Joshimath: जोशीमठ में तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू, लेकिन खतरा बरकरार

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Joshimath:  जोशीमठ में तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू, लेकिन खतरा बरकरार
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Joshimath: जोशीमठ में तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू हो गई है। बर्फबारी और बारिश के बाद खतरा अभी भी बना हुआ है। हालांकि इस वक्त तो मौसम साफ नजर आ रहा है, लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि ये कभी भी करवट ले सकता है। उधर, सीएम पुष्कर सिंह धामी आज एक अहम बैठक करने वाले है। इसमें आगे की रणनीति की चर्चा होगी।

Joshimath: जोशीमठ शहर में 700 घरों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। 80 से ज्यादा परिवारों को सुरक्षित होटलों में और राहत कैंपों में रखा गया है।

Joshimath Land Sinking Update: सोमवार को ही प्रशासन ने जोशीमठ को असुरक्षित जोन घोषित कर दिया था। यहां कुल करीब 700 मकानों की पहचान हुई है, जिनमें दरारें हैं। 16 जगहों पर अब तक कुल 81 परिवार विस्थापित किए जा चुके हैं।

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कई लोग अपने घर छोड़ कर जा चुके हैं। कई लोग जाने के लिए तैयार है। लोगों के भविष्य अधर में लटक गया है।

उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन से पानी निकल रहा है। जेपी कंपनी के मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिससे ये पूरी कॉलोनी खाली करा ली गई है। इससे पहले यहां जमीन धंसने की कई घटनाएं हो रही थी। अब घरों-सड़कों में दरारें आ गई है। जगह-जगह से पानी की धार निकल रही है।

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बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग-58 से लगे जयप्रकाश पावर प्रोजेक्ट की कॉलोनी के अंदर से पानी दीवारों के अंदर से और जमीन के अंदर से निकलने लगा है। ऐसे आखिर क्यों हो रहा है? प्रशासन की टीम मौके पर तैनात है।

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जोशीमठ समुद्र तल से करीब छह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सिस्मिक जोन 5 में आता है। यानी प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से काफी संवेदनशील है। जोशीमठ चमोली जिले में है। इसकी आबादी 23000 है।

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