Kolkata Rape and Murder : इन पांच सवालों में छुपा उस रात का पूरा सच, CBI के सामने खड़ी ये बड़ी चुनौतियां
CBI to Investigate Five Reason: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की खबर जंगल की आग की तरफ पूरे मुल्क में फैल गई है। कश्मीर से केरल तक इस कांड को लेकर गम और गुस्से का सैलाब उमड़ रहा है। हर जगह इंसाफ की पुकार लगाई जा रही है। इसी बीच इस पूरे मामले की तफ्तीश देश की केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने शुरू कर दी है। सीबीआई को उन पांच सवालों के जवाब तलाश करने हैं जिनके बारे में माना जा रहा है कि उनमें ही पूरा सच छुपा है।
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न्यूज़ हाइलाइट्स
CBI के सामने पांच सवालों की तह जानना जरूरी
हमलावरों की आड़ में छुपे उपद्रवियों का मास्टरमाइंड कौन?
आंदोलन को खराब करने की साजिश? देश भर में विरोध की आग
सूर्याग्नि रॉय और राजेश शाहा के साथ सुप्रतिम बनर्जी की रिपोर्ट
Kolkata Rape and Murder: मेयेदेर रात दॉख़ोल... यानी लड़कियों की रात, बुधवार यानी 14 अगस्त की रात को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College and Hospital) अस्पताल के आंदोलनकारी छात्रों का एजेंडा कुछ ऐसा ही था। अपनी सहकर्मी और दोस्त के साथ हुए बलात्कार और क़त्ल की वारदात से गुस्साई लड़कियां इस रात अपनी बात रखने वाली थी। लेकिन इससे पहले कि ऐसा हो पाता, कुछ ऐसा हो गया जिसकी वजह से बात समझ और सुलझ के दायरे से निकलकर बवाल और सवाल के घेरे में जा पहुँची।
हुड़दंगियों ने अगवा किया आंदोलन
बवाल ये हुआ कि अचानक सैकड़ों हुड़दंगियों की भीड़ ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर हमला कर ऐसी तोड़-फोड़ (vandalised) मचा दी। अस्पताल में काम करने वाले मुलाजिमों से लेकर मरीजों तक सबकी सांसें हलक में अटक गईं। हालात इस कदर बेकाबू और बेलगाम दिखने लगे कि अस्पताल में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए भी अपनी जान बचाने के लाले लग गए। जिसे जिधर मौक़ा मिला, वो उधर ही भाग कर भीड़ से बचाने की कोशिश में लग गया। उपद्रवियों का हमला था ही कुछ ऐसा कि अस्पताल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट (Emergency Department) का टिकट काउंटर (Ticket Counter), हाईब्रिड क्रिटिकल केयर यूनिट (Hybrid Critical Care Unit) यानी HCCEU, क्रिटिकल केयर यूनिट (Critical Care Unit) यानी CCU, मेडिकल स्टोर रूम (Medical Store Room) समेत और भी कई अहम हिस्सों को हमलावरों ने चूर चूर कर डाला। भयानक तोड़-फोड़, खिड़की, दरवाजों से लेकर अलमारियों, बेड और फर्निचरों के साथ-साथ सीलिंग फैन जमीन पर पड़े कराहते नज़र आ रहे थे, ये तबाही का सैलाब इतना तेज और भयानक था कि अस्पताल परिसर में मौजूद पुलिस चौकी भी उखड़ गई।
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जंगल की आग बन चुका कोलकाता हत्याकांड
सवाल यही है कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर (Trainee Doctor) की रेप के बाद हत्या का मामला क्या अब जंगल की आग बन चुका है जिसकी आंच में पूरा देश तपता सा महसूस करने लगा। लग तो यही रहा है कि इस घिनौने कांड को लेकर पूरे देश में लोग गुस्से से तमतमा रहे हैं।
मगर इस कांड को लेकर हर गुजरते पल के साथ कुछ नया खुलासा सामने आ रहा है जो पूरी घटना को और भी ज्यादा संजीदा और संगीन बना रहा है। जिस बात की आशंका शुरू से ही जताई जा रही थी अब उसको जुबान मिलनी शुरू हो गई है। मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं कि अस्पताल प्रशासन इस संगीन वारदात से जुड़े तमाम सबूतों को मिटाने पर आमादा है।
अस्पताल से सबूत मिटाने साजिश?
डॉक्टरों का यहां तक आरोप है कि 14 और 15 अगस्त की दरम्यानी रात को जिस तरह से उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की, सेमिनार हॉल से महज 20 मीटर की दूरी पर चेस्ट डिपार्टमेंट के ऑफिस में तबाही मचाई, और मरम्मत के नाम पर सबूतों के साथ पुलिस के सामने छेड़छाड़ की जाती रही और पुलिस महज तमाशबीन बनी खड़ी रही, उससे इस पूरे मामले में सवालों की झड़ी लगना लाजमी है।
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अब सवाल ये है कि आख़िर इस तोड़फोड़ के पीछे हमालवरों की मंशा क्या थी?
क्या वो आंदोलनकारी छात्रों को डराना और आंदोलन से हटाना चाहते थे?
या फिर हमलावरों का असली इरादा सीन ऑफ क्राइम को नष्ट कर सारे सबूत मिटा देना था?
कहीं ऐसा तो नहीं कि हमलावर अस्पताल प्रशासन और सिस्टम (System) से नाराज़ होकर अपनी खीझ मिटा रहे थे?
ज़ाहिर है अब पुलिस को आधी रात का सच जानने के लिए इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढना है...
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हमलावरों का Mastermind कौन?
अगर तो ये हमलावर आंदोलनकारी छात्रों पर हमला कर उन्हें आंदोलन से पीछे हटने की मजबूर करना चाहते थे, तो फिर शक की सुई सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की तरफ ही घूमती है, क्योंकि ये आंदोलन फिलहाल तृणमूल के ही गले की फांस बना है। बंगाल विधान सभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी कुछ ऐसे ही इल्ज़ाम लगाए हैं। हालांकि तृणमूल के सांसद अभिषेक बनर्जी ने आंदोलनकारियों का समर्थन करते हुए अस्पताल में हमला करने वालों पर बगैर किसी भेदभाव के फौरन कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। ऐसे में देखा जाए, तो हर कोई हमलावरों के खिलाफ नजर आ रहा है, लेकिन हमलावर हैं कौन, इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं।
पुलिस कमिश्नर का पैंतरा
फिलहाल कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) ने इस सिलसिले में करीब 12 लोगों को गिरफ्तार किया है उनसे पूछताछ कर रही है। इसी के साथ-साथ सोशल मीडिया (Social Media) पर कोलकाता पुलिस ने हमलावरों की कुछ तस्वीरें फैलाने और उनके बारे में सुराग़ देने की अपील भी लोगों से की है। पुलिस ने कहा है कि हमलावरों की भीड़ में बहुत से लोग ऐसे थे, जो हाफ पैंट, टी शर्ट या फिर सिर्फ बनियान पहने ही आरजी कर अस्पताल तक पहुंचे थे, ऐसे में शक है कि ये लोग कहीं दूर दराज से नहीं आए, बल्कि ये आस-पास के ही लोग थे, जिन्हें हमले के लिए तैयार करके यहां तक लाया गया था। मगर कमाल ये है कि इस पूरी अराजकता के लिए अब कोलकाता पुलिस के कमिश्नर विनीत कुमार गोयल अब मीडिया को ही कसूरवार ठहराने लगे हैं।
आरोपी ने पीछा किया, CCTV बताएगा सच?
हालांकि इस मामले को सीबीआई (CBI) के हवाले किए जाने से पहले कोलकाता पुलिस ने संजय रॉय (Sanjoy Roy) नाम के मुल्ज़िम को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन अब ये सवाल सामने आया है कि संजय रॉय करीब महीने भर से वारदात का शिकार बनीं डॉक्टर का पीछा कर रहा था... ऐसे में सीबीआई (CBI) आरजी कर मेडिकल कॉलेज से लेकर आस-पास के इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल कर देख रही है, ताकि ये पता चल सके कि क्या वाकई संजय रॉय उस डॉक्टर का पीछा करता था या नहीं?
पैर 90 डिग्री तक घूमे थे
ट्रेनी डॉक्टर के रिश्तेदार का कहना था कि जब डॉक्टर के पिता ने तीन घंटे के इंतजार के बाद बेटी का शव देखा तो विचलित हो गए। क्योंकि डॉक्टर के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था, उसके पैर 90 डिग्री (90 Degree) पर एक दूसरे से अलग थे, और ऐसा तब तक नहीं हो सकता जब तक कि इंसान का पेल्विक गर्डल न टूट जाए। मतलब साफ है कि उसकी टांगों को चीर दिया गया था। उसका चश्मा टूटा हुआ था और आंखों में चश्मे के टुकड़े थे, उसके मुंह से खून निकलने के निशान थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Postmortem Report) में कहा गया है, ‘‘उसकी दोनों आंखों और मुंह से खून बह रहा था, चेहरे और नाखून पर चोट के निशान थे। पीड़िता के प्राइवेट पार्ट (Private Part) से भी खून बह रहा था। उसके पेट, बाएं पैर, गर्दन, दाएं हाथ और होंठों पर भी चोट के निशान थे।
पिता ने क्लिक की बेटी की तस्वीर
पिता को बेटी की एक तस्वीर क्लिक करने की अनुमति दी गई, जिसे बाहर आकर उन्होंने रिश्तेदारों को दिखाया। जख्मी शरीर, चिरे हुए पैर इसका इशारा कर रहे हैं कि हत्या करने वाला अकेला संजय रॉ नहीं था। इशारा यही है कि कई लोगों ने मिलकर ट्रेनी डॉक्टर की जान ली।
पांच सवालों में छुपा उस खौफनाक रात का पूरा सच
असल में यह हमला किसी बड़ी साजिश और या किसी बड़े नेटवर्क (Network) की तरफ से किया गया सुनियोजित प्लान का हिस्सा है, इसका खुलासा तभी हो सकेगा जब हत्या की इस पूरी वारदात की परतें उधेड़ी जाएंगी। मुमकिन है कि एक डॉक्टर की मौत से अलग बड़े कारनामे भी सामने आ सकते हैं। तभी तो माना जा रहा है कि सीबीआई के सामने मुख्य तौर पर पांच ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब अगर मिल जाता है तो यकीनन उस खौफनाक रात का पूरा सच सामने आ सकता है। हॉस्पिटल में घुसकर तोड़फोड़ की। चश्मदीदों की मानें तो उपद्रवियों ने रेप-मर्डर वाली जगह को टारगेट किया और सबूत मिटाने की कोशिश की। इसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे (CCTV Camera) भी तोड़े गए। यह हमला किसी बड़ी साजिश और बड़े आपराधिक नेटवर्क की ओर इशारा कर रही है। जब हत्या की परतें उधेड़ी जाएंगी तो एक डॉक्टर की मौत से अलग बड़े कारनामे भी सामने आ सकते हैं।
क्या किसी की राजदार थी 'ट्रेनी डॉक्टर'
31 साल की ट्रेनी डॉक्टर की मौत में जिन सवालों से जवाब सीबीआई को तलाशने हैं, वह बेहद गंभीर हैं। इसके बाद ही पता चलेगा कि डॉक्टर की हत्या में कितने लोग शामिल हैं। उसके साथ गैंगरेप और मर्डर किसी साजिश के तहत किया गया। क्या मेडिसिन विभाग में पीजी सेकेंड ईयर की स्टूडेंट अस्पताल में हो रही किसी गड़बड़ी की राजदार थी, जिससे कई सफेदपोश के चेहरे बेनकाब हो सकते थे।
रेप या गैंगरेप? प्राइवेट पार्ट से 151mg Semen मिला
सीबीआई को सबसे पहले यह साफ करना होगा कि महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप हुआ था या गैंगरेप? पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मिले साक्ष्य बताते हैं कि उसके प्राइवेट पार्ट से 151mg Semen मिला था। एक्सपर्ट डॉक्टर (Expert Doctors) मानते हैं कि इतने बड़ी मात्रा में सीमन एक आदमी का नहीं हो सकता तो फिर गैंगरेप में कितने लोग शामिल थे?
क्या हत्या में कई लोग शामिल?
जब पीड़िता के परिजन मौत की खबर सुनकर हॉस्पिटल पहुंचे तो ट्रेनी डॉक्टर का शव बेड पर पड़ा था। उसका एक पैर बेड की एक तरफ और दूसरा 90 डिग्री पर नग्न हालत पर पड़ा था। ऐसा तभी हो सकता है कि जब दोनों पैरों को पकड़कर दो तरफ से खींचा जाए। इसका मतलब है कि इस हत्या में भी कई लोगों की संलिप्तता हो सकती है। ये अतिरिक्त लोग कौन हैं?
क्राइम सीन को क्यों बिगाड़ा, मास्टरमाइंड कौन?
क्राइम सीन से छेड़छाड़ की खबरें भी आ रही हैं। कोलकाता पुलिस पर इस मामले में तथ्यों को छिपाने के आरोप लगे हैं। बुधवार रात भी उपद्रवी भीड़ ने क्राइम सीन को बिगाड़ने की कोशिश की। सीबीआई के लिए इसे सुलझाना आसान नहीं होगा। कोलकाता पुलिस से पूरी जानकारी निकालना भी सीबीआई के लिए चुनौती होगी। कोलकाता के पुलिस के तथ्य संदिग्ध हैं, जिस पर काफी सवाल खड़े हुए हैं। इस केस में यह जानना जरूरी होगा कि मौत के बाद आत्महत्या की पहली सूचना किसके इशारे पर जारी की गई। ऐसी सूचना जारी करने का मकसद क्या था?
36 घंटे की ड्यूटी के बाद सेमिनार रूम में कैसे पहुंची?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कि इस केस का आरोपी संजय रॉय की पहुंच अस्पताल के सभी डिपार्टमेंट तक थी। तो क्या उसे ड्यूटी रोस्टर की भी जानकारी थी? ट्रेनी डॉक्टर 36 घंटे तक लगातार ड्यूटी कर रही थी, ड्यूटी के बाद रात दो बजे डिनर करने के बाद वह स्टाफ रूम में ऊपर गई। फिर वह सेमीनार हॉल में कैसे पहुंची? क्या उसे कौई ले गया? आरोपी संजय के साथ वह कैसे पहुंची?
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