Jia Khan Case: जिया खान ने आत्महत्या की थी, कोर्ट ने कहा अभियोजन दुर्भाग्यवश सूरज पंचोली के खिलाफ आरोप साबित नहीं कर पाया
Jia Khan Suicide: अदालत ने यह भी कहा कि जिया रिश्ता खत्म कर सकती थीं लेकिन वह अपनी भावनाओं की शिकार थीं तथा अपने जज्बात पर काबू नहीं पा सकीं।
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Mumbai Jia Case: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने अभिनेत्री जिया खान की मौत के मामले में शुक्रवार को उनके प्रेमी सूरज पंचोली को बरी करते हुए कहा कि यह आत्महत्या का मामला है और अभियोजन पक्ष “दुर्भाग्यवश” यह साबित करने में नाकाम रहा कि पंचोली ने खुदकुशी के लिए उकसाया था।
सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश ए.एस सैय्यद ने कहा कि पंचोली के खिलाफ पेश सबूत “अस्पष्ट और सामान्य” हैं।
अदालत ने यह भी कहा कि जिया रिश्ता खत्म कर सकती थीं लेकिन वह अपनी भावनाओं की शिकार थीं तथा अपने जज्बात पर काबू नहीं पा सकीं। अदालत ने कहा कि इसके लिए पंचोली को “जिम्मेदार” नहीं ठहराया जा सकता। अमेरिकी नागरिक जिया (25) तीन जून, 2013 को यहां जूहु में अपने घर पर मृत मिली थीं। इस मामले में सूरज पंचोली को गिरफ्तार करने के बाद उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया था। जुलाई 2013 में पंचोली को जमानत मिल गई थी।
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सीबीआई अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि जिया की मां राबिया खान ने अभियोजन पक्ष के विपरीत बयान देकर मामला “बिगाड़” दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा, “अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त, ठोस और भरोसे लायक साक्ष्य प्रस्तुत करने में पूरी तरह से विफल रहा।”
अदालत के आदेश में कहा गया है कि ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया गया कि तीन जून, 2013 को पंचोली ने ऐसा कोई काम किया था, जिससे पता चलता हो कि वह चाहते थे कि वह (जिया) आत्महत्या कर ले। अदालत ने कहा कि उस दिन पंचोली जिया से मिले तक नहीं थे। आदेश में कहा गया है, “अभियोजन यह साबित करने में विफल रहा कि आरोपी ने ऐसा कोई काम किया था, जिसने जिया को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया। इसलिए, यह नहीं कहा जा सकता कि किसी भी मनःस्थिति, उकसावे या सहायता के अभाव में आरोपी ने उस दिन उसे आत्महत्या के लिए पीड़िता को उकसाया था।”
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अदालत ने कहा, “इसमें कोई शक नहीं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक युवती ने आत्महत्या कर ली। हालांकि, उपलब्ध साक्ष्य यह दर्शाते हैं कि वह अपनी भावनाओं की शिकार थी, जिस पर वह काबू नहीं पा सकी। वह रिश्ते को खत्म कर सकती थी।” अदालत ने कहा, इसके लिए पंचोली को “जिम्मेदार” नहीं ठहराया जा सकता।
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(PTI)
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