जगन्नाथ पुरी मंदिर में खजाना चोरी? रत्न भंडार की नकली चाबियों से गहराया राज, PM Modi भी जानते हैं गड़बड़झाला!
Jagannath Puri Temple Treasure: जगन्नाथ पुरी मंदिर का खजाना हो गया चोरी? रत्न भंडार की नकली चाबियों का गहराया रहस्य। इस मिस्ट्री ने मंदिर प्रशासन से लेकर राज्य प्रशासन तक में हड़कंप मच गया है। एक रिटायर्ड अफसर ने इस सिलसिले में समिति के एक सदस्य पर ही शक की उंगली उठाई है।
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न्यूज़ हाइलाइट्स
मंदिर के खजाने के कई बक्से खुले पाए गए
चोरी में नकली चाबियों का इस्तेमाल करने का अंदेशा
समिति के सदस्य पर चोरी में शामिल होने का शक
Jagannath Puri Temple: घर और दुकान तो पहले ही चोरों से बच नहीं पाते। लेकिन अब तो चोर इतने शातिर और बेधड़क हो गए हैं कि उन्हें अब तो किसी से भी डर नहीं लगता। यहां तक कि चोर तो अब भगवान का घर भी नहीं छोड़ते। ये और बात है कि चोर किस तरह के हैं और किस भेष में छुपे हैं। मगर चोर तो चोर ही होता है। ये बात इसलिए भी कही जा रही है कि देश के सबसे बड़े मंदिरों में से एक पुरी जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Puri Temple) में भी चोरों ने हाथ साफ करके हड़कंप मचा दिया।
खजाने से कीमती सामान चुराने का शक
खुलासा हुआ है कि पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार से कीमती सामान चोरी कर लिए गए हैं। और ये भी खुलासा हुआ है कि रत्न भंडार के कीमती सामान को चुराने के लिए चोरों ने नकली चाबियों का इस्तेमाल किया। इस खुलासे के बाद से ही हड़कंप मचा दिया और मंदिर की रख रखाव करने वाली समिति के सदस्य शक की नजर से देखे जाने लगे हैं। मंदिर के सूत्रों से पता चला है कि दरअसल साल 2018 में इस खजाने की असली चाबियां कहीं लापता हो गईं थी। इसके बाद पुरी प्रशासन और मंदिर प्रशासन ने रत्न भंडार के तालों की दो नकली चाबियां बनवाई थी। उसके बाद 14 जुलाई को जब रत्न भंडार को उन चाबियों से खोलने की कोशिश की गई, तो चाबियों ने काम ही नहीं किया। तब समिति के सदस्यों को रत्न भंडार के अंदरूनी कक्ष के तीनों ताले तोड़ने पड़े थे।
चोरी में नकली चाबी का इस्तेमाल का शक
मंदिर समिति के सदस्य जगदीश मोहंती ने जो सनसनीखेज आरोप लगाए वो बेहद संगीन हैं। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, मोहंती ने सोमवार को हुई बैठक के बाद कहा, ‘नकली चाबियों के काम न करने के बाद ताले तोड़े गए थे। इससे ये साफ हो जाता है कि कहीं न कहीं उस तिजोरी में सेंध लगाने की मंशा पहले से ही थी। आपराधिक मकसद और कीमती सामान चुराने की मंशा की वजह से ही नकली चाबी बनवाई गई थी। असल में नकली चाबी का मुद्दा एक धोखा था, ऐसे में चोरी की कोशिश से इनकार नहीं किया जा सकता है।
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रिटायर्ड IAS अफसर की मजबूरी
दरअसल पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की देखरेख के लिए सरकार की तरफ से जो समिति बनाई गई जगदीश मोहंती ने उसी के एक सदस्य पर उंगली उठाई है। आशंका जताई गई है कि पहले कीमती सामान चुराने के लिए नकली चाबियों का इस्तेमाल किया जाता था। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी मोहंती का कहना है कि बैठक में यह मुद्दा उठाया जरूर है लेकिन उनके पास इतना भी अधिकार नहीं है कि इस मामले की जांच के लिए सिफारिफ भी कर सकें। मोहंती ने कहा, ‘मंदिर प्रशासन जरूर सरकार को हमारे संदेह के बारे में बता सकता है।’
बंद कमरे में बक्से खुले मिले
मोहंती के मुताबिक 14 जुलाई को भीतर वाले कमरे में रखे कुछ बक्से खुले पाये गए थे। उस कमरे में में लकड़ी की तीन अलमारियां, एक स्टील की अलमारी, दो लकड़ी के संदूक और एक लोहे का संदूक रखी थी। जबकि उस कमरे को जब देखा गया तो वहां सिर्फ लकड़ी की एक अलमारी ही बंद मिली थी। ये बात गौर तलब है कि इस चोरी और नकली चाबी के मामले को सिर्फ राज्य सरकार ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार भी जानती है।
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प्रधानमंत्री को भी पता है नकली चाबी का
तभी तो 11 मई को ओडिशा में एक चुनावी रैली के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी (PM MODI) ने नकली चाबियों के मामले में बीजू जनता दल सरकार को आड़े हाथों लेकर उन पर जमकर निशाना साधा था। पीएम मोदी ने तब सवाल उठाया था कि, ‘असली चाबियों का गायब होना एक गंभीर मामला है और नकली चाबियों की मौजूदगी और भी चिंता की बात है। ऐसे में क्या नकली चाबियों का इस्तेमाल भगवान के आभूषणों को हड़पने के लिए किया जाता था?’
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