ISIS-K का सरगना सनाउल्लाह गफ्फारी: ज़िंदा या मुर्दा की ख़बर भर देने पर मिलेंगे पूरे 74 करोड़ रुपये

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ISIS-K का सरगना सनाउल्लाह गफ्फारी: ज़िंदा या मुर्दा की ख़बर भर देने पर मिलेंगे पूरे 74 करोड़ रुपये
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ये है अमेरिका का नया ऑपरेशन

WORLD CRIME NEWS: अमेरिका ने अब इस्लामिक स्टेट का नामोनिशान मिटाने के लिए एक नया ऑपरेशन लॉंच किया है। और इस नए ऑपरेशन के निशाने पर सबसे पहला नाम लिखा गया है ISIS - K यानी इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रॉविंस।

इस ISIS-K का सरगना है सनाउल्लाह गफ्फारी। जिसके सिर पर अमेरिका ने इनाम रखा है पूरे एक करोड़ डॉलर यानी 74 करोड़ रुपये। ऐलान किया गया है कि इस सनाउल्लाह गफ्फारी की इत्तेला देने वाले को ये रकम बतौर इनाम दी जाएगी।

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कौन है ये सनाउल्लाह गफ्फारी

NEWS FROM ISIS: अमेरिका की तरफ से जारी की गई जानकारी के मुताबिक पिछले साल अफ़ग़ानिस्तान के काबुल हवाई अड्डे पर जो आत्मघाती हमला हुआ था, सनाउल्लाह गफ्फारी उस हमले का मास्टरमाइंड था।

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लिहाजा अमेरिका के रिवार्ड्स फॉर जस्टिस ने ये इत्तेला जारी की है कि जो कोई भी इस ख़तरनाक और खूंखार आतंकवादी के बारे में जानकारी देगा उसे एक करोड़ डॉलर यानी पूरे 74 करोड़ रुपये इनाम दिया जाएगा।

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अमेरिका की तरफ से बताया गया है कि सनाउल्लाह एयरपोर्ट पर सिर्फ आत्मघाती हमले के अलावा कई दूसरे हमलों में भी शामिल बताया जा रहा है। साथ ही ये भी खबर है कि ये सनाउल्लाह गफ्फारी पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में ISIS-K के टॉप रैंक के कमांडरों में से एक है।

काबुल एयरपोर्ट पर फिदाइन हमले का मास्टरमाइंड

CRIME NEWS OF ISIS: रिवॉर्ड्स फॉर जस्टिस के मुताबिक़ सनाउल्लाह गफ्फारी का एक नाम शहाब अल मुहाजिर भी है। इसलिए उस पर रखा इनाम 26 अगस्त 2021 को अफ़ग़ानिस्तान के काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुए फिदाइन हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों की जानकारी देने के लिए भी है। उस फिदाइन हमले में 185 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 13 अमेरिकी सैनिक शामिल थे।

हालांकि इस आतंकी हमले के बाद जब तालिबान ने इस्लामिक स्टेट के आतंकियों को पकड़ा था उनमें से कई आतंकियों ने शहाब अल मुहाजिर उर्फ सनाउल्लाह गफ्फारी का नाम लिया था।

रिवॉर्ड्स फॉर जस्टिस के मुताबिक़ सनाउल्लाह गफ्फारी अफ़ग़ानिस्तान में 1994 में पैदा हुआ था और मौजूदा वक़्त में वो दुनिया के सबसे ख़तरनाक आतंकी संगठन ISIS- K का न सिर्फ सरगना है बल्कि आतंकी संगठन में उसकी हैसियत एक अमीर की है।

शहरी शेर के नाम से बुलाते हैं ISIS के आका

CRIME NEWS OF ISIS IN HINDI: उस पर पूरे अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान में ISIS-K की सभी साज़िशों को मंजूरी देने और उन्हें अमली जामा पहनाने के लिए ज़रूरी फंडिंग का इंतजाम करने की जिम्मेदारी है। बताया जा रहा है कि ISIS-K के आकाओं ने जून 2020 में सनाउल्लाह गफ्फारी को इस ख़तरनाक आतंकी संगठन की जिम्मेदारी सौंपी थी।

जिस वक़्त सनाउल्लाह गफ्फारी को आतंकी संगठन की कमान सौंपी गई थी उस समय इस्लामिक स्टेट के आकाओं ने उसकी जमकर तारीफ भी की थी और उसे शहरी शेर की उपाधि से नावाजा गया था। बताया जा रहा है कि ये खूंखार आतंकी ISIS के कई गुरिल्ला हमलों के अलावा कई आत्मघाती हमलों की साज़िश में भी शामिल रहा है।

ISIS- K की यहां पड़ी थी इसकी बुनियाद

ISIS-K NEWS IN HINDI: असल में ISIS-K पश्चिम एशिया में इस्लामिक स्टेट को फैलाने और वहां की तमाम आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है। साल 2014 में इस्लामिक स्टेट के लड़ाके सीरिया से निकलकर पश्चिम एशिया के कई देशों में फैल गए थे। लेकिन उनका मुख्यालय सीरिया और इराक ही बना रहा।

मगर 2015 में ISIS-K की बुनियाद रखी गई थी। असल में खुरासान अफ़ग़ानिस्तान का एक प्रांत है जहां से ईरान और पश्चिम एशिया के कई देशों तक सीधी पहुँच बन जाती है। इसी वजह से इस्लामिक स्टेट की इस ब्रांच को ISIS –K कहा जाने लगा।

जब तालिबान की पूरी जंग अफ़ग़ानिस्तान में ही सिमट कर रह गई थी तो दुनिया भर में ग़ैर मुस्लिमों के ख़िलाफ जेहाद फैलाने और इस्लामिक स्टेट के असर को और बढ़ाने की जिम्मेदारी ISIS-K ने उठाई थी। सेंटर फॉर इंटरनेशनल एंड स्ट्रेटेज़िक स्टडीज़ के पास कई ऐसे हमलों की सूची है जिसमें ISIS के लड़ाकों ने पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के लोगों को अपना निशाना बनाया था।

इसलिए ख़तरनाक है ये आतंकी संगठन

LATEST CRIME NEWS OF THE WORLD: बताया जा रहा है कि इस आतंकी संगठन की शुरूआत में कई पाकिस्तानी तालिबान लड़ाके शामिल हुए थे। लेकिन जब इस आतंकी संगठन के खिलाफ सेना का अभियान तेज हुआ तो ऐसे लड़ाकों को पाकिस्तान से निकाल दिया गया था।

इस संगठन में तालिबान के वो लड़ाके भी शामिल हुए जो तालिबान की लीडरशिप के उदार रवैये से नाखुश थे। इस संगठन में शामिल आतंकियों में ईरान के एक मात्र सुन्नी प्रांत के उज़्बेकिस्तान के इस्लामी आंदोलन से जुड़े आतंकी, तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी और चीन के वीगर मुसलमान हैं।

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