ऋषभ पंत के लिए हरियाणा रोडवेज बस का ड्राइवर सुशील कुमार इस वजह से बना फरिश्ता
Rishabh Pant Accident : हरियाणा रोड वेज की बस का वो ड्राइवर कैसे ऋषभ पंत के लिए फरिश्ता बनकर सामने आया और मौत की जलती हुई लपटों के बीच से उन्हें बचाकर अस्पताल पहुँचा दिया।
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Rishabh Pant Accident : शुक्रवार की तड़के पांच बजकर 27 मिनट पर भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के खिलाड़ी ऋषभ पंत (Rishabh Pant) की तेज रफ्तार मर्सिडीज (Mercedes) कार रुड़की के पास सड़क किनारे लगी रेलिंग को तोड़ते हुए आग के गोले में तब्दील हो गई थी।
जब खबर सामने आई तो कलेजा भी धक्क से रह गया और एक सवाल जेहन में कौंधने लगा कि तेज रफ्तार कार के हादसे का शिकार होते ही जब वो आग की लपटों से घिर गई तो फिर ऋषभ पंत उसमें से बाहर कैसे निकला...
लेकिन उसी वक्त ये भी खबर सामने आई कि ऋषभ पंत कार की विंड स्क्रीन तोड़कर बाहर निकला था। यहां तक की बात समझ में आती है...लेकिन एक्सीडेंट की तस्वीर और वीडियो देखने के बाद कुछ और सवाल अचानक उठ खड़े होते हैं कि आखिर ऐसी हालत में उसे सबसे पहले किसने देखा...किसने ऋषभ पंत को उस खौफनाक मंजर में सहारा दिया और उसे मेडिकल असिस्टेंस दिलाने की कोशिश की...
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तो आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि इस इंडियन क्रिकेटर के लिए किसी मसीहा की तरह मौत के मुहाने से बाहर निकालने वाले थे हरियाणा रोडवेज के एक ड्राइवर जिनकी पहचान सुशील कुमार के तौर पर हुई है।
ये सुशील कुमार ही थे जो इस वाकये के पहले चश्मदीद हैं। और उन्हीं ने मौत के पंजे के चंगुल से ऋषभ पंत को बाहर निकालकर उन्हें जिंदगी की राहत तक पहुँचाया।
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Rishabh Pant Accident : दिल्ली से रुड़की जाते समय नारसन के पास एक मोड़ पर अचानक ऋषभ पंत की कार बहकी और उसने डिवाडर पर लगी रेलिंग को तेजी से तोड़ना शुरू कर दिया और करीब 100 मीटर से भी ज़्यादा फासले तक उसी रफ्तार से वो कार डिवाइडर पर लगी रेलिंग को तोड़ते हुए आगे बढ़ती चली गई।
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रेलिंग स्टील की थी...और कार की रफ्तार बहुत ज़्यादा ऐसे में स्टील की आपसी टक्कर और रफ्तार की वजह से उठी चिंगारियों ने अपना असर दिखाया और देखते ही देखते..जब तक कार की रफ्तार कम हो पाती...तब तक कार अचानक आग के गोले में तब्दील हो गई।
कार में आग लग गई और कार का सारा सिक्योरिटी सिस्टम लॉक हो गया। ऐसे में हादसे का शिकार हुई कार में ऋषभ पंत बुरी तरह से घिर गए थे।
जिस वक़्त ऋषभ की कार डिवाइडर से टकराकर आग के गोले में घिर गई थी ऐन उसी वक़्त दूसरी तरफ से एक हरियाणा रोडवेज की बस गुजर रही थी। और उस बस के ड्राइवर थे सुशील कुमार। जिन्होंने हादसा होते ही सबसे पहले अपनी बस को किनारे लगाया और लपक कर अपने कंडक्टर के साथ ऋषभ की जलती हुई कार के करीब जा पहुँचे...
और उन्होंने ही ऋषभ को कार का शीशा तोड़ने की उस वक्त की सबसे क़ीमती सलाह दी। ऋषभ ने उस सलाह पर फौरन अमल किया। कार में अकेले ऋषभ पंत ने फौरन फुर्ती और हिम्मत दिखाते हुए कार के शीशे की विंड स्क्रीन को तोड़ा और फिर सुशील कुमार और उनके बस कंडक्टर की मदद से ऋषभ पंत कार से बाहर आ गए।
Rishabh Pant Accident : ऋषभ पंत के कार से बाहर आने के बाद उन्हें फुटपाथ पर बिठाकर सुशील कुमार ने सबसे पहले 112 नंबर पर फोन करके पुलिस को इस हादसे की इत्तेला दी। हादसे से महज चंद कदमों की दूरी पर मौजूद पुलिस चौकी से जब तक पुलिस की टीम मौके तक पहुँचती तब तक सुशील कुमार क्रिकेटर ऋषभ पंत को वहीं पास ही मौजूद सक्षम अस्पताल पहुँच गए।
इस हादसे की वजह से ऋषभ पंत अच्छे खासे चोटिल हो चुके थे। माथे से खून टपक रहा था। और उनकी पूरी पीठ छिली हुई थी....
यानी पुलिस के आने के बाद जो कार्रवाई शुरू होनी चाहिए थी , सुशील कुमार की वजह से ऋषभ की चोट पर मरहम लगना शुरू हो चुका था, ताकि उन्हें राहत मिल सके और डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें अच्छे इलाज के लिए दूसरे बड़े अस्पताल की तरफ रवाना किया जा सके।
और ऐसा ही कुछ हुआ। खुद एक टीवी इंटरव्यू के दौरान सुशील कुमार ने बताया था कि ऋषभ को उन्होंने अपने कंडक्टर की मदद से बचाया है।
सच मुच बस ड्राइवर सुशील कुमार ऋषभ पंत के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं। क्योंकि इस हादसे में अगर ज़रा सी भी देरी हो गई होती तो शायद सुर्खियां बदल गई होती...
खुलासा यही हुआ है कि ऋषभ पंत दुबई से भारत लौटने के बाद बैंगलूरू में भारतीय क्रिकेट टीम के कैंप में शामिल होने से पहले वो अपनी मां और बहन के साथ नए साल का जश्न मनाने के लिए ही रुड़की के लिए निकले थे। और सुबह सुबह घर पहुँचकर वो अपनी मां और बहन को एक सरप्राइज भी देना चाहते थे। लेकिन शायद क़िस्मत को कुछ और ही मंजूर था...
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