Justice For Rakhi : रेप पीड़िता के आत्मदाह मामले में पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को घसीट कर थाने ले आई पुलिस

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रेप पीड़िता राखी (बदला हुआ नाम) के दिल्ली में आत्मदाह करने के मामले में यूपी पुलिस ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को हिरासत में लिया है. 27 अगस्त को लखनऊ पुलिस ने उन्हें घर से जबरन गाड़ी में उठाने का प्रयास किया. इस दौरान पूर्व आईपीएस ने विरोध किया तो पुलिस ने जबरन उन्हें घसीटते हुए गाड़ी में बिठाया और थाने ले आई.

इस बारे में पुलिस ने दावा किया है कि पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को रेप पीड़िता के फेसबुक पर जारी किए बयान के आधार पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.

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रेप पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर लगाई थी आग

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बता दें कि ये रेप पीड़िता वही है जिसने 16 अगस्त को दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट के बाहर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी. इस पीड़िता की 24 अगस्त को मौत हो गई थी. लेकिन आत्मदाह करने से पहले पीड़िता ने फेसबुक पर लाइव वीडियो अपलोड किया था.

जिसमें उसने पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर समेत वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक व अन्य कई अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे. उसी मामले में पुलिस ने पूछताछ के लिए अमिताभ ठाकुर को हिरासत में लिया है. इस केस में रेप का आरोप का आरोप बीएसपी सांसद अतुल राय पर है. फिलहाल सांसद जेल में बंद हैं.

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21 अगस्त से ही अमिताभ ठाकुर को किया था नजरबंद

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आरोप है कि अतुल राय ने युवती को ब्लैकमेल करते हुए कई बार रेप किया था. इसके बाद पीड़िता की रिपोर्ट पर वाराणसी पुलिस ने ये कार्रवाई की थी. हालांकि, बाद में आरोपी सांसद के भाई की शिकायत पर कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी.

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इसी दर्ज रिपोर्ट में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर पर दबाव बनाने का आरोप है. इससे पहले अमिताभ ठाकुर ने पुलिस पर 21 अगस्त से उन्हें नजरबंद करने का आरोप लगाया था. वहीं, अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और असंवैधानिक बताया है.

युवती के आरोपों की जांच फिलहाल आईपीएस नीरा रावत और आर.के. विश्वकर्मा की एक टीम कर रह है. बता दें कि पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने एक हफ्ते पहले ही सीएम योगी के खिलाफ यूपी विधानसभा 2022 चुनाव में लड़ने का ऐलान किया था. अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के आईपीएस हैं। इसी साल शासन ने इन्हें जबरन रिटायर कर दिया था.

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