किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है गोगी की गिरफ़्तारी की कहानी!

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किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है गोगी की गिरफ़्तारी की कहानी!
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गोगी को मालूम था कि अगर मैं टिल्लू को नहीं मारुंगा तो एक ना एक दिन टिल्लू उसे जरुर मार डालेगा। यही वजह थी कि गोगी हमेशा टिल्लू को मारने की फिराक में रहता था। साल 2018 में दिल्ली के बुराड़ी की सड़कों पर जो गैंगवार हुई उसकी तस्वीरें देखकर किसी के भी रौंगटे खड़े हो जाएं।

निशाने पर थे टिल्लू गैंग के बदमाश जो बुराड़ी के एक जिम में कसरत करने आए थे। गोगी और उसके साथियों ने इनको निशाना बनाया । इस शूटआउट में टिल्लू गैंग के तीन बदमाश गोगी और उसके साथियों ने मार गिराए जबकि फायरिंग की चपेट में आकर एक महिला को भी अपनी जान गंवानी पड़ी।

इसके बाद से पुलिस ने गोगी की तलाश तेज कर दी थी। स्पेशल सेल की कई टीमें गोगी को पकड़ने की कोशिश कर रही थीं। इसी बीच दिल्ली पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस के इंस्पेक्टर ने ऐसे फेसबुक एकाउंट पर नजर रखनी शुरु की जिसमें गोगी गैंग से जुड़ी तस्वीरों और वीडियो को डाला जाता था।

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इन फेसबुक एकाउंट की पड़ताल करने के बाद पुलिस की टीम को इस बात का सुराग मिला कि गोगी गुरुग्राम में कहीं छिपा हुआ है। तफ्तीश और आगे बढ़ाई गई तो पता चला कि गोगी गुरुग्राम के सेक्टर 82 की एक पॉश सोसायटी के फ्लैट में छिपा बैठा है। फरवरी 2020 में पुलिस को गोगी की लोकेशन का पता चल गया था।

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पुलिस की टीम ने कई बार उस फ्लैट की रेकी और उसके अंदर और बाहर जाने वाले दरवाजों को भी देखा। इसके बाद तय किया गया कि गुरुग्राम के सेक्टर 82 की मैपस्को केसाबेला सोसायटी पर रात के अंधेरे में छापेमारी की जाएगी। गोगी इस सोसायटी के दूसरे फ्लोर के एक फ्लैट में रहता था।

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गोगी के बारे में मशहूर था कि वो हल्का खतरा महसूस होने पर फायरिंग शुरु कर देता था। सामने चाहें पुलिस हो या फिर कोई बदमाश, क्योंकि गोगी फ्लैट में छिपा हुआ था लिहाजा स्पेशल सेल की टीम ने तय किया कि वो इस मामले में आतंकवादियों से निपटने के लिए खासतौर पर तैयार की गई स्वाट ( SWAT) टीम को इस ऑपरेशन में शामिल किया जाएगा।

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करीबन 30 स्वाट कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के जवान रात के अंधेरे में गुरुग्राम की सोसायटी में पहुंचे और उस टॉवर को चारों तरफ से घेर लिया जिसके सेंकंड फ्लोर के फ्लैट में गोगी छिपा हुआ था। पुलिस ने सीधी मुठभेड़ करने से बचने के लिए बकायदा लाउडस्पीकर पर ऐलान किया कि गोगी सरेंडर कर दे।

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करीब 20 मिनट तक गोगी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। आधुनिक हथियारों से लैस स्वाट की टीम फ्लैट को घेरकर खड़ी थी। गोगी और उसके साथी बदमाशों के लिए निकल भागने वाले सारे रास्ते बंद हो गए थे। 20 मिनट तक सन्नाटा छाया रहा।

बीस मिनट बाद गोगी अपने दो और साथियों के साथ फ्लैट से बाहर निकला और उसने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। गोगी के साथ ही दो और खूंखार बदमाश रोहित मोई और कुलदीप फज्जा ने भी पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। पुलिस ने इनके कब्जे से 6 विदेशी पिस्टल और 70 कारतूस बरामद किए थे।

गोगी की एक आदत उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश श्री प्रकाश शुक्ला से मिलती थी। वो ये थी कि गोगी जिसको भी निशाना बनाता था उसके इतनी गोलियां मारता था कि दहशत फैल जाए। साल 2020 में बाहरी दिल्ली में वीरेन्द्र मान के मर्डर में उसे गोगी ने 20 गोलियां मारी थीं। ठीक इसी तरह टिल्लू गैंग के एक गुर्गे पर गोगी ने 50 से ज्यादा गोलियां बरसाईं जिसमें 26 गोलियां पवन नाम के उस बदमाश को लगी थीं।

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