Israel Hamas War: जंग ने किया मोदी सरकार को परेशान, रॉकेट वहां गिरेगा, चोट यहां लगेगी
Israel Hamas War Impact: इजराइल और हमास के बीच चल रहे इस युद्ध का असर हिन्दुस्तान पर कुछ इस कदर बरपाने वाला है कि आम आदमी से लेकर खास तक इसको लेकर परेशान होने लगे हैं।
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Israel Hamas War: इजराइल और हमास एक दूसरे से अपने खून का बदला लेने पर आमादा हैं। और दुनिया टकटकी लगाकर इस जंग की तरफ देख रही है, क्योंकि दुनिया जान रही है कि इस जंग के जरिए इजराइल का रॉकेट चाहें गाजा पट्टी पर गिरे या फिर लेबनान पर उसका सीधा धमाका उसकी अपनी जेब पर पड़ने वाला है। खासतौर पर भारत जैसे मुल्क तो बहुत गौर से देख रहे हैं इस ये जंग किस करवट जाती नज़र आ रही है। क्योंकि ये जंग जितनी लंबी चलेगी, हिन्दुस्तान के लोगों की जेब उतनी तगड़ी कटेगी।
जंग का पड़ेगा भारत पर ऐसा असर
दुनिया भर के आर्थिक हालात पर नज़र रखने वाली एजेंसियों ने अभी से ही कहना शुरू कर दिया है कि आने वाले दिनों में दुनिया एक बार फिर मंदी के घेरे में घिरने वाली है। और आर्थिक जानकार यहां तक कह रहे हैं कि भारत जैसे देशों को आने वाले दिनों में काफी मुश्किल रास्तों से गुज़रना पड़ सकता है। क्योंकि भारत जैसे देशों की आर्थिक स्थिति आयात और निर्यात पर आधारित है। और आयात और निर्यात दोनों पर ही इस जंग का जबरदस्त असर पड़ने वाला है।
इस जंग का सबसे पहला और सबसे सीधा असर तो कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ने वाला है। रॉकेट इजराइल में चलेगा लेकिन आग कच्चे तेल के बाजार में लगेगी। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इस बिगड़े हालात और जंग के माहौल में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं जिससे पेट्रोल और डीजल के भाव बढ़ जाएंगे। हिन्दुस्तान में आम आदमी पहले ही महंगाई से परेशान है ऐसे में इस जंग ने आग में घी का काम कर दिया और महंगाई बढ़ाने का रास्ता खोल दिया।
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तेल की कीमतों को लेकर सरकार भी परेशान
अभी से यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि भारत जो अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है उसकी कीमत में बहुत तेजी से उछाल आ सकता है। ऐसे में भारत सरकार के सामने एक तगड़ी चुनौती होगी कि आने वाले दिनों में पांच विधानसभा चुनाव के दौर में कच्चे तेल की बढ़ी कीमतों से वो कैसे मुकाबला कर पाएगी, इतना ही नहीं। कच्चे तेल की कीमत ने एक तरफ से मोदी सरकार के माथे पर पसीना ला दिया है क्योंकि इधर विधान सभा के चुनाव खत्म हुए और उधर 2024 में लोक सभा के चुनावों का बिगुल बजने की तैयारी शुरू हो जाएगी। और ऐसे में अगर तेल के दाम बढ़े तो चुनाव के मैदान में शै और मात का ये खेल काफी पैना हो जाएगा। असर चुनाव और मतदान पर भी पड़ेगा।
रोजमर्रा की चीजों की कीमतों में इजाफा
महंगाई का असर सीधा आदमी की बचत और निवेश पर पड़ता है। रोजमर्रा की चीजों की कीमतों में इजाफा हो जाता है जिससे उसकी बचत घटती है और कार या घर के लोन की किस्ते महंगी होने लगती हैँ। ऐसे में माना जा रहा है कि बेशक भारत सरकार ऑपरेशन अजय चलाकर जंग के मैदान में फंसे भारतीयों को बचाने का सफल अभियान चला ले लेकिन आर्थिक मोर्चे पर उसे जमकर संघर्ष करना पड़ेगा। क्योंकि कई जगह धमाके से आग लगने के आसार बन गए हैं। आर्थिक मोर्चे पर झटकों से उबरने में भारत को बहुत मुश्किल होने लगेगा।
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झुलसेगी करंसी
बेशक जंग इजराइल और हमास के पीच चल रही है लेकिन इस आग में दुनिया भर की करंसी भी झुलसे बगैर नहीं रह पाती। ऐसे में डॉलर के मुकाबले रुपये की पतली हालत हिन्दुस्तानियों को और भी ज़्यादा मुशकिलों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि ऐसा अनुमान लगाया गया है कि जंग के असर से डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत पर 3 से 4 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है।
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5 G नेटवर्क के विस्तार की स्पीड कम होगी
हिन्दुस्तान इस वक्त तेजी से तरक्की के रास्ते पर सरपट दौड़ना चाहता है और 5G की टेक्नॉलॉजी में टेलिकॉम के क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले कई या ज्यादातर उपकरण विदेशों से आयात किए जाते हैं। ऐसे में डॉलर के मुकाबले रूपये की गिरती कीमत इस पर असर डालेगी। क्योंकि रुपया कमजोर हुआ तो आयात महंगा हो जाएगा और 5G नेटवर्क को अपने नेट वर्थ बढ़ाने में मुश्किल आ जाएगी और इसकी स्पीड धीमी पड़ जाएगी। यानी 5G नेटवर्क का विस्तार 2G की रफ्तार से होगा।
ट्रांसपोर्ट और शिपिंग पर पड़ेगा असर
जंग का एक असर ट्रांसपोर्ट और शिपिंग पर भी पड़ेगा। निर्यातकों के लिए शिपिंग कॉस्ट बढ़ जाएगी जाहिर है इजराइल के साथ साथ यूरोप के साथ होने वाले कारोबार पर बुरा असर पड़ेगा। ऐसे में कारोबार तो होगा लेकिन महंगा होगा और मुनाफा एकदम से घट जाएगा।
बीमार हो सकता है दवा कारोबार
इस जंग का एक असर दवा कारोबार को बीमार कर सकता है। यूं तो फर्मास्यूटिकल के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष देशों में गिना जाता है। पश्चिम एशिया, उत्तरी अफ्रीका और यूरोप के कई देश दवा के मामले में भारत पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में इस कारोबार पर अच्छा खासा असर पड़ सकता है क्योंकि अभी महज एक हफ्ते के भीतर ही दवा कारोबार की सप्लाई में जबरदस्त असर पड़ा है और आने वाले दिनों में इसकी खेप में बेतहाशा कमी आ सकती है।
भारत की कई कंपनियों की उड़ी नींद
भारत की कई बड़ी कंपनियां, जैसे भारत की सन फार्मा, अडाणी ग्रुप, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, विप्रो, स्टेट बैंक, लॉर्सन एंड टुब्रो, भारत फोर्ज और इंफॉसिस जैसी कंपनियों का इजराइल के साथ अच्छा खासा कारोबार है। और अगर ये जंग ज्यादा लंबी खिंची तो इन सभी के कारोबार पर असर डालेगा। यानी रॉकेट तो वहां गाजा पर गिरेगा लेकिन धमाका हिन्दुस्तान की कंपनियों की तिजोरी पर होगा।
हीरे की चमक फीकी पड़ेगी
गुजरात के सूरत में दुनिया में हीरे तराशने का सबसे बड़ा काम होता है। भारत और इजराइल के बीच हर साल हीरे की कट एंड पॉलिश के 10 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होता है। ये जंग इस कारोबार की चमक को फीकी भी कर सकता है। इसके अलावा भी भारत के कई और कारोबार का रिश्ता इस जंग से जाकर जुड़ता है जिस पर वहां के खूनी संघर्ष का असर पड़ेगा। और जितना लंबा युद्ध चलेगा, उतनी ही ज्यादा जेब कटेगी
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