सौम्या विश्वनाथन मामले की सुनवाई टली, अब अगली सुनवाई 24 नवंबर को
Journalist Soumya Vishwanathan Murder Case : सौम्या विश्वनाथन मामले में आज फिर सजा का ऐलान नहीं हो सका।
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अनीषा माथुर के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Journalist Soumya Vishwanathan Murder Case : सौम्या विश्वनाथन मामले में आज फिर सजा का ऐलान नहीं हो सका। दरअसल, इस संबंध में दोषियों की सजा से पहले रिपोर्ट और डीएलएसए (DSLA) की रिपोर्ट तो आ गई थी, लेकिन विक्टिम इम्पैक्ट रिपोर्ट समय पर दाखिल नहीं होने की वजह से मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने अगली तारीख मुकर्रर कर दी। 24 नवंबर को मामले की सुनवाई होगी। कोर्ट इसको पढ़ नहीं सका, जिस वजह से अब अगली तारीख पर फैसला सुनाया जाएगा।
15 साल पहले उसकी गोली मारकर हत्या की गई थी। 18 अक्टूबर को दिल्ली की एक अदालत ने 2008 में टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हुई हत्या के मामले में आरोपियों को दोषी करार दिया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवीन्द्र कुमार पांडे ने ये फैसला सुनाया था। सौम्या विश्वनाथन 30 सितंबर, 2008 को देर रात अपनी कार से घर लौट रही थी, उसी दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने दावा किया था कि उनकी हत्या का मकसद लूटपाट था।
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हत्या के सिलसिले में पांच लोगों रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया गया था और वे मार्च 2009 से हिरासत में हैं।
पुलिस ने आरोपियों पर कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध रोकथाम अधिनियम (मकोका) लगाया था। मलिक एवं दो अन्य आरोपी रवि कपूर और अमित शुक्ला को 2009 में आईटी पेशेवर जिगिशा घोष हत्या मामले में दोषी करार दिया जा चुका है।
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पुलिस ने कहा था कि जिगिशा घोष की हत्या में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी के बाद विश्वनाथन की हत्या के मामले का खुलासा हुआ था। निचली अदालत ने 2017 में जिगिशा घोष हत्या मामले में कपूर और शुक्ला को मौत की सजा और मलिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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हालांकि 2018 में उच्च न्यायालय ने जिगिशा हत्या मामले में कपूर और शुक्ला की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था और मलिक की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था।
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