इन ऑनलाइन गेम से बच्चों का कराया जा रहा है धर्मपरिवर्तन, सामने आई ये बड़ी साजिश
converted via online gaming: गाजियाबाद पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग के जरिए धर्मांतरण कराने वाले एक इंटरनेशनल रैकेट का पर्दाफाश किया जिसके निशाने पर वो नाबालिग बच्चे हैं जो ऑनलाइन गेम खेलते हैं।
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Converted Via Online Gaming: अगर आपके बच्चे द यूथ क्लब चैनल देख रहे हैं किसी चैट ऐप से जुड़े हुए हैं या फिर ऑनलाइन गेम 'फोर्ट नाइट' खेल रहे हैं तो सावधान हो जाइये क्योंकि यूपी पुलिस खासतौर पर गाजियाबाद पुलिस की मानें तो इसके जाल में फंसकर नाबालिग बच्चों का धर्मपरिवर्तन कराने वाला इंटरनेशनल रैकेट सक्रिय है जिसके तार अब पाकिस्तान से जुड़े दिखाई पड़ रहे हैं।
धर्मपरिवर्तन का 'खुल्ला खेल'
गाजियाबाद में जिस धर्मपरिवर्तन की नई साजिश का सनसनीखेज़ खुलासा हुआ है उससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के साथ साथ पूरे देश में हड़कंप मच गया। इस साज़िश के तहत ऑनलाइन गेम से नाबालिग बच्चों को फांसने का प्लान उजागर हुआ है। खुलासा ये भी हुआ है कि ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में धर्मपरिवर्तन का 'खुल्ला खेल' खेला जा रहा है। लेकिन सबसे ज़्यादा चौंकाने वाला पहलू ये सामने आया कि 'द यूथ क्लब चैनल' के जरिए नाबालिग बच्चों को टारगेट किया जा रहा है। और सुरक्षा एजेंसियों को लगता है कि चैट ऐप के जरिए एक नए टूल किट से इस साज़िश को अंजाम दिया जा रहा है इस सनसनीखेज खुलासे के बाद देश की राजधानी में बैठी तमाम एजेंसियों के कदम दिल्ली से सटे गाज़ियाबाद की तरफ तेजी से बढ़ गए असल में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हो चुका था जिसने चारो तरफ हड़कंप मचा दिया और हर किसी को आस पास घूमते नाबालिग बच्चों की फिक्र सताने लगी।
मास्टरमाइंड की तलाश
क्योंकि ऑनलाइन धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ करने के बाद पुलिस अब उस मास्टरमाइंड की तलाश में निकली है जो मुंबई के पास ठाणे में कहीं छुपा बैठा है। इस सिलसिले में पुलिस ने महाराष्ट्र के अलावा गुजरात के कई इलाकों में छापामारी कर रही है। असल में गाजियाबाद पुलिस की टीम महाराष्ट्र और गुजरात में खान शाहनवाज मकसूद उर्फ बद्दो उर्फ टाइगर की तलाश में है। ये एक ऑनलाइन गेमर है और ऑनलाइन गेम खेलने के साथ साथ डिस्कॉर्ड पर अपने साथियों से चैट करता है।
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ऑनलाइन गेमिंग के पीछे हिडेन एजेंडा
पुलिस की अब तक की तफ्तीश से ये बात सामने आ गई है कि इस ऑनलाइन गेमिंग के पीछे शाहनवाज का एक हिडेन एजेंडा था। ये ऑनलाइन किसी के साथ भी गेम नही खेलता था बल्कि इसके टारगेट पर जो गेमर होते उनमें सबसे ये देखता वो मुस्लिम नही होना चाहिए। इसके अलावा दूसरा क्राइटेरिया था कि वो नाबालिग होना चाहिए। इसके अलावा वो ये पता लगाता था कि उसका शिकार कितनी देर तक ऑनलाइन रहता है और ज्यादातर कौन कौन से गेम खेलता है। इसके बाद वो उसके साथ गेम खेलना शुरू करता।
बच्चों को जिताकर जाल में फंसाया जाता
पुलिस के मुताबिक शाहनवाज शानदार गेम था इसलिए बच्चे इससे हार जाते थे। इसके बाद या अपने साथी खिलाड़ियों से कहता कि वह सभी डिस्कार्ड चैटिंग ऐप को डाउनलोड करें ताकि यह आपस में गेम से जरूरी बातें कर सके और रणनीति बना सके। जानकारी के मुताबिक शाहनवाज ने 2021 में हिंदू नाम बद्दो से फेक आईडी बनाई थी और और इसी आईडी से वो सबसे जुड़ता था। इसके बाद जब कोई कोई भी बच्चा इस चैट में शामिल हो जाता तो शाहनवाज कुरान की आयतें भेजता और कहता कि एक बार इसको पढ़ लो और फिर गेम खेलो जरूर जीतोगे। इसके बाद शाहनवाज उस बच्चे से गेम हार जाता। यह बच्चों के सामने यह साबित करने की कोशिश करता कि जब भी आयत पढ़कर गेम खेलोगे नहीं हारोगे।
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जाकिर नाइक के वीडियो
पुलिस के मुताबिक एक बार गेम के चक्कर में बच्चा उसके जाल में जब पूरी तरह से फंस जाता था तो शाहनवाज जाकिर नायक के वीडियोज भेजता था। हालांकि जाकिर नाइक के वीडियो आमतौर पर हिन्दुस्तान में बैन है लेकिन उनके वो लिंक शेयर करता जिससे बच्चा नमाज पढ़ना सीख सके। इसी तरीके से वो कुरान की आयतें लिखकर भेजता। बाकी तौर तरीके बताकर इस्लाम की तारीफ करता ताकि बच्चा पूरी तरह से उसकी बातों को मानना शुरू कर दे। जब बच्चे को पूरी तरीके से शाहनवाज शीशे में उतार लेता तो यह उनसे कहता कि अपने घर के आस-पास की मस्जिद में जाओ और पांचों वक्त की नमाज पढ़ना शुरू कर दो।
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पुलिस को ऐसे मिली थी रैकेट की भनक
पुलिस को तो इसके बारे में भनक भी नहीं लगती लेकिन 30 मई को गाजियाबाद के कविनगर थाने में एक माता-पिता पहुंचे और उन्होंने पुलिस को बताया कि उनका बच्चा मस्जिद में पांचों वक्त की नमाज पढ़ने जाने लगा है। इसके बाद इस मामले में गाजियाबाद पुलिस ने एफ आई आर दर्ज की और जांच शुरू कर दी। फिर पुलिस ने इस मामले में संजयनगर के जामा मस्जिद के मौलवी अब्दुर रहमान को गिरफ्तार किया। तब जाकर ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में धर्मांतरण की इंटरनेशनल साज़िश का पर्दाफाश हो सका।
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