दो महीने से पीयूष जैन एजेंसियों के रडार पर था !
कानपुर में पकड़े गए धनकुबेर पीयूष जैन (Piyush Jain) पर थी एजेंसियों की नजर, सबूत मिलते ही मार दी राइड, Read more crime news in Hindi (क्राइम न्यूज़), क्राइम स्टोरी and viral video on CrimeTak.in
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मुनीष पांडे/समर्थ श्रीवास्तव/संतोष शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Kanpur Piyush Jain Raid : कानपुर में धनकुबेर पीयूष जैन की कंपनियों की पिछले दो महीनों से ट्रैकिंग हो रही थी। एक एक सबूत इकट्ठा किया जा रहा था। जैसे ही सबूत पर्याप्त संख्या में इकट्ठा हो गए, वैसे ही इस रेड को अंजाम दे दिया गया। पीयूष जैन के ठिकानों पर पड़े छापों में अबतक 195 करोड़ रुपये कैश मिल चुका है जो अबतक किसी प्रवर्तन एजेंसी द्वारा जब्त की गई सबसे बड़ी रकम है, जबकि कन्नौज स्थित पीयूष जैन के पैतृक घर से टीम को 19 करोड़ कैश, 10 करोड़ से ज्यादा कीमत का 23 किलो सोना और 6 करोड़ रुपये का चंदन का तेल मिला है।
पीयूष कैसे फंसा चंगुल में ?
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इससे पहले सोमवार शाम वित्त मंत्रालय ने बताया था कि जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की अहमदाबाद यूनिट ने 22 दिसंबर को सर्च ऑपरेशन चलाया था। इसमें कानपुर में शिखर ब्रांड पान मसाला और तंबाकू उत्पाद की फैक्ट्री, गणपति रोड कैरियर्स के कानुपर स्थित ऑफिस और गोदाम, ओडोकेम इंडस्ट्रीज (परफ्यूमरी कंपाउंड्स के सप्लायर्स) के कानपुर और कन्नौज स्थित ठिकानों पर छापा मारा गया था। ये पीयूष जैन की कंपनी है।
यहां टीम ने गणपति रोड कैरियर्स के चार ट्रकों की जांच की। ये ट्रक शिखर का पान मसाला और तंबाकू लेकर जाते थे, लेकिन पाया गया कि उन्होंने जीएसटी की पेमेंट नहीं की थी। अफसरों ने जब फैक्ट्री में मौजूद स्टॉक का मिलान किताब में लिखे स्टॉक से किया तो यह पता चला।
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कन्नौज वाले घर से मिला 19 करोड़ कैश
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आगे जांच में पता चला कि उत्पादक ट्रांसपोर्टर की मदद से जीएसटी बचाने कि लिए उत्पाद को गुपचुप तरीके से फैक्ट्री से निकलवाता था। इसके लिए फर्जी रसीदें बनाई जाती थीं। ये फर्जी रसीदें ट्रांसपोर्टर ही बनाता था। अफसरों को ऐसी 200 फर्जी रसीदें मिली थीं। शिखर पान मसाला बनाने वाली उत्पादक ने इस बात को माना और 3.09 करोड़ की टैक्स देनदारी की। इसके बाद कानपुर में ओडोकेम इंडस्ट्रीज के ठिकानों पर छापेमारी हुई। इसमें 177.45 करोड़ रुपये कैश बरामद करके जब्त किया गया। इसे CBIC अधिकारियों द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी जब्ती बताया गया है। कन्नौज वाले घर में तहखाना मिला है। यहां से टीम को 19 करोड़ कैश, 23 किलो सोना और 6 करोड़ रुपये का चंदन का तेल मिला है।
गुजरात कनेक्शन ?
दरअसल, अहमदाबाद में इनकी (शिखर) तानसेन ब्रांड का पान-मसाला आता था। डीजीजीआई अहमदाबाद की निगरानी में करीब 2 महीने पहले ही एक टीम ने कानपुर में कंपनी और इनसे जुड़े फर्मों की निगरानी शुरू कर दी थी। सभी सबूत और ठिकानों की पुख्ता जानकारी के बाद टीम ने छापेमारी की कार्रवाई शुरू की। फिर ट्रक ड्राइवर की एक गलती ने देश की सबसे बड़ी सीजीएसटी चोरी को अंजाम तक पहुंचा दिया।
गुजरात में करीब 3 महीने पहले जीएसटी विभाग ने 1 ट्रक पकड़ा, जिसमें शिखर पान मसाला लेकर जा रहे माल के साथ करीब 200 फर्जी इनवाइस पकड़ी गई। इसके बाद से ही डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) की टीम ने कानपुर में डेरा डाल दिया था। गुजरात में फर्जी इनवाइस और माल के साथ पकड़ा गया ट्रक गणपति ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन का था। प्रवीण, पीयूष जैन (Piyush Jain) के भाई अमरीष जैन का बहनोई है। इनके नाम करीब 40 से ज्यादा फर्म हैं।
कानपुर : इत्र कारोबारी पीयूष जैन गिरफ्तार, छापेमारी में अब तक 257 करोड़ कैश और जूलरी बरामद कानपुर कैश मामला : घर का सामान नहीं बल्कि 150 करोड़ कैश ले जाने के लिए मंगाया कंटेनरADVERTISEMENT