Kanpur News : सुपारी किलर पैसा लेकर भागा, फिर बीवी ने खुद को ही सुपारी दे दी

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राजेश और पिंकी की तस्वीर
राजेश और पिंकी की तस्वीर
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रंजय सिंह के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Kanpur News : ये कहानी कानपुर की है। यहां राजेश गौतम अपने परिवार के साथ रहता था। वो पेशे से टीचर था। ज्यादा कमाने के चक्कर में वो साथ में प्रॉपर्टी का भी काम करता था। उसके पास पुश्तैनी जमीन भी थी। इसकी कीमत करीब 45 करोड़ रुपए थी। राजेश ने अपना 3 करोड़ रुपए का बीमा भी करवा रखा था।

राज मिस्त्री बना दोस्त, फिर दिया उसने धोखा

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राजेश गौतम की शादी साल 2012 में पिंकी से हुई थी। राजेश ने साल 2021 में कानपुर के कोयला नगर में एक प्लॉट पर निर्माण कार्य शुरू कराया। इसके लिए वो ठेकेदार की तलाश कर रहा था। किसी ने शैलेंद्र के बारे में बताया। फिर उसका संपर्क राज मिस्त्री शैलेंद्र सोनकर से हुआ। शैलेंद्र पुराना शिवली रोड जगतपुरी का रहने वाले था और राज मिस्त्री था।

राजेश की तस्वीर 

  

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(Insurance worth three crores, land worth Rs. 45 crores, this is also the real reason for murder, the murderer wife of a millionaire teacher went mad in love with a mason.)

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राजमिस्त्री की नजर थी राजेश की बीवी पर!

शैलेंद्र ने राजेश के प्लॉट पर निर्माण कार्य शुरू किया। धीरे-धीरे दोनों के बीच संबंध मधुर होते चले गए। संबंध यहां तक विकसित हो गए कि शैलेंद्र ने राजेश के घर आना-जाना शुरू कर दिया। तभी शैलेंद्र की बातचीत राजेश की पत्नी पिंकी से होने लगी। पिंकी ने बीएड कर रखा है। उसके दो बच्चे हैं। राज मिस्त्री शैलेंद्र और पिंकी के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी। दोनों घंटों बातें किया करते थे। एक वक्त ऐसा आया, जब पिंकी उससे चोरी-छिपे मिलने लगी।

करीब 8 महीने पहले राजेश को इसकी भनक लग गई। दो साल से ये रिश्ता था। राजेश भड़क गया और उसने शैलेंद्र का अपने घर में घुसना बंद करवा दिया। मियां-बीवी में इस बात को लेकर जबरदस्त झगड़ा हुआ। दोनों के रिश्ते और खराब हो गए।

आरोपियों की तस्वीर 

राजेश और पिंकी का साथ में रहना मुश्किल हो गया। वो उसे छोड़ना चाहती थी, लेकिन पैसा लेकर। अब पैसा कैसे मिलता, क्योंकि राजेश जीते जी तो ये पैसा देता नहीं, लिहाजा पिंकी के मन में एक साजिश ने जन्म लिया। ये साजिश खौफनाक थी। वो राजेश की जान लेने के लिए तैयार हो गई। सारी बातें उसने शैलेंद्र को बताई। दोनों ये भूल गए कि अगर पकड़े गए तो बर्बाद हो जाएंगे, लेकिन उस वक्त उन्हें जो सही लगा, वो उन्होंने किया। 

पिंकी ने रची पहली साजिश

वो राजेश को इस तरह से मारना चाहती थी ताकि वो 'आराम' से मर जाए और किसी को शक भी न हो। लिहाजा उसने राजेश के खाने में जहर डाल दिया। राजेश से जहर खा लिया और जब उसकी हालत बिगड़ी तो उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। वो किस्मत से बच गया।

राजेश और पिंकी की तस्वीर 

...जब राजेश को हुआ शक

 

राजेश को अब ये पता चल गया था कि कोई उसकी जान लेना चाहता है। लेकिन कौन?

क्या उसकी पत्नी ?

शैलेंद्र या फिर कोई और?

उसके मन में कई सवाल थे। जैसे -

खाने में जहर किसने मिलाया?

क्यों मिलाया?

इस साजिश के पीछे कौन था?

क्यों उस वक्त राजेश ने पुलिस को सारी कहानी नहीं बताई?

पुलिस ने क्या इस केस को लेकर शुरुआत में लापरवाही बरती?

उसकी पत्नी पिंकी का बर्ताव उस वक्त कैसा था?

 

दिन बीतते गए। ठीक होकर राजेश वापस अपने घर आया। पिंकी दिखावे के लिए उसकी सेवा करती रही, लेकिन एक बात, जो पिंकी को परेशान कर रही थी, वो थी शैलेंद्र से नहीं मिलना। पता नहीं क्यों पिंकी को अपने बच्चों का भी ख्याल नहीं आया?

एक बार मरते-मरते बचा राजेश दूसरी बार बच नहीं सका

एक वक्त ऐसा भी आया, जब पिंकी ने राजेश को मारने की फिर प्लानिंग रच डाली। शैलेंद्र ने अपने ममेरे भाई विकास और एक साथी सुमित कठेरिया को चार लाख रुपये में राजेश की हत्या की सुपारी दे दी। दोनों साथ में रहना चाहते थे, क्योंकि दोनों की नजर राजेश के बीमा की रकम और पुश्तैनी जमीन पर थी। ये भी बात सामने आ रही है कि आरोपी फिरौती की रकम लेकर भाग गए, इसलिए खुद पिंकी ने जिम्मा संभाला। 

 

... जब हत्या करने के लिए एक्सीडेंट का सहारा लिया

हत्या को हादसे का रूप देने के लिए कार से कुचला

दोनों ने प्लान किया कि अगर राजेश का एक्सीडेंट कर दिया जाए तो लोगों को लगेगा कि उसकी मौत सड़क हादसे के दौरान हो गई। ऐसे में किसी को दोनों पर शक पर नहीं होगा। इसके लिए दो कारों का बंदोबस्त किया। दोनों को पता था कि राजेश सुबह सैर करने के लिए जाते हैं। तभी ये हत्या करने की ठानी गई।

तय प्लान के मुताबिक, 4 नवंबर को जब राजेश मॉर्निंग वॉक कर रहे थे, उसी दौरान एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी और राजेश की मौके पर ही मौत हो गई। कार में शैलेंद्र और सुमित कठेरिया मौजूद थे। ये कार आगे जाकर एक पोल से टकरा गई। शैलेंद्र ने पीछे से दूसरी कार से आ रहे विकास को कॉल किया और उसकी कार बुलाकर उसमें बैठकर चले गए।

पुलिस का माथा ठनका, परिवार के आरोप कई सवाल खड़े कर रहे थे

पुलिस को घटना के बारे में पता चला। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की। इससे पहले भी राजेश को मारने की कोशिश हुई थी और अब उसकी मौत हो जाना, ये इत्तेफाक था या साजिश, इसको लेकर पुलिस मंथन कर रही थी। इस बीच राजेश के परिवार ने बड़ा आरोप लगा दिया। राजेश के भाई ब्रह्मदत्त ने कहा,'मेरे भाई की हत्या की गई है, क्योंकि कुछ दिन पहले भाई ने कहा था कि कोई मेरा पीछा करता है, मेरी हत्या हो सकती है।'

यहां सवाल ये भी खड़ा होता है कि जब राजेश को जान का खतरा था तो क्या उसने ये जानकारी पुलिस को दी थी ?

या क्या उसके परिवार वालों ने ये जानकारी पुलिस से साझा की थी?

... जब पुलिस को मिला अहम क्लू

पुलिस के हाथ एक सीसीटीवी लगा। इस सीसीटीवी में दिखा कि जिस गाड़ी से राजेश को टक्कर मारी गई और जिससे आरोपी भागे थे, वो दोनों गाड़ियां पहले एक साथ एक जगह पर खड़ी नजर आई थीं। जांच की गई तो कार में लगा नंबर फर्जी निकला। इस बीच पुलिस ने पिंकी से कई बार पूछताछ की, क्योंकि शक के सुई पिंकी पर घूम रही थी।

...जब पिंकी ने खा लिया था जहर

इस बीच पुलिस को खबर मिली कि पिंकी ने जहरीली चीज खा ली है। वो अस्पताल में भर्ती है। पुलिस का शक और गहराया। पिंकी के मोबाइल फोन के नंबरों की जांच लगातार चल रही थी। शैलेंद्र भी पुलिस के रडार पर था, क्योंकि पिंकी की सबसे ज्यादा बात शैलेंद्र से ही हुई थी।

फोन रिकार्ड से खुला मामला, सीसीटीवी फुटेज से मिला क्लू

शैलेंद्र के फोन को भी खंगाला गया। शैलेंद्र का नंबर मौका-ए-वारदात पर एक्टिव मिला। शैलेंद्र की विकास से भी बातचीत हुई थी। लिहाजा पुलिस ने उसका नंबर भी ट्रैक किया। उसके भाई विकास का नंबर भी मौके पर एक्टिव मिला। सुमीत का नंबर भी एक्टिव था। अब तकरीबन ये साफ हो गया था कि तीनों घटना के वक्त मौके पर मौजूद थे। साथ ही पुलिस ने राजेश की पत्नी पिंकी की कॉल डिटेल निकलवाई तो पता चला कि उसकी शैलेंद्र सोनकर से वारदात वाले दिन बात हुई थी।

बीना वक्त गवाएं पुलिस ने शैलेंद्र को पकड़ लिया। उससे पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। फिर पिंकी ने सारी कहानी बयां कर दी। पुलिस ने पिंकी के साथ ही राज मिस्त्री शैलेंद्र और उसके ममेरे भाई विकास को गिरफ्तार कर लिया है। सुमित अभी फरार है। उसकी तलाश की जा रही है। इस मामले में अगर पुलिस थोड़ा एक्टिव रहती तो शायद राजेश की जान बच सकती थी और ये भी समझ से परे कि आखिर क्यों राजेश ने पुलिस का सहारा समय रहते नहीं लिया?

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