Jhansi Encounter: असद-गुलाम एनकाउंटर में डीएम ने दिए मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश, सिटी मजिस्ट्रेट को जांच अधिकारी बनाया गया
UP Crime: सिटी मजिस्ट्रेट को जांच अधिकारी बनाया गया है। पूरी घटना के बारे में सिटी मजिस्ट्रेट के दफ्तर में बयान दर्ज कराये जा सकते हैं।
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Asad-Ghulam Encounter: झांसी में असद और गुलाम एनकाउंटर मामले में डीएम ने दिए मैजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं। सिटी मजिस्ट्रेट को जांच अधिकारी बनाया गया है। पूरी घटना के बारे में सिटी मजिस्ट्रेट के दफ्तर में बयान दर्ज कराये जा सकते हैं। असद के एनकाउंटर की वजह खुद उसका चाचा अशरफ बन गया। सूत्रों के मुताबिक, उमेश पाल हत्याकांड में बरेली जेल में बंद अशरफ ने पुलिस अधिकारियों को वादा किया था कि वह तीन शूटर को उनके हवाले कर देगा, लेकिन वो बाद में मुकर गया। हालात ये पैदा हो गए कि पुलिस ने एनकाउंटर में शूटर्स को ढेर कर दिया।
ये भी जानकारी सामने आई है कि अशरफ पुलिस को चकमा देकर शूटरों को बचाता रहा। ये वादा अशरफ ने उमेश पाल अपहरण कांड में पेशी पर जाने के दौरान किया था, लेकिन जैसे ही वो निर्दोष साबित हुआ, वो अपने वादे से पलट गया।
इसके बाद एसटीएफ ने शूटरों को ढूंढने में पूरी ताकत लगा दी। ये भी जानकारी सामने आ रही है कि असद और गुलाम का मकसद अतीक के काफिले पर हमला करके पुलिस में दहशत पैदा करना था। अशरफ को यह बात पता था कि पुलिस पर हमला करने पर कहीं ना कहीं पुलिस बैकफुट पर जाएगी, लेकिन शूटर्स अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके और आखिरकार उनका एनकाउंटर हो गया।
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इस सिलसिले में पुलिस ने तीन FIR दर्ज की थी। तीनों एफआईआर के अनुसार, असद और गुलाम ने पुलिस पर की फायरिंग तो एसटीएफ की तरफ से 9 गोली चलाई गई। सीओ नवेंदु सिंह ने दो गोली चलाई, सीओ विमल सिंह ने एक, इंस्पेक्टर अनिल सिंह और ज्ञानेंद्र राय ने एक एक, हेड कांस्टेबल पंकज तिवारी, सुशील कुमार,सुनील कुमार और भूपेंद्र ने अपनी अपनी पिस्टल से किया एक एक फायर किया। उधर, माफिया अतीक के बेटे असद का शव दफना दिया गया। इसके साथ साथ गुलाम का भी शव दफना दिया गया।
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