Bitcoin की सबसे बड़ी चोरी! हैकर के दावे सुनकर सन्न रह गई पुलिस
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बेंगलुरु पुलिस उस वक्त हैरान रह गई जब बेंगलुरु के ही रहने वाले एक कंप्यूटर हैकर (Computer Hacker) ने दावा किया कि उसने नीदरलैंड में रहने के दौरान क्रिप्टो करेंसी के एक्सचेंज को एक नहीं बल्कि दो दो बार हैक किया। पहली हैकिंग उसने साल 2015 और दूसरी हैकिंग का मामला साल 2016 में किया। इतना ही नहीं इस दौरान इस हैकर ने बिटकॉइन की चोरी भी की थी। साल 2015 में हुई चोरी काफी छोटी थी, जबकि साल 2016 में हैकर्स ने Bitfinex एक्सचेंज में सेंध लगाकर 1,20,000 बिटकॉइन की चोरी की गई थी, जिसकी कीमत उस वक्त लगभग $72 मिलियन थी और अब इसकी कीमत लगभग $7 बिलियन है। दूसरी हैकिंग को अब तक की सबसे बड़ी बिटकॉइन डकैती में से एक माना जाता है।
भारत (India) में कई कंप्यूटर हैकिंग अपराधों में शामिल रहे 26 साल के आरोपी श्रीकृष्णने बेंगलुरु पुलिस (Bengaluru Police) को दिए बयान में दावा किया है कि उसने हांगकांग (Hong Kong) में क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज (Cyptocurrency Exchange), बिटफिनेक्स से बिटकॉइन (Bitcoins) की हैकिंग और चोरी की थी। बता दें कि श्रीकृष्ण रमेश उर्फ श्रीक्की को पुलिस ने नवंबर 2020 में एक ड्रग मामले में गिरफ्तार किया था।
श्रीकृष्ण, जो बेंगलुरु में कई हैकिंग अपराधों में आरोपी है, जिसमें साल 2019 में राज्य सरकार के ई-प्रोक्योरमेंट सेल से 11.5 करोड़ रुपये की चोरी की थी। बेंगलुरु क्राइम ब्रांच पुलिस को दिए अपने बयान में उसने दावा किया है कि वो बिटफिनेक्स को हैक करने वाला पहला व्यक्ति था। कई साइबर क्राइम और ड्रग पेडलिंग के आरोपों में शामिल रहा श्रीकृष्ण पहली बार साल 2015 में पुलिस के रडार पर आया था। श्रीकृष्ण को सबसे पहले साल 2015 में एक बैंक अकाउंट की हैंकिंग में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसे जल्द ही जमानत मिल गई थी। इसके बाद मामले की निगरानी न होने के बाद उसका हौसला बढ़ गया और उसने और हैंकिंग करना शुरू कर दिया।
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साल 2018 में श्रीकृष्ण को शांतिनगर के विधायक और कांग्रेस नेता एनए हारिस के बेटे मोहम्मद नलपद हारिस से जुड़े एक पब विवाद मामले में नामित किया गया था, श्रीकृष्ण पर उस समय हत्या का आरोप लगा था, लेकिन वह फरार हो गया था। इस मामले में सभी आरोपी जेल गए लेकिन श्रीकृष्ण को जब तक इस मामले में अग्रिम जमानत नहीं मिली, तब तक वह फरार ही रहा। बता दें कि इस पूरी घटना के बाद श्रीकृष्ण ने मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया, जिसके कारण पुलिस उसे ट्रेस ही नहीं कर सकी। जब उसने 2018 के पब विवाद मामले में पुलिस को चकमा दिया, तो श्रीकृष्ण को 2020 में पेंडोरा के नकली साइबर अपराधों का पिटारा खोलते हुए गिरफ्तार किया गया था।
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