बिना पासपोर्ट इस नेता की मदद से वो पंजाब की जेल तोड़कर नेपाल के रास्ते कनाडा भागा

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बिना पासपोर्ट इस नेता की मदद से वो पंजाब की जेल तोड़कर नेपाल के रास्ते कनाडा भागा
पंजाब की फरीदकोट जेल तोड़कर कनाडा भाग गए जगमनदीप सिंह अपनी AK 47 के साथ
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Faridkot Jail Break: पंजाब की फरीदकोट जेल से फरार होकर जगमनदीप सिंह सामरा ने न सिर्फ हिन्दुस्तान के तमाम बंदोबस्त की नींद उड़ा रखी है, बल्कि अपने लगातार खुलासे से हिन्दुस्तान के सियासी गलियारे में भी हड़कंप मचा रखा है। जमगनदीप सिंह समरा उर्फ जुगनू के जेल को तोड़कर बाहर आने का किस्सा तो अपने आप में सनसनीखेज है ही, उनके मोबाइल में बंद एक वीडियो रिकॉर्डिंग ने तो सियासी हल्कों में जबरदस्त हलचल मचा रखी है। उस वीडियो में एक सौदेबाजी का जिक्र हो रहा है जिसमें 100 करोड़ से बात शुरू होती है और वो सौदेबाजी 10000 हजार करोड़ की डील तक पहुँच जाती है। 

एक वीडियो और सियासी हंगामा

इस वीडियो के सामने आने के बाद से ही सियासी गलियारे में हंगामा मचा हुआ है। और सबसे हैरानी की बात ये है कि इस वीडियो को जहां शूट किया गया उस शख्स ने वीडियो के वायरल होने के बहुत बाद सामने आकर इस बात के सही होने का दावा किया है जिसमें कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री के बेटे देवेंद्र सिंह जिसके साथ डीलिंग की बात कर रहे हैं उस वीडियो में तीसरी आवाज खुद जगमनदीप सिंह की है, और शूट भी उनके ही फॉर्म हाउस में हुआ है। 

जगमनदीप सिंह समरा एक नेता की मदद से पंजाब की जेल तोड़कर पहुँच गया कनाडा

किसकी मदद से तोड़ी जेल

जगमनदीप सिंह उर्फ जुगनू के जेल से फरार होने का किस्सा तो उजागर हो चुका है, लेकिन अभी तक ये बात सामने नहीं आ पायी थी कि आखिर पंजाब की इतनी मजबूत और चौकस बंदोबस्त वाली जेल से किसी के भी यूं फरार होने की बात किसी के गले नहीं उतर रही थी। कहीं न कहीं इसमें किसी न किसी की मिलीभगत या किसी रसूखदार और पहुँचवाली हैसियत के इंसान की मदद के बिना कोई विचाराधीन कैसे जेल के भीतर से बाहर निकलकर हिन्दुस्तान की भीड़ का हिस्सा हो सकता है। 

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फरीदकोट जेल से भागने के बाद जेल अधिकारियों के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर

किस नेता की मदद से तोड़ी जेल!

हिन्दुस्तान की जेल को तोड़कर नेपाल के रास्ते कनाडा जा पहुँचे जगमनदीप सिंह ने फोन पर हुई बातचीत के दौरान ये खुलासा भी किया है कि उन्हें जेल से बाहर लाने में असल में किसका सबसे ज़्यादा फायदा था। अपनी बात को सिलसिलेवार तरीके से बताते हुए जमगनदीप सिंह ने खुलासा किया कि जब वो फरीदकोट की जेल के अस्पताल गुरुगोविंद सिंह मेडिकल कॉलेज से नौ महीनों के बाद भागकर देश की राजधानी दिल्ली पहुँचे तो वो सबसे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के 3 कृष्णा मेनन मार्ग के बंगले पर गए थे। मंत्री के बंगले पर पहुँचने की एक सबसे बड़ी वजह ये थी कि कारोबार के सिलसिले में नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र सिंह तोमर के साथ उनका राबता बन चुका था। और वो अक्सर देवेंद्र सिंह तोमर और उनके भाई प्रबल प्रताप सिंह तोमर के लिए महंगे महंगे तोहफे कनाडा से भिजवाया करते थे साथ ही कनाडा में भांग और गांजे की खेती के सिलसिले में देवेंद्र सिंह तोमर के प्रॉजेक्ट में भी जमगनदीप सिंह बराबर के भागीदार बन चुके थे। 

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र सिंह के वायरल वीडियो को लेकर अब मचा है सियासी घमासान

मंत्री ने खड़े किए हाथ

लिहाजा जेल से भागने के बाद जगमनदीप सिंह को सबसे महफूज ठिकाना यही लगा कि जैसे भी हो केंद्रीय मंत्री की छत्रछाया में उन्हें पुलिस छू नहीं पाएगी। जमगनदीप सिंह ने ये भी खुलासा किया कि मंत्री के बंगले पर पहुँचने के बाद उनके सारे गुमान हवा हो गए क्योंकि नरेंद्र सिंह तोमर और उनके परिवार के लोगों ने उन्हें पुलिस से बचाने और उनकी मदद करने से हाथ खड़े कर लिए। 

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सामने आया मनजिंदर सिंह सिरसा का नाम

मगर जेल से बाहर निकलकर आराम से दिल्ली पहुँचने और वहां से फिर हिन्दुस्तान भर भटकने की इस कहानी की शुरूआत जिस एक नाम की वजह से मुमकिन हो सकी वो भी सियासी मैदान का एक बड़ा खिलाड़ी है। जगमनदीप सिंह के मुताबिक उसे जेल से बाहर निकलने की सहूलियत यूं तो खुद उसके अपने जेब को ढीला करने की वजहसे ही बन सकी लेकिन फिर भी जेल से बाहर निकलने में जिस एक शख्स का सबसे अहम हाथ था वो थे दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष रह चुके मनजिंदर सिंह सिरसा। जो भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से पहले अकाली दल से जुड़े हुए थे और पंजाब पुलिस में उनकी अच्छी खासी पहुँच भी थी। 

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मनजिंदर सिंह सिरसा की कोविड के समय लोगों से मदद करने की अपील

मामला हजारों करोड़ का

जेल से भागकर कनाडा पहुँचे जगमनदीप सिंह की बातों पर यकीन किया जाए तो मनजिंदर सिंह सिरसा ने ही उनके लिए जेल से बाहर निकलने का रास्ता तैयार करवाया क्योंकि ऐसा न होने की सूरत में उनकी एक बड़ी रकम डूबने का खतरा पैदा हो गया था। ये रकम कई हजार करोड़ में बताई जा रही है। 

सिरसा ने किया था फोन?

जगमनदीप सिंह के मुताबिक मनजिंदर सिंह सिरसा ने ही पंजाब पुलिस के आला अफसरों को उस वक्त फोन पर ये सिफारिश की थी जब जगमनदीप अपनी हिप के इंफेक्शन की वजह से फरीदकोट के गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कॉलेज में भरती थी। जुगनू की कही बातों पर यकीन किया जाए तो मनजिंदर सिंह सिरसा ने ही पुलिस अफसरों को इस बात की ताकीद की थी कि कुछ भी हो जाए जगमनदीप सिंह दोबारा जेल में न जाए। अब यहां एक सवाल जरूर खड़ा होता है कि आखिर मनजिंदर सिंह सिरसा की वो कौन सी जरूरत थी जिसके लिए वो कनाडा के एक कारोबारी और जेल में बंद एक विचाराधीन की मदद करने को राजी हो गए। 

कोरोना काल में आया संपर्क में

जगमनदीप सिंह का कहना है कि कोरोना काल के दौरान ही मनजिंदर सिंह सिरसा के संपर्क में वो आया था। क्योंकि दुनिया भर और खासतौर पर कनाडा में रह रहे एनआरआई लोगों से जो रकम दान के तौर पर मिल रही थी वो किसी और के नहीं सीधे जगमनदीप सिंह के खाते में ही जा रही थी। और इसके अलावा मंत्री के बेटों के काले धन को सफेद करने में भी मनजिंदर सिंह सिरसा ही हेराफेरी करवाते थे। और इसमें वो अक्सर जगमनदीप सिंह की ही मदद लेते थे। बहरहाल मनजिंदर सिंह सिरसा की मदद जगमनदीप के बड़ी काम आई और वो फरीदकोट से चंडीगढ़ होते हुए दिल्ली में सीधे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के सरकारी बंगले तक पहुँचे थे। 

NOTE- EXCLUSIVE STORY EPISODE ONE (Jagmandeep Singh का ये दूसरा पार्ट है, जल्दी ही अगली स्टोरी सामने आएगी)

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