इजरायली नागरिकों के चक्कर में हूती ने भारत आ रहे मालवाहक जहाज को हाईजैक किया

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इजरायली नागरिकों के चक्कर में हूती ने भारत आ रहे मालवाहक जहाज को हाईजैक किया
सांकेतिक तस्वीर
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Israel-Hamas War: रविवार को इजरायल और हमास के युद्ध में भारत को पहला बड़ा झटका लगा जब यमन के हूती मिलिशिया ग्रुप ने दक्षिण लाल सागर में एक अंतरराष्ट्रीय मालवाहक जहाज को अपने कब्जे में कर लिया। ये जहाज तुर्किए से भारत जा रहा था। इजरायल ने जहाज के अपहरण के लिए ईरान को कसूरवार माना है जबकि इस पूरी दुनिया के लिए सबसे गंभीर और गौरतलब घटना बताया गया। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा है कि ब्रिटिश स्वामित्व वाले जापानी मालवाहक जहाज को ईरान के सहयोगी हूती लड़ाकों ने हाईजैक कर लिया। 

हमास ने हूती को शुक्रिया कहा

हमास ने हूती लड़ाकों को इस हाईजैक के लिए शुक्रिया बोला है। अधिकारियों का कहना है कि जहाज पर कोई भी इजरायली नागरिक नहीं है। दावा किया जा रहा है कि इजरायली नागरिकों को बंधक बनाने की गरज से इस मालवाहक जहाज को अगवा किया गया था। 

शिपिंग रास्तों की सुरक्षा को लेकर सवाल 

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के दफ्तर से कहा गया है कि ईरान का ये एक आतंकी हरकत है जिसने दुनिया भर की शिपिंग रास्तों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है। हूती ने भी शिप को हाईजैक करने की पुष्टि की है। हालांकि इस मिलिशिया समूह ने इजरायली जहाज को अपने कब्जे में लेने का दावा किया लेकिन तेल अवीव ने इसे खारिज कर दिया। हूती ने एक बायन में कहा कि दक्षिणी लाल सागर से जहाज को यमन के बंदरगाह पर ले जाया गया। हमास के प्रतिनिधि ओसामा हमदान ने कहा, यमनी विद्रोही संगठन हूती की ओर से ये एक स्वागत योग्य कदम है। और मेरा मानना है कि इजरायल दी तरफ से गाजा में की जा रही हरकत के खिलाफ ऐसा किया जाना जरूरी है। हमास की तरफ से कहा गया है कि उन तमाम लोगों का शुक्रिया जो अरब मुल्कों और दूसरे इस्लामी देशों में इजरायली जुल्म और जुर्म के खिलाफ सड़कों पर उतरे। 

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हाईजैक करने में हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल

हूती के प्रवक्ता के मुताबित एक बयान में कहा गया है कि हम जहाज के चालक दल के सदस्यों के साथ इस्लामी सिद्धांतो और मूल्यों के मुताबिक व्यवहार कर रहे हैं। हूती ने एक हेलिकॉप्टर का उपयोग करके अपने लड़ाकों को जहाज पर उतारा है और इसे अपने कब्जे में ले लिया। इजरायल ने कहा है कि इस मालवाहक जहाज का मालिकाना हक एक ब्रिटिश कंपनी के पास । जबकि इसका संचालन एक जापानी कंपनी के जरिए किया जा रहा है है। इस जहाज पर यूक्रेन, बल्गेरिया, फिलिपींस और मैक्सिको समेत कई देखों के क्रू मेंबर मैजूद थे। 

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