कट्टरपंथियों के आगे झुकी इमरान सरकार, TLP के 860 एक्टिविस्ट जेल से छोड़े, टीएलपी और सरकार के बीच समझौता
इमरान सरकार ने 860 एक्टिविस्ट जेल से रिहा किये, कट्टरपंथियों के आगे झुका पाकिस्तान, TLP ने दी सरकार को चेतावनी, पढ़े देश में हो रहे जुर्म की खबरें, crime news daily in Hindi on CrimeTak.in
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पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गृह विभाग ने एक आदेश जारी कर बताया कि टीएलपी के करीब 860 कार्यकर्ताओं को छोड़ दिया गया है। इन्हें हिरासत में रखा गया था। इनके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया गया था। 2015 में बनी टीएलपी पर पाकिस्तान ने प्रतिबंध लगा रखा है। प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-लब्बैक टीएलपी अपनी पार्टी के मुखिया साद रिजवी की रिहाई और फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने की मांग पर अड़ी थी। पिछले साल नवंबर में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने क्लास में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाए जाने को अभिव्यक्ति की आजादी बताया था। इसके बाद से ही टीएलपी पाकिस्तान से फ्रांस को राजदूत को निकालने की मांग कर रही है। इसी साल अप्रैल में इसी मांग को लेकर हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद टीएलपी के प्रमुख साद रिजवी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
पिछले हफ्ते 350 कार्यकर्ताओं को भी रिहा किया था
इमरान सरकार ने पिछले हफ्ते 350 कार्यकर्ताओं को भी रिहा किया था। भले ही टीएलपी के हजारों कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया गया हो, लेकिन अभी भी ये तनातनी खत्म होने की संभावना नहीं है। टीएलपी ने एक बयान जारी कर कहा है कि उनका प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक पार्टी प्रमुख साद रिजवी समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं को रिहा नहीं किया जाता। टीएलपी ने साफ किया है कि वो विरोध प्रदर्शन बंद नहीं करेगी। हालांकि, उसने सरकार के साथ बातचीत के रास्ते खुले होने की बात भी कही है।
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अब तक 21 लोग मारे गए
टीएलपी के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे मौलवी मुनीबुर रहमान ने रविवार को सरकार के साथ समझौता किया। इसके बाद उन्होंने घोषणा की कि टीएलपी के कार्यकर्ता लाहौर से 150 किमी दूर वजीराबाद में धरना देंगे। उन्होंने 10 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं को मेन जीटी रोड छोड़ने को भी कह दिया है। हालांकि, मौलवी मुनीबुर ने ये भी चेतावनी दी है कि अगर पार्टी के और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जाता है तो ये समझौता रद्द हो जाएगा। मंगलवार को भी वजीराबाद में एक और पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई। पुलिस का दावा है कि टीएलपी कार्यकर्ताओं के साथ झड़प में उनकी हत्या कर दी गई। हिंसा में अब तक 21 लोग मारे जा चुके हैं। इनमें 11 टीएलपी के कार्यकर्ता और 10 पुलिसकर्मी शामिल हैं।
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