Russia Ukraine War: बाइडन की यूक्रेन यात्रा को लेकर डरी हुई थी अमेरिका की सीक्रेट सर्विस और पेंटागन में अफसरों की फौज

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Russia Ukraine War: बाइडन की यूक्रेन यात्रा को लेकर डरी हुई थी अमेरिका की सीक्रेट सर्विस और पेंटागन...
यूक्रेन की राजधानी कीव का दौरा करके जो बाइडन ने दुनिया को चौंकाया
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यूक्रेन की राजधानी कीव। चारो तरफ मलबा, और बारूद से सुलगे आशियानों के बीच धमाकों की आवाजों के साथ साथ रेड सायरन का बजना अब आम बात सी है। लेकिन सोमवार को अचानक यूक्रेन का कीव पूरी दुनिया की नज़रों के सामने था और टीवी की स्क्रीन पर ये खबर सुर्खियों में चमक रही थी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भीड़ के बीच खड़े हैं और फिजा में सायरन की आवाज़ शहर के सन्नाटे को चीर रही है। 

ये मंजर देखकर सारी दुनिया हैरत में पड़ गई, क्योंकि जिस शहर पर किसी भी समय रूसी मिसाइलों का हमला होता है...वहां अमेरिकी राष्ट्रपति खुलेआम खड़े होकर सीधे सीधे रूस को चुनौती देते दिखाई दिए। 

बीते एक सालों से कीव पर कब्जा करने की जंग चल रही है। पिछले साल यानी 24 फरवरी 2022 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इशारे पर रूसी सेना ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था। उस वकत पूरी दुनिया ने यही कयास लगाया था कि ये लड़ाई बेमेल है और एक हफ्ते से ज़्यादा यूक्रेन का रूस के सामने टिक पाना नामुमकिन है। मगर दुनिया भर के कयासों को धता बताते हुए इस जंग ने एक नई मिसाल और एक नया इतिहास रचा है। एक हफ्ते के भीतर खत्म होने वाली लड़ाई को यूक्रेन पूरे एक साथ तक खींच लाया। हालांकि इस दौरान उसने बहुत कुछ गंवाया है। अपने फौजी गंवाएं...अपने बेगुनाह नागरिकों की जान गंवाई...अपने संसाधनों से हाथ भी धोना पड़ा। यहां तक की अपने मुल्क के नक्शे में पूर्वी इलाक़े के कई हिस्सों पर रूसी दावे के बर्दाश्त करना पड़ रहा है...बावजूद इसके रूस की सेना के उस मंसूबे को यूक्रेन ने कभी पूरा नहीं होने दिया जिस मंसूबे को लेकर उसने यूक्रेन पर चढ़ाई शुरू की थी। 

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जो बाइडन और बोलोदीमीर ज़ेलन्स्की ने कीव में खुलेआम टहलकर दुनिया को चौंका दिया

कीव एक साल बाद भी युद्ध भूमि बना हुआ है। और उस ज़मीन पर दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क का सबसे ताकतवर नेता का खड़े होकर रूस को खुलेआम चुनौती देना अपने आप में खतरनाक हो सकता है। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इस जमीन पर बेफिक्री से टहलते हुए नज़र आए...और यही मंजर दुनिया को हैरान कर गया। ये सच है कि पुतिन की सेना लगातार यूक्रेन को अपना निशाना बना रही है। कोई इस बात को नहीं बता सकता है कि रूसी मिसाइल कब यूक्रेन के किस हिस्से को अपना निशाना बना ले। ऐसे में अगर गलती से भी बाइडन के इस दौरे के दौरान कोई अनहोनी हो जाती तो बस अंदाजा लगाया जा सकता है कि दुनिया की हालत क्या होती।शायद वो तीसरे विश्व युद्ध का बिगुल होता। 

बाइडन ने बड़े आराम से यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की के साथ उस हालात में एयर रेड सायरन के बीच टहलते दिखे जिसने इस बात को सोचने पर मजबूर कर दिया कि उस वक़्त क्या होता जब कोई अनहोनी हो जाती। दोनों नेताओं ने इस जंग में मारे गए यूक्रेन के सैनिकों और नागरिकों को श्रद्धांजलि दी है। 

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दुनिया जानकर हैरान हो सकती है लेकिन ये भी सच है कि जो बाइडन की इस यूक्रेन यात्रा को लेकर अमेरिका की सीक्रेट सर्विस के साथ साथ पेंटागन ने भी ऐतराज किया था। क्योंकि पेंटागन को इस बात का डर था कि अगर गलती से भी रूस ने गलती कर दी तो न सिर्फ दुनिया भर में जंग के बिगुल बजने शुरू हो जाएंगे बल्कि अमेरिका के पेंटागन और उसकी सीक्रेट सर्विस पर सवालिया निशान लग जाएंगे। अब सवाल दो हैं...पहला आखिर इन हालात में जो बाइडन ने यूक्रेन जाना क्यों जरूरी समझा। और दूसरा ये कि जो बाइडन की यूक्रेन में मौजूदगी युद्ध को कौन सा नया मोड़ दे सकती है। 

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तो क्या रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की कीव में मौजूदगी से डर जाएंगे। ये बात शायद कम ही लोग जानते हैं लेकिन राष्ट्रपति के तौर पर जो बाइडन की यूक्रेन ये पहली यात्रा है जबकि वो इससे पहले पांच बार यूक्रेन की यात्रा कर चुके हैं। और वहां पहुंचकर रूस के खिलाफ बाइडन का कुछ भी बोलना एक तरह से पुतिन का खून ही जलाना कहा जाएगा। 

हालांकि ये बात सभी जानते हैं कि एक साल पहले रूस ने यानी पुतिन ने यूक्रेन पर हमला करते समय यही सोचा था कि यूक्रेन कमजोर है और समूचा यूरोप बंटा हुआ है। ऐसे में इस हिस्से में अपनी सत्ता स्थापित करना पुतिन के लिए मुश्किल नहीं होगा। मगर बदले हुए हालात और यूक्रेन ने सचमुच पुतिन को गलत साबित कर दिया। 

हालांकि इस वक्त यूक्रेन पर रूसी खतरा हर रोज के हिसाब से बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में बाइडन की सीक्रेट सर्विस से जुड़े आला अधिकारी उनकी यूक्रेन यात्रा के खिलाफ थे। 

अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि जो बाइडन को पोलैंड बॉर्डर पर ही जेलेन्स्की से मिलने की सलाह दी गई थी लेकिन जब बाइडन नहीं मानें तो उनकी इस पूरी यात्रा और उसके कार्यक्रम को सीक्रेट रखा गया था। रविवार की रात व्हाइट हाउस की तरफ से पहली बार ये घोषणा की गई कि जो बाइडन सोमवार की शाम पोलैंड पहुँचेंगे...जबकि असलियत ये थी कि बाइडन का विमान तब तक आधा रास्ता तय कर चुका था। पूरे 24 घंटों तक उनका ये दौरा पूरी तरह से सीक्रेट रखा गया था। हैरानी की बात ये है कि बाइडन पोलैंड के बॉर्डर से ट्रेन के जरिए यूक्रेन पहुँचे। 

कीव पहुँचने पर पूरी राजधानी को नो फ्लाइ ज़ोन में तब्दील कर दिया गया। इस दौरान अमेरिकी मिसाइल शील्ड पेट्रियट को तैनात किया गया। उस वक्त तक यही खबर कीव में घूम रही थी कि कोई खास आदमी राजधानी पहुँचने वाला है। साथ ही कीव जाने के तमाम रास्तों पर अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों का पहरा लग गया। इसके बाद शेवरले गाड़ियों के काफिले के साथ जो बाइडन कीव पहुँचे और खुलेआम जेलेन्स्की का समर्थन करके सारी दुनिया को चौंका दिया। 

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