Kanpur Crime News: मां-बेटी ने खुद लगाई आग या प्रशासन की गलती की वजह से हुए मौतें?

ADVERTISEMENT

कानपुर में मां-बेटी की मौत
कानपुर में मां-बेटी की मौत
social share
google news

सूरज सिंह/संतोष शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Kanpur Crime News: यूपी प्रशासन फिर कटघरे में है। क्या कानपुर देहात में प्रशासन की लापरवाही के चलते मां-बेटी की जान गई ? या फिर उन्होंने खुद आग लगाई, ये दोनों ही सवाल बने हुए हैं। इस बीच पुलिस ने अपने ही एसडीएम समेत तमाम अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। सवाल ये भी उठ रहा है कि

क्या इस परिस्थिति को दूसरे तरीके से डील नहीं किया जा सकता था?

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

क्या पुलिस ने दबाव की वजह से हत्या का मुकदमा दर्ज किया?

कैसे हुई थी घटना?

ADVERTISEMENT

रूरा थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव में अतिक्रमण हटाने के दौरान झोपडी में मां-बेटी की जलकर मौत हो गई थी। मड़ौली गांव में रहने वाले कृष्ण गोपाल दीक्षित पर ग्राम समाज की जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप है। जनवरी में राजस्व विभाग की टीम ने कृष्ण गोपाल के खिलाफ जमीन पर कब्जा करने का मामला दर्ज कराया था। एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में राजस्व विभाग, पुलिस और प्रशासन की टीम वहां अतिक्रमण हटाने पहुंची थी।

ADVERTISEMENT

नोकझोंक के बीच प्रशासन ने उसकी झोपड़ी पर बुलडोजर चलवा दिया। इस दौरान झोपड़ी में आग लग गई और गोपाल की पत्नी प्रमिला दीक्षित और  23 साल की बेटी नेहा जिंदा जल गईं।

यहां सवाल ये भी उठता है कि

झोपड़ी पर बुलडोजर कार्रवाई के दौरान आग कैसे लग गई?

इसके बाद इलाके में तनाव फैल गए। लोग आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों और प्रशासन की आपस में भिड़त हो गई। इस दौरान लेखपाल की गाड़ी पलट दी गई। कानून-व्यवस्था और न बिगड़े इसके लिए पुलिस बल के साथ PAC की टुकड़ी भी तैनात की गई है।

क्या कहना है परिवार का?

पीड़ित परिवार का आरोप है कि जिस समय झोपड़ी पर बुलडोजर चलाया गया, उस समय झोपड़ी के अंदर कृष्ण गोपाल की पत्नी और बेटी मौजूद थीं। जैसे ही बुलडोजर झोपड़ी पर चला, उसमें आग लग गई और दोनों महिलाएं जिंदा जल गईं।

पुलिस का पक्ष

टीम की कार्रवाई शुरू होने के बाद महिला और उसकी बेटी ने खुद को झोपड़ी में बंद कर लिया और आग लगा ली। दोनों की मौत हो गई। हालांकि यहां सवाल ये भी है कि

जब दोनों ने खुद आग लगाई तो पुलिस ने एसडीएम और अन्य अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा क्यों दर्ज कर लिया?

सवाल ये भी है कि

अगर प्रशासन अतिक्रमण को नहीं हटाता तो उस पर सवाल खड़े होते?

घटना के बाद परिजनों की शिकायत पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। इस FIR में SDM मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, रूरा SHO दिनेश कुमार गौतम, लेखपाल अशोक सिंह, JCB ड्राइवर दीपक, मड़ौली गांव के निवासी अशोक, अनिल, निर्मल और विशाल को आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा 10 से 12 अज्ञात लोगों, 3 लेखपाल और 12 से 15 महिला और पुरुष पुलिस कर्मियों के नाम भी एफआईआर में दर्ज हैं।

बताया जा रहा है कि कृष्ण गोपाल दीक्षित की झोपड़ी पर एक महीने पहले भी एक्शन लिया गया था। तब परिवार रात के समय जिलाधिकारी नेहा जैन के कार्यलय पहुंचा था। उस वक्त उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था। 
 

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT