Jharkhand : 10 करोड़ रुपये तक जुर्माना, सजा उम्रकैद तक; झारखंड में पेपर लीक पर देश में सबसे बड़ी सजा

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Jharkhand : 10 करोड़ रुपये तक जुर्माना, सजा उम्रकैद तक; झारखंड में पेपर लीक पर देश में सबसे बड़ी सज...
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झारखंड से सत्यजीत कुमार की रिपोर्ट

Jharkhand News : झारखंड में पेपर लीक करने पर उम्रकैद और 10 करोड़ रुपये तक जुर्माना लगेगा. राज्यपाल ने इस नये कानून को मंजूरी दे दी है. झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल रोकने के लिए सख्त कानून लागू करने का रास्ता साफ हो गया है. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने विधानसभा से बीते अगस्त महीने में पारित विधेयक को मंजूरी दे दी है. राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी होते ही यह कानून का रूप ले लेगा. इस कानून में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करने पर कम से कम 10 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा से लेकर 10 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाने जैसे सख्त प्रावधान हैं.

Jharkhand News : सांकेतिक फोटो

क्या होगी सजा

-पहली बार नकल करते पकड़े तो 1 साल की जेल, 5 लाख जुर्माना

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-दूसरी बार नकल करते पकड़े गए तो 3 साल की जेल, 10 लाख जुर्माना


झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम निवारण के उपाय) अधिनियम, 2023 होगा. इसमें प्रावधान किया गया है कि प्रतियोगी परीक्षा में कोई अभ्यर्थी पहली बार नकल करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे एक वर्ष की जेल होगी और पांच लाख रुपए का जुर्माना लगेगा. दूसरी बार पकड़े जाने पर तीन साल की सजा और 10 लाख जुर्माना का प्रावधान है. न्यायालय द्वारा सजा होने पर संबंधित अभ्यर्थी 10 वर्षों तक किसी प्रतियोगी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो सकेंगे.

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पेपर लीक और नकल से जुड़े मामलों में बगैर प्रारंभिक जांच के एफआईआर और गिरफ्तारी का भी प्रावधान किया गया है. पेपर लीक और किसी प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में भ्रामक जानकारी प्रचारित-प्रसारित करने वाले भी इस कानून के दायरे में आएंगे. यह कानून राज्य लोक सेवा आयोग, राज्य कर्मचारी चयन आयोग, भर्ती एजेंसियों, निगमों और निकायों द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं में लागू होगा. इस कानून के पक्ष में अगस्त में सत्तापक्ष के ज्यादातर विधायक थे तो विपक्ष यानी बीजेपी और उसके घटक दलों के कई विधायकों ने कई दलील देकर इस कानून का विरोध भी किया था।खासकर बगैर प्रांभिक जांच और जेल भेजने के प्रावधान का बेजान इस्तेमाल की आशंका विधायको ने जताया था।हालांकि अब इसको राजभवन यानी राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है।

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