अपना रसूख को दिखाता था और अपने खिलाफ मुंह खोलने वालों को दबा दिया करता था। इसका एक सबसे बड़ा सबूत ये सामने आया कानपुर में अपना दल एस की एक बाइक रैली में पथराव करके कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला हुआ था जिसमें अजय ठाकुर का नाम सामन आया था। लेकिन उससे डरकर अपना दल एस के जिस महासचिव ने अजय पर केस दर्ज कराया, उसका ही एक हलफनामा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें कहा कि अजय ठाकुर को हमला करते हुए उसने नहीं देखा। उसे किसी ने बताया था कि अजय ने रैली में हमला किया है।
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पुलिस के अफसरों ने किया किनारा
इसी बीच कानपुर में एक और वारदात हुई जिसकी वजह से उसके साथ सेल्फी खिंचवाने वाले नेताओं और पुलिस के अफसरों ने अजय ठाकुर से किनारा करना शुरू कर दिया। कानपुर में एक लड़की को ब्लैकमेल करके उसका रेप करने का संगीन इल्जाम भी अजय ठाकुर पर लगा। खुलासा हुआ कि 3 मार्च 2023 को अजय ठाकुर ने इंस्टाग्राम फ्रेंड विनय ठाकुर के जरिए एक हुक्काबार में लड़की को बुलाकर उसका रेप किया था। इसके अलावा वो उसकी अश्लील तस्वीरों के जरिए उस लड़की को लगातार ब्लैकमेल भी करता रहा। इस वारदात ने अजय ठाकुर को पुलिस के रडार पर ला खड़ा किया।
एक लाख रुपये का इनाम
उस वारदात के बाद से अजय ठाकुर लगातार पुलिस की पकड़ से दूर होता जा रहा था। डीसीपी साउथ ने पहले 25 हजार और फिर अजय ठाकुर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया। इनाम घोषित होने के बावजूद पुलिस को उसके बारे में कोई इत्तेला नहीं मिल पा रही थी। अजय पर करीब 30 मुकदमे दर्ज हो चुके थे और उस पर एक लाख का इनाम था। इतना एसटीएफ के लिए किसी हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ ऑपरेशन लॉन्च करने के लिए काफी था। इसी बीच पुलिस को यह पता लगा कि अजय दिल्ली और पंजाब के बीच बार-बार अपने ठिकाने बदल रहा है। पुलिस अब अजय ठाकुर के पीछे पड़ गई और साये की तरह उसका पीछा करने लगी।
ऐसे फिसला और फिर यूं धरा गया
बताया जा रहा है कि अमृतसर में पुलिस उसके ठिकाने से महज सौ मीटर दूर ही थी, तभी वो पुलिस के पहुँचने से पहले अजय ठाकुर हाथ से फिसल गया। इसके बाद से वह दिल्ली और पंजाब के बीच अलग-अलग ठिकानों में रुक रहा था। अजय को पकड़ने के लिए यूपी पुलिस की एक टीम दिल्ली में ही कैंप किए रही और सटीक सूचना मिलने का इंतजार करने लगी। बीते मंगलवार की रात अजय हर रोज की तरह अपनी जान पहचान वालों से संपर्क कर ही रहा था। तभी मुखबिर से सटीक सूचना मिलने के बाद पुलिस ने होटल में दबिश दी और उसे धर दबोचा। और उसी के बाद पुलिस की जिस टीम ने अजय ठाकुरको पकड़ा उसी टीम के लीडर ने एसटीएफ को फोन करके उसकी गिरफ्तारी की इत्तेला दी। इसके बाद पुलिस अजय ठाकुर को लेकर कानपुर पहुँच गई। अब पुलिस इस हिस्ट्रीशीटरको पकड़ने के बाद उससे पूछताछ कर रही है ताकि उसके किए गए गुनाहों का पूरा हिसाब लगाया जा सके।
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