कितनी सच्ची है वैगनर ग्रुप के चीफ की मौत की खबर? कैसे काम करता है वैगनर ग्रुप ?
Russia Wagner Group Died Latest Update: पुतिन की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी विक्टरोविच प्रिगोझिन की अब मरने की खबर आ रही है।
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Russia Wagner Group Died Latest Update: पुतिन की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी विक्टरोविच प्रिगोझिन की अब मरने की खबर आ रही है। इससे पहले वैगनर ग्रुप उस वक्त चर्चा में आया था, जब उसने विद्रोह कर दिया था। उनका टकराव रूस की सेना से हो गया था। बताया जा रहा है कि इस वक्त यूक्रेन में लगभग 50 हजार वैगनर काम कर रहे हैं।
कुछ दिनों पहले यूक्रेन के बखमुत में वैगनर ट्रेनिंग कैंप पर मिसाइल हमला हुआ था। इस हमले के लिए प्राइवेट आर्मी ने रूसी सैनिकों को दोषी ठहराया। इस हमले में कई वैगनर लड़ाके मारे गए थे।
पुतिन विरोधी नेता मिखाइल खोदोरकोव्स्की ने रूसियों से वैगनर के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन का समर्थन करने का आग्रह किया था।
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कौन है वैगनर ग्रुप? कैसे करता है काम?
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Yevgeny Prigozhin
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वैगनर ग्रुप रशियन प्राइवेट मिलिट्री कंपनी है। एक वक्त में वो रूस का फेवर करती थी। वैगनर ग्रुप का लीडर येवगेनी विक्टरोविच प्रिगोझिन एक घोषित अपराधी है। वो जेल जा चुका है। इसने पुतिन के शेफ के रूप में भी काम किया है। इसके बाद इसने कंपनी बनाई, जिसमें लड़ाकों को भर्ती किया। संगठन में दूसरे देशों के कई लोग शामिल हैं।
इसमें ज्यादातर लोग अपराधी है। कई देशों की सरकारें और संगठन इन्हें वित्तीय मदद करती है। संगठन में हजारों लड़ाके हैं। इस वक्त यूक्रेन में 50 हजार से ज्यादा वैगनर लड़ाके तैनात हैं।
एक वक्त में जब यूक्रेनी सेना ने रूस पर जवाबी कार्रवाई की थी तो पुतिन इससे काफी परेशान हुए थे। उस समय, प्रिगोझिन अपने वैगनर सैनिकों के साथ आगे आए, जिससे वह अपने देश में एक युद्ध नायक बन गए। वैगनर की सेना ने यूक्रेनी शहर बखमुत पर कब्ज़ा कर लिया। येवगेनी प्रिगोझिन हॉट डॉग स्टैंड से भाड़े के सैनिकों की सेना का प्रमुख बन गया।
येवगेनी प्रिगोझिन का जन्म 1961 में लेनिनग्राद (सेंट पीटर्सबर्ग) में हुआ था। वह सिर्फ 20 साल का था, जब वह विभिन्न वांछित घटनाओं में शामिल हो गया था और उस पर हमला, डकैती और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया। बाद में उसे अदालत में दोषी ठहराया गया और 13 साल की सजा सुनाई गई, हालांकि उन्हें 9 साल बाद ही रिहा कर दिया गया।
जेल से रिहा होने के बाद प्रिगोझिन ने सेंट पीटर्सबर्ग में हॉट डॉग बेचने का एक स्टॉल खोला। ये बिजनेस इतना चल निकला कि उन्होंने 90 के दशक में शहर में एक महंगा रेस्टोरेंट खोल लिया। येवगेनी के रेस्टोरेंट की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि लोग वहां खाना खाने के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े होने लगे। इसके बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने खुद और विदेशी मेहमानों को येवगेनी के रेस्तरां में भोजन के लिए आमंत्रित भी किया।
अपने रेस्तरां के बढ़ते प्रभाव के बाद ही येवगेनी को सरकारी ठेके दिए जाने लगे। येवगेनी को "मीटग्राइंडर" भी कहा जाता था। जैसे-जैसे वैगनर को उसकी सफलताओं का श्रेय मिलना शुरू हुआ तो येवगेनी ने रूसी सेना की आलोचना करना शुरू कर दी और युद्ध प्रयासों में उनके योगदान को अधिक मान्यता देने की मांग की। हालाँकि, पुतिन ऐसे शख्स हैं जो कामयाबी को साझा करना पसंद नहीं करते हैं। हालांकि वह और येवगेनी अब तक एक-दूसरे के खिलाफ सीधे हमलों से बचते रहे थे, लेकिन धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे के दुश्मन बन गए थे।
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