Jamshedpur clashes : जमशेदपुर में आग तो बुझ गई, मगर दहशत और तनाव का धुआं बरकरार

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Jamshedpur clashes : जमशेदपुर में आग तो बुझ गई, मगर दहशत और तनाव का धुआं बरकरार
जमशेदपुर का बड़ा सवाल, शहर को किसने लगाई आग?
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चुनाव और धार्मिक तनाव के कॉकटेल पर गोरख पांडे की एक बड़ी मशहूर कविता है.. इस बार दंगा बहुत बड़ा था.. खूब हुई थी खून की बारिश.. अगले साल अच्छी होगी.. फसल मतदान की.. देश जैसे-जैसे चुनावी साल की ओर बढ़ रहा है.. धर्म की आड़ लेकर तनाव उसका पीछा कर रहा है। झारखंड का जमशेदपुर इसी तनाव का गवाह बना.. रामनवमी के बाद हुई हिंसा की आग शांत हुई थी कि हफ्ता बीतने से पहले ही शनिवार को एक बार फिर चिंगारी भड़क उठी। 

स्टील शहर के नाम से मशहूर शहर के शास्त्री नगर ब्लॉक के मंदिर में महावीर झंडा उतारे जाने के दौरान बांस में कथित तौर पर मांस के टुकड़े बंधे मिले । और ये बात जैसे ही उस बांस से नीचे उतरी तो जंगल की आग की तरह पूरी शहर में फैल गई। और फिर शहर से धुआं उठा तो हरेक की रूह कांप गई। खबर को पूरे इलाके में फैलते देर नहीं लगी। खबर जितनी तेज फैली.. तनाव उससे दुगनी तेजी से फैला. हालांकि पुलिस ने चौकसी और सतर्कता तो दिखाई और कार्रवाई का भरोसा देकर माहौल को शांत करके हालात भी काबू में कर लिए।
 

जमशेदपुर में वक्त पर खाकी ने एक्शन लिया तो उपद्रवी भाग खड़े हुए, लेकिन तनाव बरकरार है

लेकिन रविवार की रात जब उसी मंदिर में... मंदिर कमेटी के लोग बैठक कर रहे थे तो कुछ उपद्रवियों ने पथराव कर दिया. मंदिर के बाहर आगजनी हुई.. और देखते ही देखते दोनों समुदाय के लोग आमने सामने-आ गए.. फिर क्या था, जो बात अभी तक बातों की और कानाफूसी की हद में थी वो साक्षात चलती फिरती शक्ल में सामने आखड़ी हुई । दुकानों में आग लगा दी गई.. गाड़ियों में तोड़-फोड़ शुरू हो गई.

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यहां तक कि उपद्रवियों ने पुलिस टीम पर पथराव भी कर दिया...कुल जमा मामला इस कदर बेकाबू हुआ कि पूरे शहर में दहशत का धुआं फैलता दिखाई देने लगा। हिंसक झड़प हुई तो 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए। तब पुलिस और वर्दी एक्शन में आई।  दंगाइयों को काबू करने के लिए QRT, RAF की टीमें मोर्चे पर तैनात कर दी गईं। हर कोई अपनी अपनी हद में रहे ये पैगाम देने के लिए सुरक्षा बलों ने शहर की सड़कों पर फ्लैग मार्च किया. और जिन इलाको में आग भड़की या जहां संभावना नजर आई उन इलाकों में घारा 144 लगा दी गई. हालांकि उपद्रवियों की लगाई आग अब बुझाई जा चुकी है.. लेकिन तनाव अब भी बाकी है.. .और शहर का सन्नाटा सवाल पूछ रहा है कि आखिर जमशेदपुर को बार-बार कौन जलाने की फिराक में है। 

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