मेवात के फ्रॉडियों के निशाने पर सुप्रीम कोर्ट, जारी की एडवाइजरी
सुप्रीम कोर्ट से जारी एडवाइजरी से तो यही लगता है कि फर्जीवाड़ा करने वाले अपराधियों ने सुप्रीम कोर्ट की फर्जी वेबसाइटें बनाकर मासूम नागरिकों को उल्लू बनाकर उनके अकाउंट खाली कर चूना लगा रही हैं।
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संजय शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Jamtara Gang Supreme Court: लगता है जामताड़ा और मेवात के फ्रॉडियों के निशाने पर सुप्रीम कोर्ट भी आ गया है! सुप्रीम कोर्ट से जारी एडवाइजरी से तो यही लगता है कि फर्जीवाड़ा करने वाले अपराधियों ने सुप्रीम कोर्ट की फर्जी वेबसाइटें बनाकर मासूम नागरिकों को उल्लू बनाकर उनके अकाउंट खाली कर चूना लगा रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट के नाम पर भी घोटाला यानी सुप्रीम कोर्ट के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाने का मामला सुप्रीम कोर्ट की निगाह में आया है। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी ही फर्जी साइट पर एडवाइजरी जारी कर इस फर्जीवाड़े और घोटाले की जानकारी कानूनी एजेंसियों को दी है।
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सुप्रीम कोर्ट प्रशासन में तकनीकी मामलों के रजिस्ट्रार हरगुरविंदर सिंह जग्गी ने दो url का जिक्र किया है जिनके जरिए घपलेबाजी और फर्जीवाड़ा करने की कोशिश हुई। लिहाजा कोई भी इस वेबसाइट https://cbins.scigv.com/offence पर अपनी निजी जानकारी शेयर या अपलोड ना करें। सुप्रीम कोर्ट के तकनीकी विभाग ने आम नागरिकों को सख्त हिदायत दी है कि अव्वल तो वो इस लिंक पर क्लिक भी न करें।
इससे आपको भीषण नुकसान हो सकता है। क्लिक करते ही ये नागरिकों से उनकी निजी जानकारी मसलन बैंक डिटेल, आधार, पैन आदि की जानकारी फर्जी OTP भेजकर शेयर करने को कहते हैं। रजिस्ट्री ने नागरिकों को स्पष्ट कहा है कि सुप्रीम कोर्ट कभी भी अपने नागरिकों से उनकी निजी और आर्थिक जानकारी कभी शेयर करने को नहीं कहता। सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट [www.sci.gov.in]www.sci.gov.in है।
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कभी भी किसी भी वेबसाइट के यूआरएल पर क्लिक करने से पहले अनिवार्य तौर पर वेरिफाई अवश्य करें। निश्चिंत होकर ही क्लिक करें। कोर्ट प्रशासन ने आम नागरिकों को निर्देश भी दिया है कि ऑनलाइन आर्थिक फ्रॉड के पीड़ित नागरिक फ़ौरन अपने बैंक, क्रेडिट कार्ड कम्पनी या संबंधित आर्थिक संस्थान से संपर्क करें साथ ही अपने सभी अकाउंट के पासवर्ड बदल कर जितना हो सके उतना जटिल बना लें।
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