पूजा खेडकर अब नहीं रही IAS, UPSC ने रद्द की सदस्यता, भविष्य में भी नहीं बन पाएंगी IAS-IPS

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पूजा खेडकर अब नहीं रही IAS, UPSC ने रद्द की सदस्यता, भविष्य में भी नहीं बन पाएंगी IAS-IPS
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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पूजा खेडकर अब नहीं रही IAS

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UPSC ने रद्द की सदस्यता

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भविष्य में भी नहीं बन पाएंगी IAS-IPS

IAS Puja Khedkar Latest News Updates: UPSC यानी संघ लोक सेवा आयोग ने ट्रेनी आईएएस पूजा की सदस्यता रद्द कर दी है। इसके अलावा खेडकर भविष्य में यूपीएससी की किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगी। यूपीएससी ने तमाम दस्तावेजों की जांच के बाद खेडकर को CSE- 2002 Rules के उल्लंघन का दोषी पाया है। आपको बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग ने इस संबंध में FIR दर्ज की थी।यूपीएससी ने पूजा के पिछले 15 साल के दस्तावेजों की समीक्षा की। यूपीएससी ने स्पष्ट किया कि उम्मीदवारों द्वारा जमा किए गए हजारों प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच करने का उसके पास न तो अधिकार है और न ही साधन। ऐसे में अब पूजा के पास UPSC के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने का रास्ता खुला है। 

अब होगी पूजा गिरफ्तार?

पूजा खेडकर को गिरफ्तारी का डर भी सताने लगा है। उसकी अग्रिम जमानत पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। हालांकि अदालत की तरफ से अभी कोई फौरी राहत नहीं मिली है। इससे पहले यूपीएससी ने उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस को शिकायत की थी, जिस पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूजा खेडकर के खिलाफ जालसाजी, फोर्जरी, डिसएबिलिटी एक्ट और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। यूपीएससी ने अपनी शिकायत में कहा था -  पूजा खेडकर के खिलाफ विस्तृत जांच कराई गई। इसमें पता चला है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा 2022 में नियमों का उल्लघंन किया। उनकी परीक्षा में बैठने की लिमिट पूरी हो गई थी। इसके बावजूद उन्होंने फर्जी तरीके से अपनी पहचान बदलकर यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दी। उन्होंने अपने नाम, पिता का नाम, मां का नाम, फोटो और साइन तक बदल डाले। इसके अलावा मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और पता भी बदला। गलत तरीके से नई पहचान बनाने की वजह से उन्हें लिमिट से ज्यादा बार परीक्षा में बैठने का मौका मिला। 

दिल्ली पुलिस कर रही है सबूत इकट्ठा

इसको लेकर अब दिल्ली पुलिस एक-एक दस्तावेज इकट्ठा कर रही है। इस बीच पूजा गायब है। उसका मोबाइल नंबर भी Switched off जा रहा है। उसकी मां को पुलिस पहले ही अरेस्ट कर चुकी है। पूजा पर तमाम आरोप हैं।

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पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का प्रमाण पत्र जमा करके यूपीएससी परीक्षा में हिस्सा लिया था। उसके आधार पर विशेष रियायतें पाकर वो आईएएस बनीं। यदि उन्हें यह रियायत नहीं मिलती तो उनके लिए प्राप्त अंकों के आधार पर आईएएस पद प्राप्त कर पाना असंभव होता।

दरअसल यूपीएससी के एग्जाम में बैठने के लिए अलग-अलग कैटेगरी के तहत उम्मीदवारों को अलग-अलग मौके मिलते हैं। मसलन जनरल कैटेगरी का कोई भी उम्मीदवार 32 साल की उम्र से पहले तक कुल छह बार यूपीएससी का एग्जाम दे सकता है। ओबीसी कैटेगरी के तहत 35 साल की उम्र तक कुल 9 बार इम्तेहान देने की छूट है, जबकि एससी एसटी कोटा के तहत 37 साल की उम्र तक यूपीएससी के इम्तेहान में बैठा जा सकता है। यूपीएससी के इस बयान से साफ है कि पूजा खेडकर ने एग्जाम क्लीयर करने के लिए तय सीमा से ज्यादा बार इम्तेहान दिया और इसके लिए हर बार उसने नए नाम और नए पहचान का सहारा लिया।

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ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर कोटे से पास किया था UPSC

पूजा ने ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर के कोटे से यूपीएससी का इम्तेहान पास किया, जबकि खुद पूजा के नाम पर 17 से 20 करोड़ के आस-पास की प्रॉपर्टी है, जिससे लाखों रुपये किराया भी आता है। अब यूपीएससी के इम्तेहान में बैठने वाले नॉन क्रीमी लेयर के छात्रों का पैमाना ये है कि उनकी आमदनी सालाना 8 लाख से कम होनी चाहिए। पूजा खेडकर पर एक इल्ज़ाम ग़लत तरीके से खुद को दिव्यांग बता कर आईएएस के इम्तेहान में फायदा लेने का भी है। पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल ने पूजा को सात प्रतिशत दिव्यांग घोषित किया था। उनके बांये घुटने में लोकोमोटर दिव्यांगता की बात कही गई थी, लेकिन इसी अस्पताल के फिजियोथेरेपरी डिपार्टमेंट की रिपोर्ट कहती है कि पूजा खेडकर को कोई दिव्यांगता है ही नहीं। यानी अब पूजा की दिव्यांगता सर्टिफिकेट को लेकर खुद अस्पताल प्रशासन भी सवालों के घेरे में है। 

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