Joshimath Sinking: जोशीमठ में डिमोलिशन वाले एक्शन पर लोगों का उबला गुस्सा!
Joshimath Sinking: जोशीमठ में हालात खराब है। जिन घरों में दरारें आई हैं, वहां प्रशासन ने क्रास का निशान लगा दिया है।
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आशुतोष मिश्रा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Joshimath Sinking: जोशीमठ में हालत बदतर है। यहां प्रशासन ने अपने तमाम अधिकारियों की बैठक बुलाई है। साथ ही डिमोलिशन किए जाने वाले होटल मालिकों को भी बुलाया है। मलारी होटल के बाहर होटल मालिक समेत कई लोग धरने पर बैठे है। होटल मालिक की मांग है कि उन्हें मुआवजा मिले और विस्थापित किया जाए। ऐसे में देखना होगा कि क्या हालात पैदा होते है? रात-भर धरना-प्रदर्शन जारी रहा।
जोशीमठ शहर में 700 घरों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। 80 से ज्यादा परिवारों को सुरक्षित होटलों में और राहत कैंपों में रखा गया है।
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Joshimath Land Sinking Update: सोमवार को ही प्रशासन ने जोशीमठ को असुरक्षित जोन घोषित कर दिया था। यहां कुल करीब 700 मकानों की पहचान हुई है, जिनमें दरारें हैं। 16 जगहों पर अब तक कुल 81 परिवार विस्थापित किए जा चुके हैं।
कई लोग अपने घर छोड़ कर जा चुके हैं। कई लोग जाने के लिए तैयार है। लोगों के भविष्य अधर में लटक गया है। उधर, रविवार को सीएम धामी की प्रधानममंत्री से बातचीत हुई थी। सरकार जोशीमठ के लोगों के लिए हरसंभव मदद कर रही है।
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उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन से पानी निकल रहा है। जेपी कंपनी के मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिससे ये पूरी कॉलोनी खाली करा ली गई है। इससे पहले यहां जमीन धंसने की कई घटनाएं हो रही थी। अब घरों-सड़कों में दरारें आ गई है। जगह-जगह से पानी की धार निकल रही है।
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बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग-58 से लगे जयप्रकाश पावर प्रोजेक्ट की कॉलोनी के अंदर से पानी दीवारों के अंदर से और जमीन के अंदर से निकलने लगा है। ऐसे आखिर क्यों हो रहा है? प्रशासन की टीम मौके पर तैनात है।
जोशीमठ समुद्र तल से करीब छह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सिस्मिक जोन 5 में आता है। यानी प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से काफी संवेदनशील है। जोशीमठ चमोली जिले में है। इसकी आबादी 23000 है।
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